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कहानी 4 साल में बैट थामने वाली ऋचा घोष की, जिसमें सबको ‘धोनी’ दि‍खता है

साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ Womens ODI World Cup में Team India की संकटमोचक बनीं Richa Ghosh. उन्होंने महज 77 बॉल्स पर 11 चौके और 4 छक्कों की मदद से 94 रन जड़ दिए. इसके दम पर सिर्फ 102 रन पर 6 विकेट गंवाने के बाद टीम इंडिया 251 तक पहुंच गई.

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Richa Ghosh, IndvsSA, Harmanpreet Kaur
ऋचा घोष ने साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ महज 77 बॉल्स में 94 रन बनाए. (फोटो-AP)
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सुकांत सौरभ
9 अक्तूबर 2025 (Updated: 9 अक्तूबर 2025, 09:16 PM IST)
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साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ वीमेंस वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम बड़ी मुश्किलों में थी. महज 102 रन पर टीम ने 6 विकेट गंवा दिए थे. कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) से लेकर दीप्त‍ि शर्मा (Deepti Sharma) तक सब पवेलियन लौट चुकी थीं. लग रहा था कि इंडियन वीमेंस टीम 150 तक भी नहीं पहुंच सकेगी. लेकिन, ऋचा घोष (Richa Ghosh) की लगातार दूसरे मैच में आई शानदार इनिंग के बदौलत टीम इंडिया ने 251 रन बना लिए हैं. ऋचा ने महज 77 बॉल्स पर 11 चौके और 4 छक्कों की मदद से 94 रन जड़ दिए. महज 6 रन से वह अपने पहले शतक से चूक गईं. लेकिन, पश्चि‍म बंगाल के सिलीगुड़ी से आने वाली इस विकेटकीपर बैटर ने फैंस को महेंद्र सिंह धोनी की याद दिला दी. आइए जानते हैं कौन हैं ये विकेटकीपर बैटर, जिसने साउथ अफ्रीकी बॉलर्स के होश उड़ा दिए.  

4 साल की उम्र में थाम लिया था बैट

महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाली इस विकेटकीपर बैटर ने 4 साल की उम्र में ही बैट थाम लिया था. पिता मानबेंद्र घोष क्लब क्र‍िकेट खेलते थे. ऋचा उनके साथ मैदान पर जाया करती थीं. उस क्र‍िकेट क्लब में जगह बनाने में ऋचा को समय नहीं लगा. उस समय सिलीगुड़ी में लड़कियों की टीम नहीं होती थी. लेकिन, इससे ऋचा को कोई फर्क नहीं पड़ा. वह लड़कों के साथ ही खेलकर अपने कौशल को निखारने में लग गईं. उन्हें क्लब के पेस बॉलर्स का सामना करने में भी डर नहीं लगता था. निडर बैटिंग के लिए प्रसि‍द्ध ऋचा शुरुआत में पेस बॉंलिंग भी करती थीं.

16 साल की उम्र में किया था डेब्यू

14 साल की उम्र में ऋचा ने बंगाल की सीनियर वीमेंस टीम में डेब्यू कर लिया. बहुत जल्द ही वो अपनी टीम की प्रमुख बैटर भी बन गईं. बंगाल के क्रिकेट सर्किट में कई विकेटकीपर्स थे, इसलिए ऋचा ने अपनी स्टेट टीम के लिए विकेटकीपिंग पर काम टीम इंडिया में आने के बाद ही किया.केवल 16 साल की उम्र में ऋचा टीम इंडिया में शामिल हो गईं. 2020 टी20 वर्ल्ड कप के लिए वह इंडियन टीम में शामिल होने वाली एकमात्र अनकैप्ड प्लेयर थीं. शानदार डोमेस्ट‍िक सीजन के बाद टी20 चैलेंजर ट्रॉफी में कुछ उपयोगी इनिंग्स ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की.

ये भी पढ़ें : अमनजोत कौर की कहानी, जिसने टीम इंडिया की लड़खड़ाती पारी में जान फूंक दी, उधार के बल्ले से हुई थी शुरुआत

अंडर-19 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का भी थीं हिस्सा 

अमूमन, प्लेयर्स एज ग्रुप क्र‍िकेट खेलकर सीनियर टीम में शामिल होते हैं. लेकिन, ऋचा ने सीनियर वीमेंस टीम के साथ टी20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप खेलने के बाद 2023 में अंडर-19 वीमेंस वर्ल्ड कप खेला. शेफाली वर्मा की अगुवाई में उस साल इंडिया की अंडर-19 टीम चैंपियन भी बनी थी. वहीं, ऋचा की इंटरनेशनल क्र‍िकेट आंकड़ों की बात करें तो, ऋचा ने अब तक 46 वनडे इंटरनेशनल मुकाबलों में 1041 रन बनाए हैं. वहीं, टी-20 इंटरनेशनल में 67 मुकाबलों में उनके नाम 1067 रन हैं. वो दो टेस्ट मैच भी खेल चुकी हैं. इसमें  50.33 के औसत से उनके नाम 151 रन हैं.

