स्मार्टफोन बैटरी में इतना बड़ा बदलाव कभी नहीं हुआ, मौज होने की गारंटी है!
स्मार्टफोन के लिए नई बैटरी (Silicon-Carbon Battery) आ गई है. आ गई से मतलब कोई कॉन्सेप्ट वाला फॉर्मूला नहीं. हम रिसर्च कर रहें हैं और साल 2124 में लॉन्च करेंगे. ये वाला झुनझुना भी नहीं. सच्ची-मुच्चि में आई है वो भी स्मार्टफोन के अंदर.
फोन से हुआ स्मार्टफोन. उसके बाद बदला डिजाइन, साइज बदला, डिस्प्ले बदला, चार्जिंग स्टाइल बदला. यहां तक की ऑपरेटिंग सिस्टम में भी बदलाव हुए. बदलाव सतत जारी हैं. हर नया स्मार्टफोन नई डिजाइन लैंग्वेज के साथ आता है. नई कैमरा फ़िलॉसफ़ी लगी होती है तो AI भी अब स्मार्टफोन में आ चुका है. बदलाव, बदलाव और बदलाव मगर जो नहीं बदला वो है बैटरी. पहले भी Li-ion बैटरी लगी होती थी और आज भी यही बैटरी लगी होती है. कई बार इसमें बदलाव की बात होती है मगर कुछ ठोस हुआ नहीं था. ‘था’ लिखने से आपने अंदाजा तो लगा लिया होगा.
आपका अंदाजा सही है. स्मार्टफोन के लिए नई बैटरी आ गई है. आ गई से मतलब कोई कॉन्सेप्ट वाला फॉर्मूला नहीं. हम रिसर्च कर रहें हैं और साल 2124 में लॉन्च करेंगे. ये वाला झुनझुना भी नहीं. सच्ची-मुच्चि में वो भी स्मार्टफोन के अंदर. Xiaomi के Xiaomi MIX Flip में. बैटरी का नाम- Silicon-Carbon बैटरी
नए तरह की बैटरी जिसमें परंपरागत लिथियम आयन की जगह सिलिकॉन और कार्बन का इस्तेमाल किया गया है. ऐसा नहीं है कि इस तकनीक से बनी बैटरी Li-ion को खत्म ही कर देगी मगर फिर भी इससे स्मार्टफोन को काफी फायदा होगा. इस बैटरी को लगाने से फोन में ज्यादा जगह मिलेगी या फिर ज्यादा ताकत. आसान भाषा में कहें तो परंपरागत बैटरी के मुकाबले 12.8 फीसदी एक्स्ट्रा ताकत मिलेगी. माने कि अगर एक फोन में 4000 mAh की Li-ion बैटरी लगी है और उसकी जगह silicon-carbon कार्बन बैटरी लगा दी तो कुल ताकत 4512 mAh हो जाएगी.
छोटू से स्मार्टफोन में इतनी ताकत बहुत होती है. ज्यादा नहीं तो कुछ घंटे और पकड़ लीजिए. जो ताकत नहीं बढ़ानी तो जगह मिल जाएगी. बोले तो 4512 mAh बैटरी फिट करने के लिए जितनी जगह चाहिए, उसकी जगह 4000 mAh जगह से काम बन जाएगा. ऐसे भले ये कुछ कम सा लगे मगर स्मार्टफोन कंपनियों से पूछिए.
उनके लिए तो मिलीमीटर जगह भी लॉटरी है. इसी चक्कर में पहले पीछू का ढक्कन बंद किया. प्यारा-दुलारा 3.5mm जैक हटाया और पिछले साल Apple ने सिम खोंसने का स्लॉट ही उड़ा दिया. बची जगह में 5G के एक्स्ट्रा बैंड लगा दिए. माने जो मिल रहा वो कम नहीं. सिलिकॉन-कार्बन बैटरी के लिए "low voltage aggregation technology" तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
Li-ion बैटरी की वोल्टेज रेंज (3.85–4.0 volts) के बीच होती है, वहीं नई बैटरी में इसे 3.5 वोल्ट पर फिक्स किया गया है. भले ये नंबर कम लगें मगर इतने बदलाव से भी बैटरी की क्षमता में 240 फीसदी तक का इजाफा किया जा सकता है. बोले तो, होप तो है. और सबसे बड़ी बात अब इसको फोन में भी लगा दिया गया है. लेकिन ये कारनामा करने वाला शाओमी पहला नहीं है. अब सवाल ये कि पहला कौन?
Honor ने पिछले साल किया कारनामापिछले साल के MWC 2023 में कंपनी ने अपने स्मार्टफोन Honor Magic5 Pro में इसे लगाया था और जल्द ही इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन की उमीद भी जताई थी. चूंकि Magic 5 Pro एक सीमित इलाके में मिलने वाला फोन है तो बात आई-गई हो गई. मगर जो अब शाओमी ने फिट कर दी तो मौज आना पक्का है.
आगे इस तकनीक पर जो भी मिलेगा वो हम आपसे 'चार्ज' करते रहेंगे.
वीडियो: क्या 'बैटरी सेविंग मोड' सच में काम आता है या फोन का बैंड बजा देता है?