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जिन्हें कभी नाइट वॉचमैन के तौर पर भेजते थे मुंबई वाले, उन्होंने अपनी क्रिकेट टीम की मौज करा दी!

Mumbai vs Baroda के बीत रणजी ट्रॉफी मैच में तनुष कोटियन और तुषार देशपांडे ने शतक जड़ दिया. वो भी नंबर-10 और नंबर-11 पर बैटिंग करते हुए.

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Tushar deshpande, ranji trophy, Mumbai
बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में मुंबई के दो टेलेंडर्स ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए (फोटो- X)
27 फ़रवरी 2024
Updated: 27 फ़रवरी 2024 19:02 IST
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कहा जाता है कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है. यहां रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनते हैं. भले ही उसमें कई साल क्यों ना लग जाए. और ऐसा ही एक रिकॉर्ड बना है 27 फरवरी को. मुंबई और बड़ौदा (Mumbai vs Baroda) के बीच खेले गए रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में. मुंबई की दूसरी पारी के दौरान इतिहास रचा गया है. नंबर-10 पर बैटिंग करने आए तनुष कोटियान (Tanush Kotian) और नंबर-11 पर बैटिंग करने आए तुषार देशपांडे (Tushar Deshpande) ने शतक जड़ दिया है.

तनुष कोटियन ने 129 गेंद पर नाबाद 120 रन की पारी खेली. जबकि तुषार देशपांडे 129 गेंद पर 123 रन की शानदार पारी खेल आउट हुए. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ये पहला मौका है, जब नंबर-10 और नंबर-11 पर बैटिंग करने आए दोनों बल्लेबाजों ने शतक जड़ दिया हो. वहीं फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में ये महज दूसरा मौका है, जब मैदान पर ऐसा कुछ देखने को मिला है. वो भी पूरे 78 साल के लंबे इंतजार के बाद. 

इससे पहले साल 1946 में सरे काउंटी के खिलाफ भारतीय टीम की ओर से चंदू सरवटे और शुट बनर्जी ने नंबर-10 और नंबर-11 पर बैटिंग करते हुए सेंचुरी लगाई थी. इस मैच के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप नीचे दिए गए खबर की लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: जब नंबर 10 और 11 के बल्लेबाजों ने सेंचुरी ठोकी और पूरी टीम से ज़्यादा रन बना डाले

फिलहाल बड़ौदा vs मुंबई रणजी मैच पर वापस लौटते हैं. दूसरी पारी में मुंबई की टीम के 9 विकेट 337 रन के स्कोर पर गिर गए थे. लेकिन यहां से तनुष और तुषार ने क्रीज पर खूंटा गाड़ दिया. दोनों ने एकदम खुलकर बैटिंग की. बिल्कुल बैजबॉल स्टाइल में. आखिरी विकेट के लिए दोनों धुरंधरों ने मिलकर 232 रन की पार्टनरशिप कर दी. इसी दौरान दोनों प्लेयर्स ने अपना-अपना शतक पूरा कर इतिहास रच दिया.

मुंबई सेमीफाइनल में

मैच की बात करें तो मुंबई ने पहली पारी में 384 रन बनाए थे. जबकि बड़ौदा की पहली पारी 348 रन पर सिमट गई थी. दूसरी पारी में मुंबई ने स्कोरबोर्ड पर 569 रन लगा दिए. बड़ौदा को टारगेट मिला 606 रन का. बारी जब बड़ौदा की आई तो टीम चौथे और आखिरी दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट पर 106 रन ही बना सकी. मैच तो ड्रॉ रहा, लेकिन मुंबई ने पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली.

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