16 May 2025
Author : Ritika
ये कहने में आसान होता है, पर करने में नहीं. कई बार ओवरथिकिंग रोकना इतना आसान नहीं होता है, जितनी आसानी से कहा जाता है.
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किसी ने क्या फेस किया है, वो दुख क्या है, हम नहीं जानते. यहां कोई कॉम्पिटिशन नहीं चल रहा है कि आप किसी व्यक्ति के दुख, ट्रामा को किसी और से कंपेयर करें.
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कोई इंसान आपको कुछ बता रहा है और आप बीच में कह दे, 'ड्यूड Just get over it.' ये ऐसा लगता है कि आप उनकी बातों को सुनना ही नहीं चाहते हैं.
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किसी के साथ कुछ हुआ लेकिन आप कह रहे हैं कि इससे भी बुरा हो सकता था? ये बिल्कुल सही नहीं. ये वाक्य सामने वाले को सोचने पर मजबूर कर सकता है कि उसमें ही कुछ कमी है.
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अगर कोई व्यक्ति छोटी-छोटी बातों से परेशान हो जाता है, तो इसमें उसकी ही गलती है. You're too sensitive ऐसा ही साउंड करता है.
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कोई व्यक्ति किसी बात से उबर नहीं पाया और आप उसे कह दें कि तुम ड्रामेटिक बन रहे हैं, तो इससे सामने वाला व्यक्ति अपने इमोशन साझा नहीं कर पाएगा.
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कोई व्यक्ति अपनी पसंद और नापसंद के बारे में बता रहा है. लेकिन आप कह दें कि तुम सिर्फ अपने बारे में सोचते हो. ये सामने वाले को सेल्फिश महसूस करा सकता है.
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इंसान हर पल अच्छा महसूस नहीं कर सकता है, उन्हें भी सपोर्ट की जरूरत होती है. 'तुम तो ठीक हो' ये वाक्य हर बार इस्तेमाल मत कीजिए.
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