David Cheriton: दुनिया के अकेले प्रोफेसर जिन्हें उनके छात्रों ने अरबपति बना दिया
हम बात कर रहे हैं एक प्रोफेसर की जिनके नाम के आगे ही "Professor Billionaire" लिखा जाता है. महाशय की आज की तारीख में नेटवर्थ 15.5 बिलियन (1 लाख करोड़ से भी ज्यादा) है.
एक प्रोफेसर साब की जीवन भर की कुल संपत्ति कितनी हो सकती है? कुछ लाख या कुछ करोड़ में. लाखों वाले तो बहुत मिल जाएंगे, क्योंकि एक प्रोफेसर को ठीक-ठाक पगार मिल ही जाती है. करोड़ वाले भी कुछ होंगे. मगर क्या किसी प्रोफेसर की कुल नेटवर्थ 1 लाख करोड़ से ऊपर हो सकती है, वो भी एकदम बिना किसी 'झोल' के? अगर आपको लग रहा है कि हम Money Heist के The Professor की बात कर रहे तो जनाब आपका अंदाजा गलत है.
हम बात कर रहे हैं असल के एक प्रोफेसर की जिनके नाम के आगे ही "Professor Billionaire" लिखा जाता है. महाशय की आज की तारीख में नेटवर्थ 15.5 बिलियन डॉलर (1.3 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा) है. मगर इनके पास अपने बाल काटने के पैसे नहीं' हैं. क्यों भई, वही हम आपको बताएंगे.
कौन हैं "Professor Billionaire"?David Cheriton इनका असली नाम है. मगर अब दुनिया इनको "Professor Billionaire" बुलाती है. अरबपतियों की लिस्ट में आजकल दुनिया में 135वें नंबर पर काबिज हैं. सिर्फ समझने के लिहाज से देखें तो भारत के जो टॉप अरबपति हैं, उनमें से सिर्फ 16 ही इनसे आगे हैं. उदय कोटक और अजीज प्रेमजी जैसे दिग्गज भी इनसे पीछे ही हैं.
73 साल के कनाडाई नागरिक डेविड अमेरिका की प्रतिष्ठित Stanford University में पढ़ाते हैं. तो क्या यूनिवर्सिटी उनको इत्ता सारा पीसा देती है? नहीं, यूनिवर्सिटी तो उनको उनके कद के मुताबिक ही पगार देती है. मगर उनके चेले-चपाटे जरूर उनको बहुत, मतलब बहुत पैसा देते हैं. चेले-चपाटे बोले तो उनके स्टूडेंट्स. क्यों देते हैं, वो जानने से पहले जरा इनके बारे में थोड़ा और जान लेते हैं.
डेविड के पास भले अरबों की संपत्ति है, मगर जनाब आज भी 30 साल पहले खरीदे छोटे से घर में रहते हैं और एक बेसिक सी गाड़ी चलाते हैं. इतना ही नहीं, अपने बाल भी खुदई काट लेते हैं क्योंकि उनको ये बड़ा आसान लगता है. खाली समय में क्लासिकल म्यूजिक सुनते हैं और पियानो पर उंगलियां फिराते हैं. तलाकशुदा हैं और चार बच्चों के बाप हैं. मोटा-माटी बता दिया, अब तआरुफ़ करते हैं इनके स्टूडेंट्स का.
Sergey Brin और Larry Pageये नाम आपको थोड़े अजनबी लग सकते हैं, मगर जो हम Google कह देंगे तो बात ही खत्म. वही गूगल जिसका आज की तारीख में मार्केट कैप 2 ट्रिलियन (करीब 1.7 लाख अरब रुपये) है. वही गूगल जिसके कर्ताधर्ता अपने धुरंधर सुंदर पिचाई हैं. वही गूगल जिसके शेयर के दम पर Sergey और Larry अरबपति हैं. उसी गूगल को 27 सितंबर, 1998 के दिन एक किराए के गैराज में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने स्टार्ट किया था. पहले-पहल नाम था Backrub, फिर हुआ Googol, मगर गलती से Google डोमेन रजिस्टर्ड हो गया जो आज भी बना हुआ है.
गूगल के शरुआती दिनों के कई किस्से हमें पता हैं, मसलन याहू ने कौड़ियों के भाव में नहीं खरीदा था. इस कंपनी में कोई भी अठन्नी लगाने को तैयार नहीं था. मगर एक किस्सा या कहें हकीकत और भी है.
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Sergey Brin और Larry Page जब दुनिया भर से अपने लिए फंड जुटा रहे थे तो वो पहुंचे अपने गुरु डेविड के पास. डेविड को आइडिया पसंद आया और उन्होंने 200,000 डॉलर (तब के 80 लाख रुपये) गूगल में इन्वेस्ट कर दिए. आज वो कितने हैं वो हमने पहले ही बता दिया.
हालांकि डेविड सिर्फ इन्वेस्टर नहीं हैं. खुद उन्होंने साल 1996 में Andy Bechtolsheim के साथ Granite Systems नाम से बड़ी कंपनी बनाई थी जिसे आगे चलकर Cisco Systems ने खरीदा. साल 2001 में Kealia नाम से कंपनी बनाई जिसे साल 2004 में Sun Microsystems ने खरीद लिया. कहने का मतलब प्रोफेसर साब के टेलेंट के भी कई मुरीद हैं.
गूगल से इतर उन्होंने कई और टेक कंपनियों को फंड किया है, मगर "Professor Billionaire" का खिताब तो उनको गूगल ने ही दिलवाया. वैसे उनके एक और बड़े फेमस स्टूडेंट हैं. Kenneth Duda जो Arista Networks नाम की 129 बिलियन डॉलर (10 हजार अरब रुपये से भी ज्यादा) की कंपनी के कर्ताधर्ता हैं. वो अक्सर कहते हैं कि स्टूडेंट को ऐसे पढ़ाओ कि वो एक्सपर्ट के जैसे सोचे. गजब है भाई. वैसे तो कहावत है कि गुरु 'गुड़' ही रह गया और चेला शक्कर हो गया. मगर यहां तो गुरु 'गुड' (Good) हो गया और चेले ग्रेट ही ग्रेट जी.
वैसे एक कमाल के इन्वेस्टर अपने देश में भी हैं. ये तो अच्छे आइडिया को बुलाकर पइसा देते हैं. इनकी दिलचस्प कहानी यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
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