ट्रांस महिला एथलीट्स के ओलंपिक्स खेलने पर लगेगा बैन, वजह टेस्टोस्टेरोन है
IOC की नई अध्यक्ष Kirsty Coventry ट्रांसजेंडर महिला एथलीट्स को लेकर पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही हैं. इसे लेकर हाल ही में लुसाने में एक मीटिंग भी हुई है, जहां पूर्व रोअर Dr. Jane Thornton ने एक प्रेजेंटेशन भी दिया है.

अब ट्रांसजेंडर महिलाएं फीमेल कैटेगरी में भाग नहीं ले सकेंगी. इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी उन पर बैन लगाने की तैयारी में है. दरअसल, साइंस बेस्ड रिव्यू में ये पाया गया है कि वैसी एथलीट्स जो मेल पैदा हुईं थी उनमें परमानेंट फिजिकल एडवांटेज होता है. अब तक आईओसी ट्रांसजेंडर वीमेंस को खेलने देता है, अगर उनका टेस्टेरोस्टोन लेवल कम हो. ये इंडिविजुअल स्पोर्ट्स पर भी निर्भर करता है. ये पॉलिसी अब आईओसी की नई अध्यक्ष किर्स्टी कोवेंट्री के राज में बदलने वाली है.
हाल ही में लुसाने में हुई मीटिंग में, आईओसी मेडिकल और साइंटिफिक डायरेक्टर डॉ. जेन थॉर्नटन ने रिव्यू की शुरुआती फाइंडिंग्स प्रेजेंट की. द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व ओलंपिक रोअर डॉ. थॉर्नटन को ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिसमें ये पता लगा है कि टेस्टेस्ट्रॉन सप्रेशन के बावजूद इन प्लेयर्स को फिजिकल एडवांटेज होता है. इस रिपोर्ट में प्रेजेंटेशन को वैज्ञानिक, फैक्चुअल और अनइमोशन बताया गया है. इसे लेकर आईओसी मेंबर्स की ओर से भी पॉजिटिव फीडबैक मिला है.
अगले साल से लागू हो सकता है नया नियमरिपोर्ट में एक सोर्स ने कहा है, ‘प्रेजेंटेशन बहुत साइंटिफिक, फैक्चुअल और अनइमोशनल था जिसमें प्रमाण को साफ तौर पर दर्शाया गया है. नए रुल्स को लेकर अगले साल की शुरुआत में अनाउंसमेंट हो सकती है. जब फरवरी में विंटर ओलंपिक को लेकर मिलान-कोर्टिना में आईओसी की बैठक होगी. लीगल वर्क अभी भी जारी है ताकि ये इंश्योर किया जा सके कि पॉलिसी बिल्कुल सख्त हो. क्योंकि अब तक जो आईओसी की एलिजिबिलिटी रूल्स हैं, सिर्फ रेकमेंडेशन पर आधारित हैं.
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ट्रंप ने ट्रांसजेंडर्स को लेकर पहले ही रुख साफ किया था2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में बैन को लागू किया जा सकता है. जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्रांसजेंडर वीमेन को फीमेल कैटेगरीज में कंपीट करने से रोकने के लिए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स जारी किए थे. ट्रंप ने यहां तक चेतावनी दी थी कि यूएस ट्रांसजेंडर एथलीट्स को एलए ओलंपिक में कंपीट करने के लिए वीजा भी नहीं देगा. बहुत सारे स्पोर्ट्स जैसे कि एथलेटिक्स और स्वीमिंग ने पहले ही उन एथलीट्स पर बैन लगा दिया जो मेल प्यूबर्टी से गुजरी हों, जबकि फुटबॉल में ऐसा नहीं है.
ये पूरी कंट्रोवर्सी पेरिस 2024 ओलंपिक से शुरू हुई थी, जब अल्जीरियन बॉक्सर इमान खलीफ और ताईवान की लिन यू टिंग ने बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीत लिया था. दोनों इससे पहले हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जेंडर एलिजिबिलिटी को लेकर ही डिस्क्वालिफाई हुई थीं.
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