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बार-बार लगता है फोन बजा? अगर हां तो कहीं आपको ये बीमारी तो नहीं?

स्मार्टफोन बाइब्रेट हो रहा है लग रहा है जैसे उसकी घंटी बज रही है तो आप अकेले नहीं हैं. इस भरम का नाम है phantom vibration syndrome. बिना रिंग के रिंग सुनाई देने पर आपको एंजाइटी होती है तो उसे ringxiety कहते हैं.

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A small handful of recent studies have addressed a phenomenon known as “phantom vibration syndrome”
phantom vibration syndrome
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सूर्यकांत मिश्रा
16 जून 2025 (Updated: 16 जून 2025, 01:30 PM IST) कॉमेंट्स
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क्या आपको भी लगता है कि आपका फोन वाइब्रेट हो रहा है. क्या आपको भी अपने स्मार्टफोन की घंटी जब-तब सुनाई देती है. जाने-अनजाने फोन के वाइब्रेशन का अनुभव होता है और फिर अपने आप ही पॉकेट में या बैग में हाथ चला जाता है. दूर कहीं से अपने फोन की रिंगटोन सुनाई देती और फिर तकिये के नीचे पड़ा फोन ढूंढने चल देते हैं. फोन हाथ में आते ही पता चलता है कि उसमें तो कोई हरकत नहीं. बेचारा शांत पड़ा है. अगर ऐसा आपके साथ होता है तो अकेले नहीं हैं. बहुतों को ऐसी फीलिंग आती है.

इस फीलिंग का नाम है phantom vibration syndrome. सिंड्रोम शब्द पढ़कर घबराइए नहीं ये महज एक नाम है. हां जो ऐसा कुछ होने पर मतलब बिना रिंग के रिंग सुनाई देने पर आपको एंजाइटी होती है तो उसे ringxiety कहते हैं. घबराइए अभी भी नहीं. बस काम की जानकारी है तो जान लीजिए.

phantom vibration syndrome क्या है?

PVS सिंड्रोम की रिंग और वाइब्रेशन को चेक करने से पहले एक जरूरी बात जान लीजिए. ये कोई नई खोज नहीं है. कोई बीमारी भी नहीं है. मगर ये कई बार वाकई चिढ़ पैदा करता है तो बस जान लीजिए. आपको पता होगा तो किसी और को बता देना. उसकी ringxiety दूर हो जाएगी. अब बैठा स्टोरी का मीटर.

दरअसल कुछ सालों पहले एकाएक स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ा तो कई यूजर्स ने ऐसे अजीब अनुभव साझा किये. जब इस पर रिसर्च हुई तो पता चला कि अधिकांश यूजर्स ऐसी घटना का अनुभव करते हैं. हालांकि रिसर्च से एक बात और साफ हुई, कि ज्यादातर यूजर्स को फैंटम वाइब्रेशन का भ्रम बहुत परेशान करने वाला नहीं लगता है.

phantom vibration syndrome
phantom vibration syndrome

लेकिन ये बात भी सही है कि ये भरम तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल और उसके मन-मस्तिष्क पर प्रभाव को तो बताता ही है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये एक किस्म का hallucination है मतलब छद्म संवेदना है जो मस्तिष्क को नकली संदेश भेजता है. मस्तिष्क उस कंपन को महसूस करता है जो मौजूद ही नहीं है. अब ऐसा कभी-कभार हो तो कोई बात नहीं मगर जब ये लगातार हो तो anxiety होना स्वाभाविक है.

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इसी एंग्जायटी, चिंता, उत्कंठा को भी नया नाम दिया गया है. इसे कहते हैं ringxiety मतलब फोन की रिंग से होने वाली चिढ़. ये चिढ़ आगे चलकर Over-vigilance, Psychological stress और Emotional disturbance में बदल सकता है. PVS सिंड्रोम है ये तो सभी को पता है मगर इसकी असल वजह क्या है वो आज भी पता नहीं है.

इसलिए इसका कोई मेडिकल तरीके से इलाज संभव नहीं. एक ही तरीका है, फ़ोन का इस्तेमाल कम कीजिए. वैसे भी कम करना चाहिए. रही बात बिना वाइब्रेशन के फोन घनघन होने की तो अब आपको उसका नाम तो पता है. 

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