The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Technology
  • India orders smartphone makers to preload state-owned sanchar saathi app

स्मार्टफोन में इंस्टाल होकर आएगा sanchar saathi ऐप, डिलीट भी नहीं होगा

Reuters की खबर के मुताबिक सरकार ने 28 नवंबर को सभी स्मार्टफोन कंपनियों को sanchar saathi ऐप इंस्टाल करने के लिए कहा है. नए में तो इंस्टाल होगा ही, जो डिवाइस ट्रांसपोर्ट में हैं उनमें सॉफ्टवेयर के जरिए ऐप इंस्टाल करना होगा.

Advertisement
India orders smartphone makers to preload state-owned sanchar saathi app
संचार साथी ऐप को लेकर सरकार का नया निर्देश
pic
सूर्यकांत मिश्रा
1 दिसंबर 2025 (Published: 02:41 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत सरकार साइबर सेफ्टी को लेकर इस खूब सतर्क नजर आ रही है. हाल ही में उसने WhatsApp और टेलीग्राम जैसे ऐप्स को सिम से जोड़ने का निर्देश दिया है तो अब फोन ट्रेकिंग को लेकर नया निर्देश जारी किया है. सरकार ने सभी स्मार्टफोन मेकर्स को फोन में Sanchar Saathi इंस्टाल करने के लिए कहा है. साथ ही ऐसी व्यवस्था करने को कहा है कि ऐप मोबाइल से डिलीट नहीं हो. भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन में 90 दिनों के अंदर ऐप इंस्टाल करना होगा. हमें पता है आप क्या सोच रहे हैं. एप्पल क्या करेगा.

बताते हैं-बताते हैं, पहले जरा नया निर्देश समझ लेते हैं. Reuters की खबर के मुताबिक सरकार ने 28 नवंबर को सभी स्मार्टफोन कंपनियों को ऐप इंस्टाल करने के लिए कहा है. नए में तो इंस्टाल होगा ही, जो डिवाइस ट्रांसपोर्ट में हैं उनमें सॉफ्टवेयर के जरिए ऐप इंस्टाल करना होगा.

क्या है संचार साथी ऐप

नकली फोन से लेकर चोरी हुए मोबाइल को पता करने का ऐप है संचार साथी. इसी ऐप में चोरी हुए मोबाइल को ट्रेक किया जा सकता है. इसी ऐप से पता लगाया जा सकता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन हैं. ऐप एंड्रॉयड और iOS में डाउनलोड के उपलब्ध है. लेकिन अब सरकार चाहती है कि नए स्मार्टफोन में ऐप पहले से इंस्टाल हो.

सरकार ने कहा कि यह ऐप डुप्लिकेट या नकली IMEI नंबरों से साइबर सुरक्षा को होने वाले "गंभीर खतरे" से निपटने के लिए आवश्यक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में ऐप लॉन्च होने के बाद 7 लाख से ज्यादा चोरी हुए फोन बरामद किये गए हैं. अकेले अक्टूबर 2025 में ही 50 हजार फोन इस ऐप कि मदद से वापस मिले. ऐसे में ऐप को फोन में इंस्टाल होना ही चाहिए.

निर्देश के बाद यूजर्स कि निजता को लेकर बाते होने लगी हैं. सैमसंग, वीवो, ओप्पो जैसी एंड्रॉयड कंपनियां तो सरकारी आदेश मान भी लेंगी मगर ऐप्पल के साथ गरारी फंसना तय है. ऐप्पल अपने फोन में थर्ड पार्टी ऐप्स को पहले से इंस्टाल नहीं करता है. कुछ सालों पहले आईफोन में एंटी-स्पैम मोबाइल ऐप इंस्टाल करने को लेकर वो सरकार से दो-दो हाथ कर चुका है.

इंडिया में 8 करोड़ एक्टिव डिवाइस के साथ उसका मार्केट शेयर भी लगभग 4.5 फीसदी है. ऐसे में वो शायद बीच का रास्ता निकाल सकता है. माने वो अपने यूजर्स को कह सकता है कि भईया यह ऐप तो डाउनलोड करना होगा. अब क्या होगा, वो जल्द पता चल ही जाएगा. 

वीडियो: संसद के शीतकालीन सत्र 2025 से पहले विपक्ष ने SIR, दिल्ली कार ब्लास्ट को लेकर क्या मांग की?

Advertisement

Advertisement

()