दुनियाभर की टी-20 लीग्स में खेलती हैं ऋचा

ऋचा की पहचान टी-20 क्र‍िकेट में भी एक विस्फोटक बैटर के रूप में हुई है. 2024 के अंत में, ऋचा ने भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए मुकाबले में महज 18 गेंदों पर पचासा जड़ दिया था. इसी के साथ उन्होंने टी-20 इंटरनेशनल में सबसे तेज हाफ सेंचुरी बनाने के लिचफील्ड और डेवाइन के रिकॉर्ड की बराबरी भी की थी. उनकी इसी हिटिंग क्षमता ने उन्हें 2021-22 में होबार्ट हरिकेन्स के साथ WBBL कॉन्ट्रैक्ट भी दिलाया. साथ ही, 2023 में WPL के पहले सीजन में रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें 1.90 करोड़ रुपये की बड़ी कीमत पर साइन किया. RCB को 2024 WPL चैंपियन बनाने में भी ऋचा का बड़ा योगदान रहा है. इंग्लैंड में होने वाले The Hundred में भी ऋचा लंदन स्पि‍रिट और बर्म‍िंघम फ‍िनिक्स का हिस्सा रह चुकी हैं.

राणा और घोष ने कराई वापसी

वहीं, विशाखापत्तनम में हुए इस मुकाबले की बात करें तो, टीम इंडिया की शुरुआत लगातार तीसरे मैच में खराब रही. श्रीलंका के ख‍ि‍लाफ 121 रन पर 5 विकेट गंवाने वाली इंडियन टीम इस मैच में महज 106 रन पर 6 विकेट गंवा चुकी थी. ओपनर स्मृति मंधाना (23) और प्रतिका रावल (37) एक बार फिर अच्छी शुरुआत मिलने के बाद अपना विकेट फेंक कर चली गईं. वहीं, कप्तान हरमनप्रीत कौर (9) दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकीं. 26 ओवर में टीम का स्कोर 102 रन पर 6 विकेट हो गया था, लेकिन इसके बाद अमनजोत (13) और ऋचा ने 7वें विकेट के लिए 51 रन जोड़े और 40 ओवर में टीम को 153 के स्कोर तक पहुंचाया. इसके बाद आईं सनेह राणा (33) ने ऋचा के साथ ताबड़तोड़ बैटिंग की और 8वें विकेट के लिए महज 53 बॉल्स में 88 रनों की पार्टनरश‍िप की और टीम के स्कोर को 250 के पार पहुंचाया. टीम इंडिया एक गेंद रहते 251 पर ऑलआउट हो गई.   

सबसे तेज 1000 रन बनाने वाली इंडियन बनीं

ऋचा घोष ने विशाखापत्तनम में एक बड़ा रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. वनडे इंटरनेशनल में वो बॉल्स के लिहाज से सबसे तेज 1000 रन बनाने वाली भारतीय बैटर बन गईं. हालांकि, बंगाल की यह बैटर 50 ओवर के फॉर्मेट में चार अंकों का आंकड़ा पार करने वाली 12वीं भारतीय हैं. लेकिन, वह बॉल्स के लिहाज से (1010 बॉल्स) यह उपलब्धि हासिल करने वाली सबसे तेज भारतीय हैं. वहीं, पूरे वर्ल्ड में वह तीसरी सबसे तेज प्लेयर हैं. उनसे आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया की एश्ले गार्डनर (917 बॉल्स) और इंग्लैंड की नताली साइवर ब्रंट (943 गेंद) हैं. ऋचा ने यह कारनामा सिर्फ 46 मैचों में हासिल किया. इसमें उनका औसत लगभग 30 और स्ट्राइक रेट 101.16 का रहा.

पाकिस्तान के खि‍लाफ भी की थी धुआंधार बैटिंग

इससे पहले, पाकिस्तान के खि‍लाफ भी इंडियन बैटर्स को रन बनाने में खासा संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन अंत में ऋचा घोष की 35 रनों की तूफानी पारी ने भारत को 247 के स्कोर तक पहुंचा दिया था. जब भारत का स्कोर एक सम्मानजनक टोटल से बहुत दूर दिख रहा था, तब ऋचा 45वें ओवर में नंबर 8 पर बैटिंग करने आईं. उन्होंने महज 20 गेंदों में 35 रनों की धुआंधार पारी खेली, जिसमें दो छक्के और तीन चौके शामिल थे. उनकी यह पारी टीम की सबसे जरूरी पारी साबित हुई और इसकी बदौलत भारत ने 247 का मजबूत स्कोर खड़ा किया. बाद में टीम इंडिया ने ये मैच 88 रनों से जीता.

वीडियो: अमनजोत कौर, जिन्होंने World Cup के पहले मैच में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया

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