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OTP में भी सेंधमारी कर हो रही लाखों की हेराफेरी, बचने का सिर्फ एक तरीका!

पिछले कुछ दिनों से डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन पेमेंट के दौरान ओटीपी बाइपास करके फर्जीवाड़े के मामले देखने को मिले हैं. आजकल हम जिस तरह ऑनलाइन बैंकिंग पर जितने निर्भर हैं, ऐसे में इसका कारण और इससे बचने का तरीका पता होना बेहद जरूरी है.

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The increasing prevalence of OTP bypass scams in digital banking poses significant security risks, necessitating protective measures such as vigilance in communication, app and device security, and informed use of Two-Factor Authentication (2FA).
साइबर क्राइम का नया तरीका
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सूर्यकांत मिश्रा
16 अक्तूबर 2023 (Updated: 16 अक्तूबर 2023, 10:31 PM IST)
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एक जमाना था जब बैंक से जुड़े छोटे से काम के लिए भी ब्रांच जाना पड़ता था. घंटों लाइन में लगने के बाद काम होता. जमाना बदला और स्मार्टफोन आ गए. हर बैंक का ऐप फोन के अंदर. उंगलियां फिराते ही लाखों इधर-उधर हो जाते हैं. ऑनलाइन बैंकिंग वैसे तो बहुत सेफ है, मगर गाहे-बगाहे फर्जीवाड़े के किस्से सुनने को मिल ही जाते हैं. आमतौर पर ऐसे केस में किसी लिंक पर क्लिक करने या OTP शेयर करने का जिक्र होता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसे मामले भी बहुतायत में दिख रहे, जहां बिना OTP के खेला हो रहा है. आज बात इसी की.

पिछले कुछ दिनों से डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन पेमेंट के दौरान OTP बाइपास करके फर्जीवाड़े के मामले देखने को मिले हैं. आजकल हम और ज्यादा ऑनलाइन बैंकिंग पर निर्भर हैं, ऐसे में इसका कारण और इससे बचने का तरीका पता होना बेहद जरूरी है.

OTP किसी भी किस्म के लेनदेन के लिए सबसे सेफ तरीका माना जाता है. वजह इसका आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर रिसीव होना और साथ में कुछ ही मिनटों में इसका एक्सपायर हो जाना. शायद इसी वजह से आजकल कुछ बैंकों ने एटीएम से नगद निकालने के लिए भी OTP को अनिवार्य कर दिया है. फिर इस सबसे सेफ सिस्टम में साइबर अपराधी कैसे सेंध लगा पा रहे.

जवाब कड़वा है, मगर हकीकत यही है, अभी तक इसका पता किसी को भी नहीं. साइबर एक्सपर्ट ने बहुत तलाशा, लेकिन बैंकिंग ऐप्स में लूप होल नहीं मिला. फिलहाल के लिए यही माना जा रहा है कि आपकी और हमारी लापरवाही ही OTP बायपास का असल कारण हैं. जैसे,

# फोन नंबर अपडेट नहीं होना. माने कि जो नंबर बैंक में रजिस्टर्ड है, वो कहीं ठंडे बस्ते में पड़ा और हम दूसरा नंबर चला रहे.

# कैसे भी करके संदिग्ध लग रहे लिंक पर क्लिक करना भी एक बड़ा कारण माना जाता है.

# इसके अलावा बहुत पुराने सॉफ्टवेयर वाले फोन और बिना अपडेट वाले ऐप का इस्तेमाल.

# मोबाइल बदलकर तरीके से फैक्ट्री रीसेट नहीं करना और पुराने डिवाइस से गूगल अकाउंट को डिलीट नहीं करना.

ये कुछ कारण हैं, लेकिन कुछ ठोस किसी को नहीं पता. कहने का मतलब क्या वाकई में साइबर ठग कोई तरीका निकाल लिए हैं OTP बायपास का. अगर ऐसा है तो देर-सवेर एजेंसियां पता कर ही लेंगी. तब तक आप क्या करें? सावधानी-सावधानी और सिर्फ सावधानी.

# जैसे किसी भी किस्म के लिंक पर क्लिक नहीं करना है. इसको थंब रूल मान लीजिए.

# लेटेस्ट मोबाइल नंबर हर जगह अपडेट रखें.

# अगर मोबाइल बदलते हैं तो गूगल अकाउंट को डिवाइस से लॉग आउट जरूर करें. जीमेल की सेटिंग्स में इसका ऑप्शन मिल जाता है.

# बैंकिंग ऐप्स अपडेट रखें, पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल लेनदेन के लिए बिल्कुल नहीं करें.

# अगर आपका बैंकिंग ऐप Two-Factor Authentication (2FA) सपोर्ट करता है तो बिना देरी किए इनेबल कर लें.

अभी फिलहाल यही तरीका है. जैसे ही कुछ और जानकारी मिलेगी तो हम आपसे साझा करेंगे. रही बात साइबर अपराध के बाकी तरीकों की तो आप यहां क्लिक करके जान सकते हैं. 

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