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स्मार्टफोन पर ग्रीन लाइन, सॉफ्टवेयर अपडेट के नाम पर कंपनियों ने बुद्धू तो नहीं बना दिया?

स्मार्टफोन में ग्रीन लाइन इशू पर कंपनिया वारंटी ऑफर कर रहीं, मगर असल खेल कुछ और है.

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smartphone green line issue: how companies made full of us with software updates including Oneplus, Xiaomi, Vivo, Oppo, Samsung
ग्रीन लाइन ने बवाल मचा दिया है (तस्वीर: सोशल मीडिया)
11 अगस्त 2023 (Updated: 11 अगस्त 2023, 21:07 IST)
Updated: 11 अगस्त 2023 21:07 IST
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पिछले कुछ सालों से स्मार्टफोन मेकर्स इसके बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं. सेलिंग पॉइंट के तौर पर सॉफ्टवेयर अपडेट की टाइम लाइन को पेश किया जाता है. ये सिक्के का चमकीला पहलू है, लेकिन दूसरा पहलू डार्क साइड, बल्कि कहें ग्रीन साइड बनकर सामने है. आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि हम पिछले कुछ दिनों में स्मार्टफोन्स में बाढ़ की तरह दिखे ग्रीन लाइन इशू की बात कर रहे हैं. इस मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित कंपनी OnePlus ने लाइफ टाइम वारंटी देने की बात कह दी है, इसलिए आज हम कारण से लेकर सॉफ्टवेयर अपडेट के नाम पर बुद्धू बनाने के खेल को समझने की कोशिश करेंगे.

ग्रीन रंग बन गया खतरे का संकेत 

हरे रंग को शांति से जोड़ा जाता है. जहां नजर आए आंखों को सुकून मिलता है. लेकिन यही रंग अगर मोबाइल स्क्रीन पर दिखे तो समझ लीजिए कि मुसीबत ने दस्तक दे दी है. मुसीबत के साथ दुख भी है, क्योंकि ऐसा उन स्मार्टफोन के साथ हो रहा है जो एमोलेड और ओलेड स्क्रीन के साथ आते हैं. मतलब मिडरेंज और फ़्लैगशिप फोन, जिनको खरीदने पर मोटा पैसा खर्च होता है. हमने इस मामले पर विस्तार से बताया है. आप यहां क्लिक करके जान सकते हैं.

सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद स्क्रीन पर ग्रीन लाइन वैसे तो तकरीबन हर ब्रांड में नजर आई, लेकिन कई लोगों का कहना है कि वनप्लस के स्मार्टफोन कुछ ज्यादा ही प्रभावित दिखे. अच्छी बात ये है कि कंपनी ने इस दिक्कत से जूझ रहे कस्टमर्स को लाइफ टाइम वारंटी ऑफर की है. लेटेस्ट मॉडल है तो कंपनी फोन बदलकर नया देगी और अगर पुराना मॉडल है, जिसके स्पेयर पार्ट्स नहीं मिल रहे तो नए फोन के लिए 25 हजार तक का ऑफर दे रही. हालांकि अभी दूसरी कंपनियों ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है.

बवाल हुआ तो कंपनी ने लाइफ टाइम वारंटी ऑफर करके अपना पीछा छुड़ा लिया. लेकिन एक सवाल का जवाब अभी भी बाकी है. सॉफ्टवेयर अपडेट में ऐसा क्या हुआ जो हार्डवेयर पर गंदा इंपेक्ट हुआ. आप शायद इस लाइन को पढ़कर चौंक गए होंगे, क्योंकि अभी तक तो ऐसा ही बताया जा रहा था कि अपडेट की वजह से ग्रीन लाइन आ रही. दरअसल भुगता हार्डवेयर ने है.

हुआ ये कि कई सारे यूजर्स ने सॉफ्टवेयर अपडेट को डीग्रेड किया. माने कि लंबे से प्रोसेस से वापस पुराने सॉफ्टवेयर पर वापस आए, लेकिन ग्रीन लाइन जस की तस बनी रही. तब समझ आया कि सॉफ्टवेयर ने हार्डवेयर को हार्ड टाइम दे दिया है. सॉफ्टवेयर अपडेट एक जटिल प्रोसेस है. सभी स्मार्टफोन मेकर्स पब्लिक को ऑफर करने से पहले महीनों इस पर काम करते हैं. तमाम टेस्ट होते हैं तब जाकर अपडेट पुश होता है.

अपडेट के दौरान हीट जनरेट होती है जो फोन के पिक्सल को प्रभावित कर सकती है. माना जा रहा है कि यहीं कुछ झोल हुआ है. बोले तो गर्मी ज्यादा लग गई. आपने भी अगर सॉफ्टवेयर अपडेट किया है तो अनुभव किया होगा कि उस दरमियान फोन अच्छा खासा गर्म होता है. वैसे इस गर्मी को कंट्रोल करने का काम स्मार्टफोन मेकर्स का है. इसको कंट्रोल किया जा सकता है. मगर अभी क्यों नहीं किया गया. वो साफ नहीं.

हम और आप स्मार्टफोन इस उम्मीद से लेते हैं कि वो कुछ साल साथ निभाएगा. कंपनी सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट टाइम पर देगी. पिछले कुछ सालों से तो मेकर्स ने सॉफ्टवेयर अपडेट को अपना बेस्ट सेलिंग पॉइंट बना दिया है. लेकिन जो सामने है वो निराशा पैदा करने वाला है. हमें बुद्धू बनाया गया है और बवाल होने पर पीछे का रास्ता अपनाया गया.

आप कौन सा फोन इस्तेमाल करेंगे वो सिर्फ आपका निर्णय होगा. लेकिन हमारी एक गुजारिश है. सॉफ्टवेयर अपडेट तुरंत नहीं करें. सोशल मीडिया से लेकर कंपनियों की वेबसाइट खंगाल लें. जब सब ठीक लगे तब अपडेट का बटन पुश करें.

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