साड़ियां जिनको UNESCO का संरक्षण हासिल है  

17 June 2025

Author : Ritika

केरल की Kasavu Saree में रेशम और सूती कपड़ों पर बॉर्डर लाइन और डिजाइन बनाने के लिए सोने या चांदी के धागों का इस्तेमाल किया जाता है.

Kasavu Saree

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मध्य प्रदेश की खास चंदेरी साड़ी अपनी डिजाइन, क्वलिटी और आरामदायक कपड़े के लिए फेमस है. इसे 'मध्य प्रदेश का गहना' भी कहा जाता है.

Chanderi Saree

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असम की फेमस मुगा सिल्क साड़ी अपने प्राकृतिक पीले-सुनहरे रंग, चमकदार बनावट के लिए जानी जाती है.

Muga Silk Saree

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उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ी अपने इतिहास, डिजाइन और लग्जीरियस फैब्रिक खासकर प्योर सिल्क और सोने/चांदी के जरी वर्क के लिए फेमस है.

Banarasi Saree

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ओडिशा की संबलपुरी इकत साड़ी अपनी तकनीक के लिए फेमस है. ये साड़ी बनाने में शुद्ध सिल्क का इस्तेमाल होता है.  

Sambalpuri Ikat Saree

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तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर से आने वाली कांजीवरम साड़ियां अपनी क्राफ्ट्समैनशिप, चमकीले रंगों और शानदार रेशमी कपड़े के लिए फेमस है.

Kanchipuram Silk Saree

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उत्तर प्रदेश की चिकनकारी साड़ी भी UNESCO प्रोटेक्टेड है. ये अपनी नाजुक और जटिल कढ़ाई के लिए फेमस है. इसमें सफेद धागों का इस्तेमाल करके विभिन्न डिजाइन बनाए जाते हैं.

Chikankari Saree

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गुजरात के पाटन में पटोला साड़ी बनाई जाती है. ये साड़ी अपनी अनूठी डबल इकत तकनीक, चमकीले रंगों और डिजाइन के लिए फेमस है.

Patola Saree

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