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जिस AI के दम पर NVIDIA ने Apple को पछाड़ा, उसी ने कंपनी को 'गरीब' बना दिया!

ChatGPT जैसे AI चैट बॉट को GPU सप्लाई करके टेक इंडस्ट्री के नए पोस्टर बॉय बने Jensen Huang 100 बिलियन डॉलर क्लब (Jensen Huang out of the $100 billion club) से बाहर हो गए हैं. उनकी कंपनी NVIDIA भी मार्केट कैप में पहले से तीसरे नंबर पर आ गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा कि कहीं AI का बुलबुला फूट तो नहीं गया.

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Nvidia's Jensen Huang net worth plunged by almost 10 billion dollors; AI ship is sinking
AI का जहाज डूब रहा है? (तस्वीर: Copilot)
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सूर्यकांत मिश्रा
11 सितंबर 2024 (Updated: 12 सितंबर 2024, 06:11 PM IST) कॉमेंट्स
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फीनिक्स पक्षी के बारे में कहा जाता है कि वो अपनी राख से फिर जिंदा हो जाता है. हालांकि ऐसे किसी पक्षी के प्रमाण नहीं हैं, मगर किस्से-कहानियों में ऐसा माना जाता है. असल जिंदगी में भी जब कोई ऐसे वापसी करता है तो उसके लिए यही उपमा दी जाती है. साल 2024 में इस उपमा का इस्तेमाल हुआ गेमिंग कंपनी और AI चिप बनाने वाली NVIDIA के लिए. खत्म हो चली कंपनी जून आते-आते दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई. एप्पल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गज पीछू हो गए. इसके साथ काले कलर की लैदर जैकेट में नजर आने वाले कंपनी के CEO Jensen Huang की संपत्ति 100 बिलियन डॉलर को पार कर गई.

एक पल को लगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने वाकई गदर काट दिया है. टेक इंडस्ट्री को नया पोस्टर बॉय मिल गया है. मगर सिर्फ 2 महीने में कंपनी तीसरे नंबर पर आ गई और Jensen Huang की संपत्ति 10 बिलियन कम होकर 95 बिलियन (Jensen Huang out of the $100 billion club) पर आ गई. यहीं से सवाल उठा. क्या AI का बुलबुला महज दो साल में ही फूट गया? इसी का जवाब तलाशेंगे.

क्या है AI और NVIDIA कनेक्शन?

हालांकि इसके बारे में हमने विस्तार से बताया है. मगर छोटे में जान लेते हैं. NVIDIA का असल बिजनेस है सेमीकंडक्टर और GPU बनाना. सेमीकंडक्टर का गेम अभी जस का तस है, मगर GPU, मतलब Graphics Processing Unit में आग लगी हुई है. GPU जो चैटबॉट को चलाने के लिए चाहिए होता है.

GPU एक चिप है जिसका उपयोग कंप्यूटर से लेकर लैपटॉप, स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसों में पिक्चर, वीडियो, 2D और 3D एनिमेशन को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है. आम भाषा में इसे ग्राफिक्स कार्ड और वीडियो कार्ड भी कहते हैं. इसका आविष्कार 1999 में NVIDIA द्वारा किया गया था. इसके पहले तक कंप्यूटर और फोन में केवल CPU का इस्तेमाल किया जाता था. GPU आने से ही इमेज और वीडियो का गेम बदला. इसी चिप की मदद से इमेज और वीडियो स्क्रीन पर जल्दी लोड होते हैं. नॉर्मल लैपटॉप तो बेसिक सा जीपीयू और अगर तगड़ा गेमिंग लैपटॉप तो जबर वाला.

Nvidia's Jensen Huang net worth plunged by almost 10 billion dollors; AI ship is sinking
GPU सांकेतिक तस्वीर

ये भी पढ़ें: NVIDIA के नंबर बनते ही Jensen Huang की दौलत एक दिन में 333749600000 रुपये बढ़ गई!

अब इसी GPU की जरूरत चैटबॉट को होती है. मतलब उनके सिस्टम से लेकर क्लाउड स्टोरेज को. मसलन चैट जीपीटी के एक मॉडल को ट्रेंड करने के लिए 10,000 जीपीयू यूनिट्स की जरूरत पड़ी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट से अरबों रुपये चार्ज किए हैं. जीपीयू तो हर AI कंपनी को चाहिए, और वो मिलेगा सिर्फ NVIDIA से. काहे से दुनिया के 80 फीसदी बाजार पर इसी का कब्जा है.  

इसी कब्जे की बदौलत NVIDIA का मार्केट कैप जून में 3.34 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. आज की तारीख में गिरकर 2.629 ट्रिलियन डॉलर पर अटका है. एक्सपर्ट के मुताबिक इसमें और गिरावट आएगी. इसके पीछे कई कारण हैं.

# पहला कारण- AI से पैसा बनाने में 10-15 साल लगेंगे. मतलब इन्वेस्टर्स ने जो पैसा NVIDIA समेत दूसरी टेक कंपनियों में लगाया है, उसकी भरपाई में 10 साल लगेंगे. मुनाफा तो भूल ही जाइए. 10-15 साल की समय सीमा खुद माइक्रोसॉफ्ट के CFO Amy Hood ने बताई है. अगस्त के महीने में Reuters ने इसका जिक्र किया था. मतलब जो कंपनी ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI की सबसे पहली इन्वेस्टर रही हो, आज उसका मालिकाना हक रखती हो, अगर वही ऐसा कहे तो आगे क्या ही कहने.

# दूसरा कारण- AI के आते ही लगा कि ये तो सभी की नौकरी खा जाएगा. कंपनियों की इंसान पर निर्भरता कम हो जाएगी. एक मशीन सौ लोगों का काम कर देगी, वगैरा-वगैरा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. मतलब अभी तक तो नहीं. खुद माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स ऐसा नहीं मानते. हालांकि वो कंपनी के AI चैट बॉट Copilot से काफी उम्मीदें रखते हैं.

# तीसरा कारण- अमेरिकी बाजार में मंदी और सरकार का NVIDIA के प्रति रुख भी बड़ी दिक्कत बना है. अमेरिकी सरकार NVIDIA की Antitrust Law के तहत जांच कर सकती है. हाल ही में कंपनी को समन भेजा गया है. Antitrust Law से मतलब कि कंपनी अपने सामने किसी और को खड़ा ही नहीं होने देना चाहती. इस वजह से निवेशक थोड़ा डरे हैं और शेयरों में बिकवाली चल रही. नतीजा, NVIDIA नीचे आ रही. और जो ये नीचे तो फिर AI कैसे ऊपर जाएगा. क्योंकि चिप के पूरे मार्केट का 80 फीसदी तो इसी के पास है. इसका हिलना भी डरा देने वाला है.

इसलिए एक्सपर्ट को लग रहा है कि AI का फुग्गा फूलने से पहले ही फूट गया है. हालांकि इसके इतर एक बात और है. NVIDIA का प्रॉफ़िट इस साल में दोगुना हो गया और उसके शेयर की कीमत तो 111 फीसदी बढ़ गई. मतलब अभी के लिए फुग्गे की हवा कम जरूर हुई है, फूटा नहीं है. आगे तो वक्त ही बताएगा. AI से ही पूछ कर देखें क्या? आप ChatGPT से इसका जवाब पूछो और हमसे साझा करो.

इस स्टोरी के कई इनपुट आजतक के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांदेकर के शो हिसाब-किताब से लिए गए हैं.

वीडियो: एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ Nvidia बनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी

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