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रवि शास्त्री ने बताया भारत की कोचिंग के वक्त सबसे बुरा पल कब आया

जब तक रवि शास्त्री जिएंगे किस जीत की बातें होती रहेंगी?

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पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शाश्त्री (पीटीआई)
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प्रवीण नेहरा
7 दिसंबर 2021 (Updated: 7 दिसंबर 2021, 04:06 PM IST) कॉमेंट्स
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया है कि उनके कोचिंग करियर का सबसे बुरा दिन कौन सा था. रवि शास्त्री की नज़र में उनके कोचिंग करियर का सबसे बुरा दिन टीम इंडिया का 36 रन पर ऑल आउट होना रहा. भारतीय टीम को मिली उस शर्मनाक हार के बाद टीम को फिर से खड़ा करना और उनमें जीत का विश्वास जगाना उनके लिए काफी मुश्किल रहा. एडिलेड में हुए उस टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने एक ही सेशन में अपने नौ विकेट गंवा दिए थे. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब टीम इतने कम के स्कोर पर ऑल आउट हो गई. कोच शास्त्री का कहना है कि टीम के सभी खिलाड़ियों के लिए वह एक बुरे सपने जैसा था. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये हुआ तो हुआ कैसे. द वीक को दिए इंटरव्यू में शास्त्री ने उस दिन को याद करते हुए कहा,
'देखिए, कोच की तरफ हमेशा आलोचनाओं की बंदूक तनी रहती है. इसमें कोई दूसरा विकल्प नहीं है. यही इस काम की विडंबना है. आपको पहले दिन से इसके लिए तैयार रहना पड़ता है. मुझे पता था कि इससे बचा नहीं जा सकता. 36 रन पर ऑल आउट होना मेरे करियर का सबसे बुरा पल था. पिछले दिन का खेल खत्म हुआ तो हमारे हाथ में नौ विकेट थे और उसके बाद हम सिर्फ 36 रन पर सिमट गए. हमे मैच में बने रहने के लिए 80-90 रन और बनाने थे जो हम नहीं कर पाए. हम सब सुन्न पड़ गए. सबको एक सदमा सा लग गया कि ये कैसे हो सकता है.'
हालांकि भारतीय टीम ने इस बेहद शर्मनाक प्रदर्शन का असर पूरी सीरीज़ पर नहीं पड़ने दिया. पहला टेस्ट आठ विकेट से हारने के बाद भारतीय टीम ने अगला मैच उतने ही विकेट से अपने नाम किया. तीसरा टेस्ट ड्रॉ करवाया और चौथे टेस्ट को जीत इतिहास रच दिया. शास्त्री का कहना है कि पहले मैच में जो हुआ उसके बाद ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ जीतना बहुत बड़ी उपलब्धि रही. उन्होंने कहा,
'सिर्फ मैं ही जिम्मेदार नहीं हूं. लेकिन मैं वो पहला इंसान ज़रूर हूं जो कहेगा कि मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं और आलोचना सुनने के लिए तैयार हूं. यहां छुपने के लिए कोई जगह नहीं है. मैंने लड़कों को उस चीज़ पर फोकस करने के लिए कहा जो चीजें वो आगे कर सकते हैं. इसके बाद लड़कों ने कमाल कर दिया. 36 पर आल ऑउट होने के एक महीने बाद 19 जनवरी को हम सीरीज़ जीत चुके थे. मैं अभी भी सोच रहा हूं कि वो सब कैसे हुआ. मैं वादा करता हूं कि जब तक मैं जिन्दा रहूंगा लोग उस सीरीज़ जीत कि बात करते रहेंगे.'
कोच रवि शास्त्री ने साल 2017 में पहली बार ये कार्यभार संभाला था. 2019 के वर्ल्ड कप के बाद अपने दूसरे सत्र में वो दोबारा भारतीय टीम के कोच बने. शास्त्री की कोचिंग में भारतीय टीम ने भले ही कोई ICC टूर्नामेंट ना जीता हो लेकिन टीम का प्रदर्शन आला दर्जे का रहा. रवि शास्त्री के रहते भारत ने ऑस्ट्रेलिया में जाकर दो बार ऑस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार हुई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल तक भी पहुंची.

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