सुनील छेत्री अब भारतीय टीम के लिए नहीं खेलेंगे, अगले साल प्रोफेशनल फुटबॉल भी छोड़ देंगे
2005 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले छेत्री ने लगभग 2 दशक लम्बे अंतरराष्ट्रीय करियर में 156 मैच खेले, जिसमें 95 गोल किए. उन्होंने अपना करियर चौथे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में समाप्त किया.

भारत के पूर्व फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) ने आखिरकार संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. वह अगले साल प्रोफेशनल फुटबॉल भी छोड़ देंगे. छेत्री ने बीते साल जून में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहा था, लेकिन मनोलो मार्केज के कोच बनने के बाद उनकी टीम में फिर से वापसी हुई थी. इसके बाद वह टीम के लिए कुछ मैच खेले, लेकिन भारत एफसी, एशियन कप के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाया. इसी के बाद छेत्री ने संन्यास का एलान कर दिया.
छेत्री के लिए मनमुताबिक नहीं रही वापसीस्पेनिश कोच का छेत्री को वापस बुलाने का फैसला आंकड़ों पर आधारित था, क्योंकि अनुभवी स्ट्राइकर ने ISL में 14 गोल किए थे, जो गोल्डन बूट विजेता अलाएद्दीन अजाराई के बाद दूसरे स्थान पर थे. कोई भी घरेलू खिलाड़ी उनके करीब नहीं था. हालांकि सबकुछ प्लान के हिसाब से नहीं हुआ. भारत, क्वालीफायर्स के फाइनल राउंड में सबसे ऊंची रैंकिंग वाली टीम होने के बावजूद, चार मैचों में एक भी जीत हासिल नहीं कर पाया और दौड़ से बाहर हो गया. अपनी वापसी के बाद छह मैचों में, छेत्री ने सिर्फ एक गोल किया, जिससे भारत के लिए उनके कुल गोल 95 हो गए.
छेत्री ने कोच खालिद को दे दी थी जानकारीभारत एएफसी कप के लिए क्वालिफाई नहीं कर सका, इसी कारण छेत्री ने जाने का फैसला किया. सुनील छेत्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,
अगर हम आईएसएल जीतते हैं, तो मुझे राष्ट्रीय (विजेता) क्लब की जर्सी पहनने और फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने का मौका मिलता. 42 साल की उम्र में, यह आसान नहीं है. मैं इस सीज़न में 15 गोल करके संन्यास लेना चाहता हूं.
छेत्री ने बताया कि वह अपने फैसले के बारे में पहले ही कोच खालिद को बता चुके हैं. उन्होंने कहा,
छेत्री का करियरखालिद सर को अपने फ़ैसले के बारे में बताना मेरे लिए आसान था. जब मैं राष्ट्रीय टीम में शामिल हुआ, तो मेरा एकमात्र लक्ष्य क्वालीफ़ायर में ज़्यादा से ज़्यादा मदद करना था. इसके अलावा और कुछ नहीं था. अगर क्वालीफ़ायर न होते, तो शायद मैं वापस नहीं आता. जब यह साफ़ हो गया कि हम क्वालीफ़ाई नहीं कर सकते, तो मुझे कोच को बताने में खुशी हुई और उन्होंने मेरी बात समझ ली.
2005 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले छेत्री ने लगभग 2 दशक लम्बे अंतरराष्ट्रीय करियर में 156 मैच खेले, जिसमें 95 गोल किए. उन्होंने अपना करियर चौथे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में समाप्त किया. सक्रिय खिलाड़ियों में छेत्री से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल केवल क्रिस्टियानो रोनाल्डो (143) और लियोनल मेसी (114) ने किए हैं. रोनाल्डो और मेसी के अलावा ईरान के पूर्व दिग्गज अली डेई (108) ने छेत्री से अधिक गोल किए है.
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