सुजीत कलकल का कुश्ती में कमाल, ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया न कर पाए, वो कारनामा कर दिया
Sujeet Kalkal ने अंडर-23 रेसलिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत लिया है. वह पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन बने. सुजीत ने इस पूरे टूर्नामेंट में कमाल का खेल दिखाया.

भारत के युवा पहलवान सुजीत कलकल (Sujeet Kalkal) भले ही सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश के लिए मेडल नहीं ला सके, लेकिन उन्होंने अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप (U23 World Championship) में इसका हिसाब बराबर कर लिया. सुजीत ने अंडर-23 रेसलिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत लिया है. वह पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन बने. सुजीत ने इस पूरे टूर्नामेंट में कमाल का खेल दिखाया. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिए कि सुजीत ने खिताबी मुकाबले में उज्बेकिस्तान के उमिदजोन जलोलोव को 10-0 से हराया.
उन्होंने यह मैच जीतने के लिए कुल चार मिनट और 54 सेकंड का समय लिया. पूरे फाइनल में सुजीत ने अपने उज्बेक प्रतिद्वंद्वी पर पूरी तरह दबदबा बनाए रखा और एकतरफा जीत दर्ज की. आपको बता दें कि उमिदजोन ने इसी साल सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस मैच से पहले भी सुजीत उन्हें दो बार 10-0 से हरा चुके हैं.
ब्रॉन्ज को गोल्ड में बदलाकिसी भी एज ग्रुप में यह सुजीत का वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला मेडल है. उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप का खिताब कभी नहीं जीता था, लेकिन उनके नाम पहले से दो अंडर-23 एशियाई खिताब (2022 और 2025) और एक अंडर-20 एशियाई गोल्ड मेडल (2022) है. उन्होंने पिछले साल इसी प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, और इस बार अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया.
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टूर्नामेंट के शुरुआती दो मुकाबलों में भी सुजीत ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने मोल्डोवा के फिओडर चेवडारी को 12-2 और पोलैंड के डोमिनिक याकुब को 11-0 से हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई. क्वार्टरफाइनल में वे रूस के बशीर मग्मेदोव के खिलाफ पहले पिछड़े, लेकिन फिर कमाल की वापसी करते हुए मैच 4-2 से अपने नाम किया. बशीर दो बार अंडर23 वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं. इसके बाद सेमीफाइनल में उन्होंने जापान के यूटो निशिउची को 3-2 से हराया. इस मुकाबले में सुजीत ने आखिरी सेकंड्स में एक शानदार दो अंकों का दांव लगाकर मैच जीत लिया.
सुजीत कलकल भारत के केवल तीसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. उनसे पहले अमन सहरावत और चिराग चिकारा ने 57 किलोग्राम कैटेगरी में गोल्ड जीता था. 65 किलोग्राम में यह भारत का पहला खिताब है. 65 किलोग्राम कैटेगरी को काफी मुश्किल कैटेगरी माना जाता है. भारत की ओर से बजरंग पूनिया लंबे समय तक इस कैटेगरी में खेलते रहे. उन्होंने 65 किलोग्राम में वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक मेडल जीते, लेकिन अंडर-23 कैटेगरी में वह गोल्ड नहीं जीत पाए थे.
सीनियर चैंपियनशिप में रह गए थे खाली हाथइस साल क्रोएशिया के ज़ाग्रेब में हुई सीनियर विश्व चैंपियनशिप में, सुजीत मेडल हासिल नहीं कर पाए थे. वो पेरिस ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट ईरान के रहमान अमौज़ाद को क्वार्टर फ़ाइनल में हराने के बेहद करीब पहुंच गए थे, लेकिन 6-5 से हार गए. सुजीत के खिलाफ अमौज़ाद के अभियान का यह सबसे कड़ा मुक़ाबला था. अमौज़ाद ने गोल्ड मेडल जीता था और सुजीत से हुए मुकाबले के अलावा किसी भी मुकाबले में एक अंक तक नहीं गंवाया था. इसके बाद सुजीत के पास फिर रेपेचेज में अमेरिका के रियल मार्शल वुड्स को हराकर मेडल जीतने का मौका था लेकिन वह मुकाबला हार गए.
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