इंडिया वर्सेज़ पाकिस्तान. साल 1960. कानपुर में हुए दूसरे मैच के लिए भारतीय टीमट्रेन से पहुंची. पंजाब मेल ने शाम साढ़े 6 बजे टीम को कानपुर स्टेशन पर उतारा. टीमअंधेरा होते-होते होटल पहुंची और वहां फैन्स के भेजे ग्रीटिंग कार्ड्स और मेसेजउनका इंतज़ार कर रहे थे. कप्तान साहब ने एक कार्ड उठाया. उसपर लिखा हुआ था कि वोउनका बहुत बड़ा फैन है और पूरी टीम का बहुत बड़ा प्रशंसक है. लेकिन उस ख़त की आख़िरीलाइन थीं – “याद रखियेगा कि आप पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेल रहे हैं. अगर जीत नहीं सकतेतो मैच ड्रॉ ज़रूर करवा लीजियेगा. आप हारे तो मैं आपकी जान ले लूंगा.” देखिए नारीकांट्रैक्टर की जिंदगी के किस्से.