The Lallantop
Advertisement

वो कप्तान, जिसके सम्मान में बड़े-बड़े दिग्गज भी सीट छोड़ खड़े हो जाते थे

क़िस्से बहुत सम्मानित टाइगर पटौदी के.

Advertisement
Mansoor Ali Khan Pataudi Former Indian Captain
मंसूर अली खान पटौदी (फोटो - Getty Images)
5 जनवरी 2023 (Updated: 5 जनवरी 2023, 19:29 IST)
Updated: 5 जनवरी 2023 19:29 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मंसूर अली खान पटौदी. वो कप्तान, जिन्होंने विदेश में जाकर इंडिया को पहली सीरीज़ जिताई थी. वो कप्तान, जिन्होंने टीम इंडिया के अंदर जीत की ज़िद डाली थी. वो कप्तान, जिनकी एक आंख में परेशानी थी लेकिन उसके बावजूद उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए.

और वही कप्तान, जो इतने लंबे छक्के मारते थे कि गेंद सीधे स्टैंड्स में बैठी उनकी महबूबा के पास जाकर गिरती थी. मंसूर अली खान पटौदी उर्फ़ टाइगर पटौदी के ये क़िस्से आपने काफी सुने होंगे. लेकिन आज हम आपको उनके साथी से जुड़ा एक क़िस्सा सुनाएंगे. जिससे आपको पता चलेगा कि भारतीय टीम के इस कप्तान का रौब कैसा था.

ये बात असल में पत्रकार विजय लोकपल्ली ने ‘द हिंदू’ को बताई थी. उसमें उन्होंने बताया कि 56 साल के अंशुमन गायकवाड़ और 53 साल के संदीप पाटिल तक, टाइगर पटौदी को देखते ही अपनी सिगरेट को पैरों से कुचल देते. इस क़िस्से में राजेंद्र गोयल भी हैं.

एक इवेंट में टाइगर पटौदी बोलने के लिए मंच पर गए. बड़े से थिएटर में राजेंद्र गोयल सबसे पीछे बैठे हुए थे, विजय लोकपल्ली के साथ. और जैसे ही टाइगर मंच पर चढ़े, वैसे ही पीछे से राजेंद्र गोयल भी अपनी सीट पर खड़े हो गए. और ये देखकर विजय शॉक्ड रह गए.

फोटो - राजेंद्र गोयल (क्रेडिट - BCCI) 

उन्होंने गोयल से कहा,

‘गोयल साहब, बैठे रहिए! टाइगर आपको देख भी नहीं सकते.’

जिसका जवाब देते हुए गोयल ने कहा,

‘नहीं, वो मेरे कप्तान हैं.’

मोहिंदर अमरनाथ ने भी विजय से टाइगर के बारे में बात करते हुए एक बार कहा था,

‘ड्रेसिंग रूम में उनके होने से बहुत फर्क पड़ता था. ऐसे प्लेयर्स कम होते हैं. 60 और 70 के शुरू के दशक में, हम सिर्फ पटौदी के बारे में बात करते थे. हम उनके जैसी बल्लेबाजी करना चाहते थे, उनके जैसी फील्डिंग करना चाहते थे. और उनकी तरह लीड करना चाहते थे. हम पटौदी बनना चाहते थे.’

और तो और, लेजेंडरी बैट्समैन सुनील गावस्कर को तो आइडिया ही नहीं था कि पटौदी से बात कैसे करनी है, उनको क्या कहकर बुलाना है. जब गावस्कर युवा थे तब साथियों ने उन्हें यह पता लगाने के लिए फुसलाया कि कप्तान पटौदी को कैसे संबोधित किया जाना चाहिए.

गावस्कर ये पता लगाने के लिए चल दिए. और उनसे पूछा कि हम आपको कैसे बुलाएं?

'नवाब-साहब, पैट, टाइगर, कप्तान, स्किपर?'

अब ये अलग बात है कि गावस्कर के इस सवाल में टाइगर ने कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाया. टाइगर अपने ज़माने में कमाल का क्रिकेट खेलते थे. इंडिया के लिए खेले 46 टेस्ट मैच में उनके नाम छह शतक और 19 अर्धशतक हैं. टेस्ट में उन्होंने 34.91 की एवरेज से 2793 रन बनाए हैं. इसके अलावा 310 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में टाइगर ने 33.67 की एवरेज से 15425 रन बनाए है. इसमें उनके नाम 33 शतक और 75 अर्धशतक हैं.

वीडियो: हार्दिक पंड्या ने अपनी कप्तानी, शिवम मावी, बोलिंग सब पर खुलकर चर्चा की है!

thumbnail

Advertisement

Advertisement