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बोर्ड से लड़कर वापस आया और इंडिया पर सारा गुस्सा निकाल दिया!

जब इंग्लैंड के एक खिलाड़ी ने वापस लौटकर इंडिया की बैंड बजा दी!

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Kevin Pietersen
केविन पीटरसन (फोटो - )
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गरिमा भारद्वाज
27 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:06 PM IST) कॉमेंट्स
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‘क्या आप MS के कान में बोल सकते है कि मैं उनसे बेहतर गोल्फर हूं’ 

ईयरपीस पर आई ये आवाज सुनकर क्रिकेटर मनोज तिवारी, तुरंत धोनी के पास गए और कहा, 

‘भैया, केविन पीटरसन बोल रहा है कि वो आपसे बेहतर गोल्फर है’ 

जवाब में धोनी ने कहा,

‘वो अभी भी मेरा पहला टेस्ट विकेट है.’

बीच मैच धोनी ने कॉमेंट्री पेनल में बैठे केविन पीटरसन को कुछ ऐसा जवाब दिया. और ये जवाब उन तक पहुंचाने के लिए किसी कबूतर का सहारा भी नहीं लेना पड़ा. IPL में हुए हुए इस बैंटर को इंडिया की जनता ने खूब इंजॉय किया था. केविन पीटरसन के साथ ऐसा अक्सर ही होता रहता है. वो किसी का मज़ाक बनाने जाते है. और खुद ही ट्रोल होकर लौट आते है. लेकिन इन सब से अलग केविन का करियर कई और चीज़ों के लिए भी फेमस रहा है. और इन चीजों में कॉन्ट्रोवर्सी भी शामिल है. इसके अलावा KP स्विच हिट का ईज़ाद करने के लिए. रेसिस्ट कमेंट्स के खिलाफ आवाज़ उठाने और भारत के खिलाफ़ भारत में 28 साल बाद अपनी टीम इंग्लैंड को जीत दिलाने के लिए भी फेमस रहे हैं.

साथ ही आप इतना तो जानते ही होंगे कि केविन साउथ अफ्रीकी मूल के इंग्लिश खिलाड़ी है. कुछ साल उन्होंने साउथ अफ्रीका में गुज़ारे थे. लेकिन साउथ अफ्रीकी क्रिकेट में कोटे का हिसाब है. इसलिए वो वहां से अपना करियर बनाने इंग्लैंड पहुंच गए. यहां पर क्रिकेट काउंटी खेला और फिर टीम इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया.

#कॉन्ट्रोवर्सी में क्यों रहे पीटरसन? 

पीटरसन का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लम्बा नहीं रहा. उन्होंने कुल 37 T20I और 136 वनडे मैच खेले हैं. इसके साथ ही उनके नाम 104 टेस्ट मैच भी रहे. देखने में ये आंकड़े ठीक-ठाक ही लगते है. लेकिन चीजें अलग भी हो सकती थीं. KP के नाम और बहुत सारे इंटरनेशनल मैच हो सकते थे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि पीटरसन अपने आसपास हो रही चीज़ों के लिए काफी वोकल रहे.

साल 2008 के समय पीटरसन को इंग्लैंड ने टेस्ट और वनडे की कप्तानी सौंपी थी. कप्तान के तौर पर उनकी पहली सीरीज़ कमाल की रही. साउथ अफ्रीका को उन्होंने वनडे सीरीज़ में 4-0 से हराया. लेकिन ये हनीमून पीरियड बहुत जल्द खत्म हो गया. क्योंकि अब इंग्लैंड की टीम इंडिया आ गई थी. और टीम इंडिया ने इंग्लैंड को वनडे सीरीज़ में 5-0 से हराया. इसके बाद टेस्ट सीरीज़ में भी 1 -0 से. यहां से पीटरसन और इंग्लैंड टीम के कोच पीटर मोर्स के बीच चीज़ें बिगड़ने लगी. पीटरसन ने टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान माइकल वॉन को भी माफी मांगते हुए मैसेज़ भेजे थे. द गार्डियन के अनुसार इन संदेशों में उन्होंने जताया था कि वो वॉन को टीम में शामिल करना चाहते थे. लेकिन मोर्स ऐसा नहीं चाहते थे.

