विराट कोहली, माने वो कप्तान जो शुरू से अंत तक किसी के आगे नहीं झुका
शुक्रिया कोहली, धूप से छांव तक एक जैसा रहने के लिए
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विराट कोहली ने टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी छोड़ दी है ( फोटो क्रेडिट : AP)
भारतीय क्रिकेट को विराट कोहली जैसा कप्तान दोबारा मिलना मुश्किल है. क्योंकि जिस कैरेक्टर को लेकर वह मैदान पर उतरे. अंत तक वैसे ही रहे. और जैसा कि हम सबको पता है, अपनी बात और आदत पर टिके रहने वाला इंसान आज के समय में मिलना मुश्किल है. मज़ेदार बात ये है कि छोटे-छोटे बच्चों को भी कोहली के ऑन फ़ील्ड व्यवहार के बारे में पता है. और कोहली भी ये बात जानते हैं कि करोड़ों लोग उनसे सीखते हैं. उनके जैसा बनना चाहते हैं. लेकिन कोहली बिना दोहरा चरित्र अपनाए अपनी आदत पर टिके रहे.
और इसके लिए भाईसाब... गुर्दे की ज़रूरत होती है. कोहली में वो कलेजा था.
उसने आंखों में आंखें डालकर कहा कि अगर दर्शक अपनी हद पार करेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे. कोहली ने विपक्षी टीम को बोला कि मेरे एक खिलाड़ी को स्लेज करोगे. तो हमारी पूरी फ़ौज तुम्हारी ऐसी-तैसी कर देगी. और ये स्टेटमेंट्स किसी भी टीम को डराने के लिए काफ़ी था. कोहली ने जिस तरह टेस्ट में कप्तानी की. जैसा आक्रामक रवैया दिखाया कि मुर्दा भी उठकर मैच देखने लगे. बतौर कप्तान कोहली ने ईंधन का काम किया. सबको लेकर चले.
— Virat Kohli (@imVkohli) January 15, 2022तमाम आलोचनाओं के बाद भी कोहली सीढ़ी चढ़ते गए. उन्हें पता था कि आदर्शवाद का झूठा चोंगा नहीं पहनना है. जो हूं सो हूं. कप्तान हूं और जिसे खिलाना है, उसे खिलाऊंगा. और इसी बात पर टिके रहे. मीडिया और फ़ैन्स हमेशा चढ़ते सूरज को सलाम करते हैं ये भी कोहली अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने मनमानी की. लेकिन रिज़ल्ट्स देखिए. हां ICC टूर्नामेंट्स में मिली हार की समीक्षा की जा सकती है. आख़िर में इसी उम्मीद से कप्तान भी बनाया जाता है. लेकिन टेस्ट में कोहली जैसा कैरेक्टर सात डिबिया तेल जलाने से भी नहीं मिलने वाला है. आंकड़ों को साइड में रखिए. आंकड़े तो सबसे बेहतर हैं ही. लेकिन कोहली ने जो गेंदबाज़ों की फ़ौज तैयार कर दी. उसके लिए फ़ैन्स और BCCI को कोहली, भरत अरुण और शास्त्री का शुक्रगुज़ार होना चाहिए. आज हमने एक दिलेर कप्तान खोया है. जो अपने गेंदबाज़ों से कहता था कि 60 ओवर बचे हैं, किसी को हंसते हुए देखा तो फिर देख लेना. और भारत वो हारा मैच जीत लेता है. वो भी क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले मैदान पर.
कप्तान कोहली पर गली के लौंडों जैसी हरकतें करने के बहुत इल्ज़ाम लगे हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि हिंदुस्तान का क्रिकेट गली-मोहल्लों से ही शुरू होता है. और वहीं पर ख़त्म होता है. मुझे अपने कप्तान पर फ़ख़्र है कि उसने गली-मोहल्ले के क्रिकेट को अपने अंदर ज़िंदा रखा. पहले मैच से लेकर आखिरी मैच तक उसी इंटेंसिटी से खेला. और जब लगा कि अब अपने हिसाब से नहीं चलते दिया जा रहा तो तुरंत, बिना कोई शोर-शराबा किए चुपचाप वो सड़क ही छोड़ दी जिसे बनाने में उसका खुद का खून-पसीना लगा था. अलविदा किंग कोहली4️⃣0️⃣ wins in 6️⃣8️⃣ Tests! Virat Kohli steps down as India's most successful Test captain 👏 Read more: https://t.co/D0qfZJLRjP pic.twitter.com/2pnr6iJ7qd
— ICC (@ICC) January 15, 2022