'1971 से सरेंडर की आदत है', यूएई से मैच खेलने पर बुरी तरह ट्रोल हुआ पाकिस्तान
पाकिस्तान को आखिरकार यूएई के खिलाफ ‘करो या मरो’ का मुकाबला खेलने स्टेडियम पहुंचना पड़ा. हालांकि इस पूरे ड्रामे की वजह से मैच में एक घंटे की देरी हो गई थी.
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पाकिस्तान की टीम 17 सितंबर को तमाम ड्रामे के बाद यूएई के खिलाफ एशिया कप का मैच खेलने पहुंची. पाकिस्तान की टीम जो कुछ समय पहले तक एशिया कप बायकॉट करने की बात कर रही थी वो एक घंटे के अंदर मैदान पर मैच खेलने पहुंची. पाकिस्तान के इस यूृ-टर्न को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी काफी फजीहत हो रही है. लोग इस यू-टर्न को सरेंडर मान रहे हैं और जमकर पाकिस्तानी टीम को ट्रोल कर रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स के रिएक्शनएक यूजर ने लिखा,
पाकिस्तानी टीम भारत से डर गई है. इसलिए वो अब एशिया कप को बायकॉट कर रही है. उन्हें डर है कि 21 तारीख को हमारा सामना करना पड़ेगा.
एक अन्य यूजर ने पाकिस्तान क सरेंडर को 1971 की लड़ाई से जोड़ा. उन्होंने लिखा,
1971 से यह उनकी आदत है.
जाफियुर रहमान ने अपने नाम एक्स अकाउंट पर लिखा,
जहां तक मेरा ख्याल है. पाकिस्तान कुछ देर नौटंकी करेगा, फिर चुप चाप मैच खेलने आ जाएगा. इनके क्रिएटर्स फिर मोहिसन नकवी को आईसीसी चैयरमैन से ज्यादा पावरपुल बताएंगे, फिर कुछ दिन बाद फिर से इंडिया से कुटेगी ये टीम.
रवि शर्मा नाम के यूजर ने लिखा,
तुम लोगों को कोई शर्म नहीं है. अगर ऐसा हुआ तो हम नहीं खेलेंगे, लेकिन फिर कहते हैं कि नहीं हमें पैसे चाहिए, हम खेलेंगे. अब फिर से उसी मैच रैफरी के साथ खेलेंगे.
पाकिस्तान को आखिरकार यूएई के खिलाफ ‘करो या मरो’ का मुकाबला खेलने स्टेडियम पहुंचना पड़ा. हालांकि इस पूरे ड्रामे की वजह से मैच में एक घंटे की देरी हो गई थी. बाद में पाकिस्तान ने दावा किया कि उनकी धमकी के बाद आईसीसी के रैफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने माफी मांग ली है. हालांकि आईसीसी ने भी साफ कर दिया कि उनकी जांच में पायक्रॉफ्ट दोषी नहीं पाए गए. पायक्रॉफ्ट की कोई गलती नहीं थी और इसी कारण उन्होंने केवल मिस कॉम्युनिकेशन के लिए माफी मांगी. आपको बता दें कि पाकिस्तान की नाराजगी भारतीय टीम के हाथ न मिलाने के कारण थी. उन्होंने रैफरी पायक्रॉफ्ट को इसका दोषी बताया लेकिन वो इसे साबित नहीं कर पाए.
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