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ईसाई धर्म छोड़ इस्लाम अपनाने की मोहम्मद अली की कहानी जानते हैं?

'Muhammad Speaks' नाम के अखबार का वो कॉर्टून!

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Muhammad Ali
मोहम्मद अली (फोटो - Getty Images)
17 जनवरी 2023 (Updated: 17 जनवरी 2023, 19:08 IST)
Updated: 17 जनवरी 2023 19:08 IST
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‘वो वर्ल्ड चैम्पियन होने के लिए बहुत बदसूरत है, वर्ल्ड चैम्प मेरे जैसा सुंदर होना चाहिए.’ 

‘मैंने दुनिया को हिलाकर रख दिया. मैं इस दुनिया का किंग हूं. मैं एक गंदा आदमी हूं. मैं अब तक की सबसे खूबसूरत चीज़ हूं. मैंने इस दुनिया को हिला दिया.’ 

पहचाना? नहीं? तो और सुनिए.

‘अगर तुम मुझे पीटने का सपना भी देखते हो, बेहतर होगा आप जागें और माफी मांगे.’ 

अब पहचाना? चलिए इनका एक और मशहूर कोट सुनाते हैं. 

‘मैं अमेरिका हूं. मैं वो हिस्सा हूं जिसको आप पहचानेंगे नहीं. लेकिन मेरी आदत डाल लो. ब्लैक, कॉन्फिडेंट, अहंकारी, मेरा नाम, आपका नहीं, मेरा धर्म, आपका नहीं, मेरे लक्ष्य, मेरे अपने, मेरी आदत डाल लो.’

अमेरिकन, ब्लैक, धर्म, स्पोर्ट्सपर्सन. कोई याद आया? कौन? कोई बॉक्सर.. मोहम्मद अली? बिल्कुल मोहम्मद अली. वो बॉक्सर जो असल में GOAT है. वो बॉक्सर जिसने बीच रिंग उस बॉक्सर को पीटा, जिससे वो सबसे ज्यादा खौफ़ खाता था. वो बॉक्सर जो अपने लिए, अपने धर्म के हिसाब से चलने के लिए पूरे अमेरिका से अकेले भिड़ गया. 

उनसे जुड़े कई क़िस्से आपने सुने होंगे. उनका सनी लिस्टन को पीटना, वियतनाम वॉर में सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हो जाना. बीच रिंग 'What’s my name? Uncle tom! What's my name?’ चिल्लाना. ये सब कुछ. लेकिन इनके बारे में एक क़िस्सा आपने शायद ही सुना हो कि आखिर कैसे केसियस क्ले, मोहम्मद अली बन गए? 

इनके जन्मदिन पर आज हम आपको यही बताते हैं. 

ये क़िस्सा मोहम्मद अली के ऊपर लिखी किताब, ‘अली – ए लाइफ’ में बताया गया है. और ये बात अली की दूसरी बीवी खलीला अली ने बताई है. खलीला ने बताया कि उन्होंने अली से शादी के बाहर चल रहे संबंधों पर बात की थी. और उसके बाद उनसे एक लेटर लिखने को कहा.  

फोटो - मोहम्मद अली (Getty Images)

TIME को खलीला ने बताया कि उन्होंने अली से ये लिखने को कहा था कि आपने इस्लाम को क्यों अपनाया? आगे उन्होंने अली से कहा, 

‘आप बेशक बड़े हो. लेकिन आप अल्लाह से बड़े नहीं हो. आपको खुद को चेक करना होगा. जब आप धोखा देते हैं तो आपको उसका अंजाम भुगतना पड़ता है.’ 

