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साइबर ठग इन 5 हथकंडों से आपके स्मार्टफोन में घुसकर वसूली कर जाते हैं

रैन्समवेयर के कई तरीके हैं जो आज भी इस्तेमाल में हैं.

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5 ways ransomware can harm you: phishing, remote access, fake websites, old software
कब्जा और धमकी वाला लूट का तरीका. (तस्वीरें: पिक्सल)
17 मई 2023 (Updated: 17 मई 2023, 22:33 IST)
Updated: 17 मई 2023 22:33 IST
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आजकल ठगी के कई नए तरीके चलन में हैं. जैसे यूट्यूब लाइक करने का स्कैम और वर्क फ्रॉम का लालच. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि डिवाइस में किसी तरह घुसकर साइबर ठगी का तरीका अब बंद हो गया है. ये तो सदाबहार तिकड़म है. ऐसा ही एक तरीका है Ransomware. बोले तो धमकी देकर पैसा उगाहना. धमकी जो आपके स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप को ऑनलाइन कब्जे में लेकर दी जाती है. रैन्समवेयर (5 ways of ransomware) के कई तरीके हैं जो आज भी इस्तेमाल में हैं. ऐसे ही पांच सबसे खतरनाक तरीकों की लिस्ट हम बता रहे हैं ताकि आप सतर्क रहें.

फिशिंग ईमेल और एसएमएस

ठगी का सबसे पुराना तरीका. गाहे बगाहे इससे जुड़े मामले सामने आते रहते हैं. मेल में यूजर का नाम बदलकर उसको किसी भी कंपनी के नाम का दिखाया जाता है. मसलन, एमेजॉन प्राइम की मेंबरशिप में दिक्कत होने के नाम पर या फिर ऐप्पल आईक्लाउड में बिलिंग में झोल दिखाकर. ये सिर्फ उदाहरण हैं, क्योंकि फर्जी नाम तो कोई सा भी हो सकता है. आपके खुद के नाम पर भी. ऐसे मेल ओपन भी नहीं करना हैं. सीधे डिलीट और ब्लॉक.

संदिग्ध वेबसाइट

5 लाख में प्रीमियम कार या फिर फलां अस्पताल में हेयर ट्रांसप्लांट की कीमत आपको चौंका देगी. असल वेबसाइट में पॉपअप के फव्वारे के साथ आने वाली फर्जी वेबसाइट. लिंक पर क्लिक किया और जाल में फंस गए तो फिर क्या होगा वो बताने की जरूरत नहीं. जरा भी वेबसाइट पर शक हो तो स्पैम वेबसाइट पकड़ने वाले टूल का सहारा ले सकते हैं.

जंग लगा सॉफ्टवेयर

जंग तो वैसे भी अच्छी नहीं होती. यहां इसका मतलब पुराने ऐप या सॉफ्टवेयर से है. अक्सर लोग ऐप और सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं करते. कई बार डेवलपर भी अपडेट पुश नहीं करते. दोनों कंडीशन खतरनाक. रैंसम मांगने वालों के लिए आप दरवाजा खुद ओपन करके दे रहे. अपने सारे डिवाइस टाइम पर अपडेट करें. अगर कोई ऐप कई दिनों से अपडेट नहीं भेज रहा तो उससे किनारा करें.

रिमोट डेस्कटॉप

कैसे भी करके आपके स्मार्टफोन या लैपटॉप पर ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवाना जो दूर से भी उसका एक्सेस दे सके. जैसे AnyDesk. इस ऐप का असल मकसद तो मीलों दूर बैठकर आपकी प्रॉबलम सॉल्व करना है, लेकिन ठग इसका इस्तेमाल अपने कारनामों के लिए करते हैं. डिवाइस पर कब्जा और कहानी खत्म. कोई कितना भी कहे, किसी को भी ऐसे ऐप अपने डिवाइस पर डाउनलोड नहीं करने देना है. वर्क फ्रॉम होम वाले तो ज्यादा सतर्क रहें.

फ्री का चंदन मत घिस मेरे नंदन

आजकल नेटवर्क की उपलब्धता हर जगह है. जहां देखो वहां फ्री वाईफाई का क्यूआर कोड लगा दिख जाता है. हमारी सलाह है कि इससे बचें. ऐसे कोड डिवाइस हैकिंग का सबसे आसान कोड बन जाते हैं. जहां ये कोड लगे होते हैं उन्हें भी इसके हैक होने का अंदाजा नहीं होता. इसलिए इनका इस्तेमाल ना करें. आजकल डेटा बहुत किफायती है तो अपने दोस्त का वाईफाई हॉटस्पॉट जिंदाबाद.  

वीडियो: साइबर अटैक से बचने के ये तरीके जान लीजिए, मुश्किल में पड़ने से बच जाएंगे

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