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बाउंड्री पर ऐसी फील्डिंग, टीम हारा फ़ाइनल जीत गई!

कप्तान साब ने कमाल ही कर दिया.

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Manish Pandey Incredible Fielding Effort To Stop a Six During Hubli Tigers vs Mysuru Warriors Maharaja Trophy Final
मनीष पांडे की शानदार फील्डिंग, हुबली टाइगर्स जीत गई ट्रॉफी (साभार - फैनकोड)
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पुनीत त्रिपाठी
30 अगस्त 2023 (Updated: 30 अगस्त 2023, 11:48 PM IST)
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‘Catches win matches.’

अंग्रेज़ी की एक मशहूर कहावत है. मतलब आप जानते ही होंगे. और ऐसे कई उदाहरण हम देख भी चुके हैं. पर कोई कैच या फील्डिंग से टूर्नामेंट ही जिता दे तो? आपको श्रीसंत का वो कैच याद आया होगा, जो उन्होंने 2007 T20 World Cup के फाइनल में पकड़ा था. उस कैच ने भारत को ट्रॉफी जिताई थी. हालांकि, वो कैच आसान था. पर प्रेशर सिचुएशन में वैसे कैच पकड़ पाना मामूली बात नहीं है. अब ऐसा ही कुछ एक और भारतीय प्लेयर ने कर दिखाया है. पर इस बार कैच नहीं, फील्डिंग से ये कमाल हुआ है. पर ऐसी फील्डिंग, जो किसी कैच से कम नहीं थी.

इंडिया के लिए खेल चुके मनीष पांडे ने महाराजा ट्रॉफी के फाइनल में ये कारनामा कर दिखाया. हुबली टाइगर्स के लिए खेलते हुए पांडे ने मैच के आखिरी ओवर में अपनी शानदार फील्डिंग से मैच घुमा दिया. कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) द्वारा ऑर्गनाइज़ किए गए इस टूर्नामेंट में मनीष की टीम हुबली टाइगर्स फाइनल में जगह बना चुकी थी.

माइसोर वारियर्स से मुकाबला था. माइसोर की टीम में भारत के लिए ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले करुण नायर और जगदीशा सुचित जैसे टैलेंटेड खिलाड़ी थे. मैच भी लगभग बराबरी का ही हुआ. पर मनीष ने कमाल की फील्डिंग कर अपनी टीम को ट्रॉफी का हकदार बना दिया.

माइसोर टाइगर्स ने टॉस जीत बॉलिंग करने का फैसला लिया. हुबली टाइगर्स ने पहले बैटिंग कर 203 रन का टोटल बनाया था. 204 का टार्गेट, फाइनल मुकाबले में कभी भी आसान नहीं होता. पर माइसोर के लिए ओपनर्स और करुण नायर ने शानदार बैटिंग की. 11 ओवर में टीम 110 रन बना चुकी थी. बाकी के रन्स आसानी से बनते दिख रहे थे. और बन भी रहे थे. मैच की चार बॉल्स बची हैं. 11 रन चाहिए.

सुचित क्रीज़ पर थे. ये प्लेयर बड़े शॉट्स लगाना जानता है. मनवंत कुमार ने बॉल डाली. सुचित ने बल्ला घुमाया. बॉल लॉन्ग ऑफ के ऊपर से बाउंड्री के पार जाते-जाते रह गई. मनीष पांडे वहां फील्डिंग कर रहे थे. उन्होंने उड़ते हुए बॉल को पकड़ा, और वापस ग्राउंड में फेंक दिया. अगर ये छक्का लग जाता, तो माइसोर को अगली तीन बॉल में 5 रन चाहिए होते. यानी सिर्फ एक बाउंड्री. पर इसके बाद बल्लेबाज़ों पर दबाव बढ़ गया और हुबली आठ रन से मैच जीत गई.

मैच के बाद हुबली के कैप्टन मनीष ने कहा,

'मेरे दिमाग में अभी बहुत कुछ चल रहा है. बल्लेबाज़ ने जब वो शॉट मारा, मेरे दिमाग में आया, 'ओहहह... क्या शॉट है'. पर मैं बॉल को पकड़ पाया, और वापस फेंक दिया. बतौर प्लेयर और कैप्टन, योगदान देकर खुश हूं.'

बता दें, बैटिंग में भी मनीष ने अपनी टीम के लिए कमाल किया था. उन्होंने सिर्फ 23 बॉल में पचासा ठोक दिया था.

वीडियो: इशान, सिराज और शुभमन गिल के ये कैच तो बहुत कमाल थे

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