Blinkit, Zepto और Uber जैसे ब्रांड्स का 'डार्क पैटर्न', आप नुकसान में हैं और सरकार टेंशन में
Zepto, Blinkit, Swiggy instamart जैसे क्विक कॉमर्स से लेकर Amazon, Flipkart जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों के डार्क पैटर्न (Dark Patterns) को लेकर सरकार काफी चिंतित है. Central Consumer Protection Authority (CCPA) ने तीन महीने में इसको बंद करने को लेकर एडवाइजरी जारी की है.

देश की हर ई-कॉमर्स कंपनी के डार्क पैटर्न को लेकर सरकार काफी चिंतित है. फिर भले बात Amazon, Flipkart जैसे ई-कॉमर्स पोर्टल की हो या फिर Zepto, Blinkit, Swiggy instamart जैसे क्विक कॉमर्स पोर्टल की. Ola और Uber भी इससे अछूते नहीं. Central Consumer Protection Authority (CCPA) ने सभी से कहा है कि इस प्रैक्टिस को तीन महीने के अंदर बंद करें. अभी इसके लिए कोई एजेंसी वगैरा नियुक्त नहीं की गई है और कंपनियों से ही सब ठीक करने के लिए कहा गया है. कुल 13 डार्क पैटर्न के बारे में CCPA ने बताया है.
क्या है ये डार्क पैटर्न?
मछली फंसाने वाला कांटा जो दिखता नहीं है. इसमें आप और हम कब फंस जाते हैं, पता ही नहीं चलता. इस कांटे की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये दिखता भले नहीं मगर गायब भी नहीं है. सब सामने है मगर हमें नहीं दिखता. इतना पढ़कर आपको लगेगा कि क्या कहना चाहते हो, समझ नहीं आ रहा. बस ऐसा ही है डार्क पैटर्न. डिटेल में बताते हैं.
#Basket Sneaking: आप पोर्टल से प्रोडक्ट ऑर्डर करने के लिए उनको कार्ट में डालते हैं. जब कभी इनकी संख्या बहुत ज्यादा होती है तो एक कोई इनसे मिलता-जुलता प्रोडक्ट कार्ट में खुद से जुड़ जाता है. जैसे बिस्किट के कई पैकेट के साथ एक और पैकेट. क्योंकि सामान ज्यादा है तो यूजर ध्यान नहीं देता. ऐसे प्रोडक्ट की वैल्यू उस ऑर्डर में बहुत छोटी होती है मगर ऐसे कितने ऑर्डर होते होंगे. लगा लीजिए हिसाब.
#Interface Interference: ऐप या वेबसाइट को इस तरीके से डिजाइन करो कि किसी ऑर्डर को कैंसिल करने या सब्सक्रिप्शन को रद्द करने का ऑप्शन आसानी से नजर नहीं आए. मसलन हेल्प सेक्शन के अंदर हो या मेल करने के बाद बंद हो. यूजर आलस में उसे जारी रखे.
#Hidden Charges: डिलीवरी चार्जेज, प्लेटफॉर्म चार्जेज, लंबी दूरी चार्जेज, कम ऑर्डर वैल्यू चार्जेज. लिस्ट लंबी है ऐसे चार्जेज की. नजर हटी और दुर्घटना घटी वाला मामला. प्रोडक्ट की कीमत का 30-40 फीसदी कब ज्यादा दे दिया, पता ही नहीं चलता है. एक प्लेटफॉर्म तो फ्री डिलीवरी को कूपन में छिपा कर रखता है. आपने देख लिया तो ठीक नहीं तो...
Blinkit, Zepto, Swiggy Instamart से ऑर्डर करते हैं, बिल का खेल समझ लीजिए
#False Urgency: बस दो ही पीस बचे हैं. पिछले 30 मिनट में 15 लोगों ने ये प्रोडक्ट ऑर्डर किया है. अभी लीजिए वरना कीमत बढ़ जाएगी. सिर्फ दो कमरे बचे हैं. 20 और लोग बुकिंग कर रहे हैं. मतलब फर्जी का जल्दी-जल्दी वाला खेल.
#Forced Action: अगर ये नहीं किया तो वो ऑफर नहीं मिलेगा. अगर वो नहीं किया तो फिर डिस्काउंट नहीं मिलेगा. माने साइन इन करो तभी कूपन लगेगा. चार लोगों से शेयर करो तभी डिस्काउंट मिलेगा.
#Confirm shaming: आपको बेइज्जत करना या आपकी ईगो हर्ट करना. बेकार प्रोडक्ट पर भारी डिस्काउंट दिखाना और अच्छे प्रोडक्ट को MRP पर. अच्छे प्रोडक्ट की 5 स्टार रेटिंग है मगर उस पर डिस्काउंट नहीं है. साफ-साफ कहें तो आपकी औकात नहीं है.
#Bait and Switch: आपने कुछ ऑर्डर किया और कुछ डिलीवर हुआ. एकदम अलग नहीं मगर उसी से मिलता जुलता और मुमकिन है तो उसी कंपनी का. मसलन आपने कोई जूते ऑर्डर किए और उसकी जगह उसी कंपनी के तकरीबन वैसे ही दिखते दूसरे जूते आ गए. आपने रख लिए तो ठीक नहीं तो क्या? सिस्टम की गलती बोलकर निकल लेंगे.
ऐसे कई तरीके हैं जिससे यूजर को चूना लगाया जा रहा है. लेकिन जैसे हमने लिखा. ये दिखते नहीं लेकिन सामने होते हैं. जैसे डिलीवरी चार्ज कूपन के अंदर या कैंसिल बटन हेल्प के अंदर. कभी कोई पूछेगा तो दिखा देंगे. मतलब कानून के दायरे में ऐप्स और पोर्टल को धरना मुश्किल है. देखते हैं कि CCPA की एडवाइजरी का क्या असर होता है.
तब तक हमारी आपको सलाह रहेगी कि खरीदारी जरा सोच-समझकर.
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