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विनेश फोगाट की ये बात आलोचकों को बहुत जोर से चुभेगी!

'घर बैठकर बहुत लोग खुद को एक्सपर्ट समझते हैं.'

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Vinesh Phogat pens a heart felt post after winning bronze at World Wrestling Championships
विनेश फोगाट (United World Wrestling)
19 सितंबर 2022 (Updated: 19 सितंबर 2022, 19:34 IST)
Updated: 19 सितंबर 2022 19:34 IST
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विनेश फोगाट. भारत की स्टार पहलवान. विनेश ने इंडिया के लिए ढेर सारे मेडल्स जीते हैं. हाल ही में विनेश ने रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में भी ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. ये वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनका दूसरा मेडल था. इस मेडल के साथ ही विनेश वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर भी बन गईं.

पहले राउंड में मंगोलिया की खुलान बतखुयाग से हारने के बाद फै़न्स ने फोगाट के प्रदर्शन की कड़ी निंदा की. इसके बाद फोगाट ने रेपचेज राउंड से ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर सबका मुंह बंद कर दिया. इस मेडल को जीतने के बाद विनेश ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया है.

इस पोस्ट में विनेश ने कहा कि प्लेयर्स भी इंसान होते हैं, रोबोट्स नहीं. एथलीट्स अपना 100% देते हैं, पर हमेशा जीतना मुमकिन नहीं होता. फोगाट ने ये भी कहा कि कई लोग अपने घरों पर बैठकर खुद को एक्सपर्ट्स समझने लगते हैं.

फोगाट ने ट्विटर पर ये मेसेज साझा करते हुए लिखा,

‘मैं उम्मीद करती हूं कि सब लोग अपनी बातों की जिम्मेदारी लेंगे. इस चीज़ पर भी फोकस करना चाहिए कि आपके एथलीट्स क्या सही कर रहे हैं. लोगों को एक बेहतर नजरिया रखने की जरूरत है और इंडियन स्पोर्ट्स की हमेशा निंदा नहीं करनी चाहिए.’

इस कैप्शन से जुड़े हुए एक लंबे लेटर में विनेश ने लिखा,

‘एथलीट्स भी इंसान होते हैं. हम कौन हैं, उसका बहुत बड़ा हिस्सा हमारा एथलीट होना होता है. पर इसका ये मतलब नहीं कि किसी भी टूर्नामेंट की घोषणा होते ही हम रोबोट्स की तरह मेहनत करें.’

विनेश ने आगे लिखा,

‘हर इंसान ने मुश्किल परिस्थितियां और चैलेंज्स झेले हैं, चाहे वो एथलीट हो या ना हो. अंतर सिर्फ इतना है कि दुनिया बाकी लोगों पर कॉमेंट नहीं करती. और उनके करियर पर खुद को एक्सपर्ट नहीं समझती. हमारे आसपास ऐसे कई लोग हैं जो खुद को एक्सपर्ट्स समझते हैं. वो सोचते हैं कि उन्हें पता है कि एक एथलीट को तैयार करने में कितनी मेहनत और चैलेंज्स होते हैं.’

विनेश ने ऐसे लोगों को जवाब भी दिया. विनेश ने लिखा,

'हम ऐसे लोगो के लिए क्यों जवाबदेह हैं? हमें बुरे दौर में प्रोत्साहन और सपोर्ट की जगह सिर्फ 'ऐसे ट्रेन करो' 'आपको ये करना चाहिए' मिलता है. जब कोई हमें बताता है कि कब रिटायर कर जाना चाहिए, या कब खेलना चाहिए और कब नहीं, तब हमारी हिम्मत टूट जाती है.'

विनेश ने इसके बाद ये भी कहा कि हार-जीत में बहुत फ़र्क नहीं होता. उन्होंने लिखा,

‘एक हार का मतलब ये नहीं होता कि एथलीट ने पूरी कोशिश नहीं की. और एक जीत का मतलब ये नहीं होता कि एथलीट ने कोई असाधारण काम कर दिया हो. हारना और जीतना एक एथलीट की जिंदगी का हिस्सा होता है. और हर एथलीट हमेशा पूरी कोशिश करता है.’

वर्ल्ड चैंपियनशिप्स के पहले राउंड में बतखुयाग से हारने के बाद विनेश ने यूरोपियन चैंपियन जोना मामग्रेन को हराकर ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया. हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दौरान विनेश ने 53Kg कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था.

वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मेडल जीतते ही विनेश फोगाट ने दिल की बात बोल दी

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