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फिलिस्तीन समर्थक पोस्ट लाइक करने वाली प्रिंसिपल को स्कूल से निकाला गया

12 साल से स्कूल में काम कर रहीं परवीन शेख ने स्कूल के इस फैसले को 'पूरी तरह गैरकानूनी' बताया है. कहा कि ये राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है.

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Parveen Shaikh Somaiya School
सोमैया स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल परवीन शेख (फोटो- लिंक्डइन)
8 मई 2024 (Updated: 8 मई 2024, 17:22 IST)
Updated: 8 मई 2024 17:22 IST
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मुंबई के सोमैया स्कूल ने सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन समर्थक पोस्ट लाइक करने पर अपनी प्रिंसिपल परवीन शेख को नौकरी से निकाल दिया है. 26 अप्रैल को स्कूल प्रबंधन ने इसी मसले पर परवीन से इस्तीफा मांगा था. हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. प्रिंसिपल के खिलाफ ये कार्रवाई 24 अप्रैल को एक न्यूज वेबसाइट पर छपी खबर के बाद शुरू हुई थी. अब स्कूल ने नौकरी से निकालने के बाद कहा है कि ये फैसला स्कूल की एकता और समावेशिता को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है.

सोमैया स्कूल मुंबई के विद्याविहार इलाके में है. 7 मई को स्कूल ने एक बयान जारी कर कहा, 

"हाल में, हमें पता चला कि परवीन शेख की सोशल मीडिया गतिविधियां ऐसी हैं जो हमारे मूल्यों से इत्तेफाक नहीं रखती हैं. हम अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं. इसके बावजूद हम जानते हैं कि इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी और दूसरों के सम्मान के साथ होना चाहिए."

स्कूल प्रबंधन ने बयान में आगे लिखा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए और काफी सोच-विचार के बाद, मैनेजमेंट ने परवीन शेख को सोमैया विद्याविहार से हटाने का फैसला लिया है.

हालांकि परवीन शेख ने स्कूल के इस फैसले को 'पूरी तरह गैरकानूनी' बताया है. शेख पिछले 12 सालों से इस स्कूल के साथ जुड़ी हुई थीं और सात साल पहले उन्हें प्रिंसिपल बनाया गया था.

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समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, परवीन ने कहा कि ये पूरी तरह राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है. उन्होंने कहा, 

"स्कूल प्रिंसिपल के तौर पर मेरा काम शानदार रहा है. इस वजह से (पोस्ट लाइक) मुझे नौकरी से हटाना गलत है और अन्याय है. ये राजनीति से प्रेरित लगता है और मैं कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही हूं."

जिस वेबसाइट पर परवीन शेख को लेकर खबर छपी थी, उसमें उन पर फिलिस्तीन समर्थक पोस्ट लाइक करने और हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि 24 अप्रैल को न्यूज वेबसाइट पर आर्टिकल छपने के बाद 26 अप्रैल को मैनेजमेंट ने परवीन के साथ एक मीटिंग की और उन्हें इस्तीफा देने को कहा था. हालांकि परवीन ने अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की बात करते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद मैनेजमेंट ने 4 मई को उनसे लिखित में स्पष्टीकरण मांगा था.

हालांकि स्कूल के बयान में ये नहीं बताया गया है कि परवीन ने प्रबंधन को जवाब दिया या नहीं.

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