जावेद मियांदाद ने बीच मैच मोटा बस कंडक्टर बोला, गेंदबाज ने टिकट मांग ली!
'शेख दो बीवी और लाते तो नई बॉल मिलती.'

क्रिकेट. बाकी गेम्स जैसा ही एक गेम, जिसे तमाम टीम्स जीतने के लिए खेलती हैं. इस जीत को हासिल करने के लिए कई पैंतरे भी लगाए जाते है. और इन्हीं में से एक है स्लेजिंग. क्रिकेट के खेल में आपको ये हमेशा दिखेगा. और इस स्लेजिंग के लिए ऑस्ट्रेलियन टीम बहुत मशहूर है. क्रिकेट इतिहास की सबसे सफल इस टीम ने स्लेजिंग में भी काफी सफलताएं हासिल की हैं.
और इसमें कोई नई बात नहीं है. ये पुराने दौर से ही चला आ रहा है. और आज हम ऐसे ही एक पुराने स्लेजर के क़िस्से सुनाएंगे. वो स्लेजर, जो ऑस्ट्रेलियाई टीम का बेहतरीन ऑलराउंडर था और अपने खेल के साथ अपनी मूंछों के लिए भी वर्ल्ड फेमस था. इन सज्जन का नाम वैसे तो आप समझ गए होंगे. लेकिन अगर नहीं समझे तो सुन लीजिए- नाम है मर्व ह्यूज. और 23 नवंबर को इनके क़िस्से हम आपको इनके जन्मदिन पर सुना रहे हैं.
# पाकिस्तान बल्लेबाज से टिकट मांग ली!ये क़िस्सा पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई सीरीज़ का है. सीरीज़ के एक मैच में पाकिस्तानी दिग्गज़ जावेद मियांदाद, मर्व ह्यूज का सामना कर रहे थे. बल्लेबाजी करते हुए मियांदाद ने ह्यूज को ‘मोटा बस कंडक्टर’ बोल दिया. इसका जवाब देते हुए ह्यूई ने पहले तो अगली ही गेंद पर मियांदाद को बोल्ड किया. और फिर जब वह वापस जा रहे थे, तो उन्हें आवाज देते हुए जोर से कहा,
‘टिकट प्लीज़’

क्रिकेट कंट्री ने इस क़िस्से को शेयर किया है. इस क़िस्से से पता चलता है कि चाहे कुछ भी करिए, लेकिन फास्ट बोलर से पंगे मत लीजिए. क्योंकि उनके हाथों के साथ मुंह से भी अच्छी यॉर्कर और बाउंसर निकलती हैं. और इस क़िस्से के सेंट्रल कैरेक्टर अरबी शेख को ये बात अच्छे से समझ आ गई थी.
हुआ कुछ ऐसा कि, UAE में हुए एक मैच में अरब के एक शेख और मर्व ह्यूज का आमना-सामना हुआ. शेख ने अपने बारे में बताते हुए, अपनी सारी बीवियों को लाइन में खड़ा कर दिया. और कहा,
‘देखा, मेरे पास 78 बीवियां है’.
ये सुनकर ह्यूज ने कुछ पल तक शेख को देखा और फिर कहा,
‘तुमको सिर्फ दो और चाहिए, और फिर तुम नई गेंद के हकदार हो जाओगे’.
जोक नहीं समझे तो जान लीजिए कि टेस्ट में 80 ओवर बाद नई गेंद ली जा सकती है. और ह्यूज का रेफरेंस इसी ओर था.
# जब स्लेजिंग खुद पर ही भारी पड़ गई!वैसे कई दफ़ा ऐसा भी होता है कि स्लेजिंग प्लेयर और उसकी टीम पर ही भारी पड़ जाती है. इसका एक हल्का-फुल्का सा उदाहरण हाल में हुए इंडिया–इंग्लैंड के पांचवें टेस्ट मैच से लिया जा सकता है. इस मैच में पूर्व कप्तान विराट कोहली ने जॉनी बेयरस्टो को छेड़ दिया. बेयरस्टो तब तक काफी धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे. लेकिन विराट से बहस होते ही उन्होंने इंडियन फील्डर्स को इधर-उधर दौड़ाना शुरू कर दिया.
खैर, हम इधर-उधर से लौटते हुए मर्व ह्यूज पर वापस आते हैं. ये बात एशेज़ के दौरान की है. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच गाबा में चल रहा था. माइक गैटिंग और बिल अथी साथ में बल्लेबाजी कर रहे थे. इस दौरान ह्यूज भी अपना काम कर रहे थे. कुछ ना कुछ कहकर बल्लेबाजों का ध्यान तोड़ने वाला. इससे गैटिंग को तो कुछ फर्क नहीं पड़ा लेकिन बिल बार-बार अपने सिर पर हाथ रख रहे थे और धीमे स्वर में जवाब भी दे रहे थे.

बिल और ह्यूज के बीच जो कुछ भी हो रहा था, इसका असर सिर्फ ह्यूज पर पड़ रहा था. ये देखकर गैटिंग कंफ्यूज़ हो गए. उन्होंने जब इस बात का पता लगाया. तो पता चला कि बिल, ह्यूज की गालियां सुनने पर उनसे किसी अनपढ़ देहाती की तरह माफी मांग रहे थे. और इससे ह्यूज का फोकस चला गया. इसका फायदा गैटिंग और बिल दोनों ने उठाया. अथी ने इस मैच में 76 रन की पारी खेली.
और जैसा कि होना ही था. स्लेजिंग के ज़िक्र पर मर्व की टीम तुरंत ही उनकी तरफ घूम जाती थी. इससे फ्रस्टियाए मर्व ने एक बार कहा था,
# दिनों में पूरी हुई हैटट्रिक‘ऐसा क्यों होता है कि जब भी स्लेजिंग या स्पोर्ट्स में अपमान की बात होती है. तब कमरे के सभी लोग मुड़कर मेरी तरफ देखने लगते है. मैंने स्लेजिंग का ईजाद नहीं किया था. और ना ही इसमें सबसे बेहतर था. शायद मैं अधिक स्पष्ट था, क्योंकि मुझे यह पिच के बीच से करना था. यह देखते हुए, कि मैं बल्लेबाज के एंड तक दौड़ते हुए गालियां बुदबुदाने का कष्ट नहीं उठा सकता.’
मर्व के नाम एक अजीब सी हैटट्रिक भी शामिल है. ये हैटट्रिक मर्व ने साल 1988 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ ली थी. वेस्टइंडीज़, ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आई थी. इस दौरे का दूसरा मुकाबला पर्थ में हो रहा था. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर गेंदबाजी की. वेस्टइंडीज़ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बोर्ड पर 449 रन टांग दिए.
इस पारी में अपने 36वें ओवर की आखिरी गेंद पर ह्यूज ने कर्टली एम्ब्रोस को आउट किया. फिर जब वो अपना 37वां ओवर लेकर आए, तो उसकी पहली ही गेंद पर पैट्रिक पैटरसन के रूप में वेस्टइंडीज़ का आखिरी विकेट भी निकाल दिया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया फिर बल्लेबाजी करने के लिए उतरी. उन्होंने 359 रन बनाकर डिक्लेयर कर दिया.
इसके बाद वेस्टइंडीज़ का बल्लेबाजी करने का नंबर आया. और यहां पर जब गेंद ह्यूज के हाथ में आई, उन्होंने अपनी पहली ही गेंद पर गॉर्डन ग्रीनिज को पविलियन भेज दिया. और ऐसे अपनी सबसे अजीब सी हैटट्रिक को पूरा किया.
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