ये सब सुनकर मोहम्मद अली अपने काम पर लग गए. उन्होंने इस्लाम क्यों अपनाया ये एक लेटर में लिखना शुरू कर दिया है. उन्होंने उस लेटर में क्या कुछ लिखा. आज हम आपको बताने जा रहे हैं. अली ने लिखा, 

‘लुइसविले में स्केटिंग रिंक के पास एक रात (मैं अपने घर जा रहा था), स्केटिंग रिंक 9th ब्रॉडवे स्ट्रीट के पास था. 400 ब्लैक लोगों की भीड़ के बीच मैं एक बिल्डिंग के बाहर खड़ा था. सारे लड़कों की तरह मैं भी एक सुंदर लड़की का इंतजार कर रहा था, उससे कुछ कहने के लिए. 
एक भाई सफेद शर्ट, काले रंग की बो और काले ही रंग के मोहेर सूट में 'Muhammad Speaks' नाम का अखबार बेच रहा था. उस समय, मैंने पहली बार Muhammad Speaks नाम का अखबार देखा था. वो भाई मेरे पास आया और कहा, 

‘मेरे भाई, क्या आप एक मोहम्मद स्पीक्स अखबार खरीदना चाहेंगे, जिससे आप अपने जैसे लोगों के बारे में जान पाएं, अपनी हिस्ट्री का असली सच पढ़ पाएं, अपना सही धर्म जान पाएं और गुलामी में गोरे लोगों द्वारा दिए गए नाम से पहले का अपना असली नाम जान पाएं.' 

उसने कहा, 

'ओह, और एक मीटिंग भी है जो हम आज शाम को आठ बजे 27th एंड चेस्टन स्ट्रीट पर कर रहे है. और उस समय शाम के छह बज रहे थे. मैंने उनको कहा, ठीक है, मैं वहां आ जाउंगा. लेकिन मेरा किसी मीटिंग में जाने का कोई इरादा नहीं था. हालांकि मैंने Muhammad Speaks पेपर खरीद लिया. 

और उस पेपर में एक चीज़ थी जिस कारण मैंने उस पेपर को संभालकर रखा. उसमें एक कॉर्टून था. और वो कॉर्टून उन पहले गुलामों के बारे में था जो अमेरिका आए थे. इस कार्टून में दिखाया गया था कि कैसे काले गुलाम लोग पूरब की ओर देखते हुए अरबी में प्रार्थना कर रहे थे. और गोरे मालिक कोड़ा लेकर गुलामों के पीछे दौड़ते और गुलाम की पीठ पर कोड़ा मारते और कहते, 

'आप उस भाषा में क्या प्रार्थना कर रहे हैं, आप जानते हैं कि मैंने आपको क्या बोलने के लिए कहा था.’ 

और फिर गुलाम ने कहते, 

'जी सर, जी सर, मास्टर. मैं जीसस से प्रार्थना करूंगा, सर, जीसस.’ 

और मुझे वो कॉर्टून बहुत अच्छा लगा. उसने मेरे साथ कुछ किया और इसका पूरा सेंस बन रहा था.’ 

मोहम्मद अली ये मानते थे कि ‘ईसाई धर्म अत्याचारी गोरे लोगों का धर्म था.’ और TIME के अनुसार उन्होंने शिकागो में नेशन ऑफ इस्लाम की पहली मीटिंग अटैंड की. इसके बाद साल 1964 में वर्ल्ड हैवीवेट बॉक्सिंग चैम्पियनशिप हुई, जिसमें अली जीते और उन्होंने ऐलान कर दिया कि अब वो ईसाई नहीं, मुस्लिम हैं. 

उन्होंने कहा था, 

‘मैं अल्लाह और शांति में विश्वास रखता हूं. मैं गोरे लोगों वाले पड़ोस में जाने की कोशिश नहीं करता. मैं एक गोरी लड़की से शादी नहीं करना चाहता. मैं जब 12 साल का था मेरा बैपटिस्म कर दिया गया था. लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं. मैं अब एक ईसाई नहीं हूं. मुझे पता है मैं कहा जा रहा हूं और मैं सच जानता हूं और मुझे वो होने की जरूरत नहीं है जो आप मुझे बनाना चाहते है. मैं जो बनना चाहता हूं वो बनने के लिए फ्री हूं.’

पर्सनल लाइफ में लिए गए इन फैसलों की भरपाई मोहम्मद अली को प्रोफेशनल लाइफ में करनी पड़ी. लेकिन अली शफल की तरफ वो इन सब चीज़ों से बचकर खड़े रहे.  

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