मणिपुर: पुलिस के पास पहुंची थीं महिलाएं, उसके बाद ही भीड़ ने निर्वस्त्र कर घुमाया- CBI
चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलिस ने महिलाओं की कोई मदद नहीं की थी.
मणिपुर में पिछले साल दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न और उन्हें बिना कपड़ों के परेड (Manipur women paraded) कराने से जुड़े मामले में नया खुलासा सामने आया है. मामले में CBI ने चार्जशीट दाखिल की है. इसमें दावा किया गया है कि मणिपुर पुलिस के अधिकारी इन महिलाओं को कांगपोकपी जिले में 1000 मैतेई प्रदर्शनकारियों के बीच लेकर पहुंचे थे.
समाचार एजेंसी PTI की खबर के मुताबिक, CBI की चार्जशीट में बताया गया है कि इन महिलाओं ने पुलिस की गाड़ी में शरण मांगी थी. लेकिन पुलिस ने दोनों महिलाओं को भीड़ के बीच ही छोड़ दिया. इसके बाद भीड़ ने उन्हें निर्वस्त्र करके परेड कराई और फिर उनके साथ यौन शोषण किया.
रिपोर्ट के अनुसार, चार्जशीट की जानकारी देने वाले अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं ने पुलिसवालों से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए मदद मांगी थी. लेकिन पुलिसवालों ने महिलाओं से कहा कि उनके पास गाड़ी की चाबी नहीं है. चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलिस ने महिलाओं की कोई मदद नहीं की थी.
PTI ने लिखा कि भीड़ महिलाओं के गांव में जबरदस्ती दाखिल हुई थी. इसके बाद अन्य पीड़ितों के साथ दोनों महिलाएं भीड़ से बचने के लिए जंगल की तरफ भागी थीं. लेकिन भीड़ ने उन्हें देख लिया था. भीड़ से ही कुछ लोगों ने महिलाओं से कहा था कि वो सड़क किनारे खड़ी पुलिस की गाड़ी के पास पहुंचकर मदद मांगें. महिलाएं पुलिस की गाड़ी तक पहुंचीं और उसके अंदर बैठ गईं. इसके बाद भी ड्राइवर और दो पुलिसवाले गाड़ी में शांति से बैठे रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक, तीन-चार पुलिसवाले गाड़ी के बाहर खड़े थे. इन्हीं महिलाओं के साथ एक पुरुष पीड़ित भी पुलिस की गाड़ी में बैठा था. उसने पुलिसवालों से हाथ जोड़कर कहा कि उन्हें किसी सुरक्षित जगह ले चलें, लेकिन पुलिसवालों ने उसे जवाब दिया कि गाड़ी की चाबी नहीं है.
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रिपोर्ट बताती है कि पुलिस ने गाड़ी में बैठे पुरुष के पिता को भी भीड़ के हाथों प्रताड़ित होने दिया. इसके बाद पुलिस की जीप के ड्राइवर ने हजारों लोगों की भीड़ की तरफ गाड़ी मोड़ी और उनके सामने जाकर गाड़ी रोक दी. जीप को भीड़ के बीच खड़ा करके पुलिस वाले वहां से चले गए. तब तक भीड़ ने जीप में बैठे पुरुष के पिता को मार डाला था. इसके बाद भीड़ जीप की तरफ आई. भीड़ में मौजूद लोगों ने महिलाओं को जीप से बाहर खींचा. उन्हें निर्वस्त्र किया और इसी हालात में उन्हें घुमाया. इसके बाद उनका यौन उत्पीड़न किया गया.
क्या है पूरा मामला?जुलाई 2023 में मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में भीड़ दो महिलाओं को बिना कपड़ों के परेड करा रही थी. एक महिला की उम्र लगभग 20 साल और दूसरे की उम्र लगभग 40 साल है. वीडियो में ये भी देखा गया कि भीड़ से कुछ लोग पीड़िताओं को घसीट रहे हैं और उनका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं.
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CBI ने अपनी चार्जशीट में बताया कि इसके बाद कई और जगहों पर भी हिंसा हुई. मैतेई समुदाय की भीड़ ने एक गांव पर हमला किया और कई घरों को आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा भीड़ ने पड़ोस के एक गांवों में भी कुछ घरों को निशाना बनाया. जांच में ये भी पता चला कि 4 मई को आसपास के मैतेई गांव के प्रधानों और दूसरे समुदाय वाले गांव के लोगों के साथ एक बैठक हुई थी. चार्जशीट के अनुसार, बैठक के बावजूद भीड़ ने एक चर्च में और आसपास के कुछ घरों में आग लगा दी.
चार्जशीट में हुइरेम हेरोदाश मैतेई, अरुण खुंडोंगबम उर्फ नानाओ, निंगोम्बम टोम्बा सिंह उर्फ टोमथिन, पुखरीहोंगबाम सुरंजय मैतेई और नामीराकपम किरम मैतेई को आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा एक नाबालिग को भी 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. इनमें सामूहिक बलात्कार, हत्या, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना और आपराधिक साजिश से संबंधित धाराएं शामिल हैं.
वीडियो: मणिपुर की ग्राउंड रियलिटी क्या है? वहां की महिलाओं से सुनिए