पीटरसन और मोर्स के बीच चीज़ें काफी खराब हुई. ECB ने दोनों को इसे ठीक करने के मौके दिए. लेकिन बात ये भी थी कि पीटरसन के पास टीम के सीनियर खिलाड़ियों का सपोर्ट नहीं था. और कप्तानी छिनने से पहले ही पीटरसन ने द गार्डियन से बोला, 

‘मैं बहुत दुखी और निराश हूं कि मुझे इतने छोटे समय में कप्तानी को छोड़ना पड़ा. खास तौर पर इंग्लिश क्रिकेट के लिए इतने अहम साल में. ऐसी परिस्थितियों में और विशेष रूप से जब मुझे लगता है कि मेरे पास कप्तान के तौर पर इंग्लैंड टीम को देने के लिए बहुत कुछ है. हालांकि, यह निर्णय इंग्लैंड के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना जारी रखने के मेरे दृढ़ संकल्प को प्रभावित नहीं करेगा. मैं वो सब करुंगा जिससे मेरी टीम मैच जीते. और भविष्य में जो भी कप्तान बनेगा उसको सपोर्ट करुंगा. केविन पीटरसन के कप्तानी छोड़ने के बाद एंड्रयू स्ट्रॉस ने इस जिम्मेदारी को संभाला. और मोर्स को भी कोच के पद से हटा दिया गया.' 

कोच के साथ हुए झगड़े के बाद उनको पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज़ में नहीं लिया गया. इस बीच उनके कई ट्वीट्स जमकर वायरल हुए. हालांकि फिर उन्होंने वर्ल्ड कप टीम में वापसी की. साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ सीरीज़ में भी उनका चयन हुआ. लेकिन यहां वो पूरे तीन मैच की टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा नहीं रह पाए. पीटरसन को लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच से ‘टेक्सगेट’ कॉन्ट्रोवर्सी की वजह से ड्रॉप किया गया.

इस कॉन्ट्रोवर्सी में पीटरसन ने अपने कप्तान स्ट्रॉस की कमज़ोरी अफ्रीकी खिलाड़ियों को बताई थी. जिसके कारण वो टीम से ड्रॉप भी हुए. इसके बाद साल 2012 T20 वर्ल्ड कप की टीम में इंग्लैंड ने उनको शामिल नहीं किया. पीटरसन फिर वहां क्रिकेट पंडित बनकर पहुंचे. यहां से पीटरसन का इंटरनेशन करियर बिल्कुल खत्म लग रहा था.

लेकिन इसी बीच पीटरसन ने फिर एक बार इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की. इंग्लैंड भारत के दौरे पर आ रही थी. तो उनको भी टीम में शामिल किया गया. और यहां उन्होंने टीम इंडिया से जाने किस-किसका बदला ले लिया. 

#इंडिया पर चढ़ गए पीटरसन!

इंग्लैंड की टीम चार मैच की टेस्ट सीरीज़, दो T20I और पांच वनडे मुकाबले खेलने भारत पहुंची थी. लिमिटेड ओवर्स से तो पीटरसन पहले ही संन्यास ले चुके थे. तो मौका था टेस्ट में धमाल करने का. पहला मुकाबला अहमदबाद में. पहली पारी में पुजारा ने दोहरा शतक लगाया. टीम इंडिया ने 521 रन बनाए. इंग्लैंड की पहली पारी 191 पर सिमटी. दूसरी पारी 406 रन पर. बचे हुए रन बनाकर टीम इंडिया के पास 1 -0 की लीड आ गई. 

अगला पड़ाव मुंबई. टीम इंडिया की फिर पहले बल्लेबाजी, बोर्ड पर लगे कुल 327 रन. वहीं इंग्लैंड की पहली पारी. बोर्ड पर उन्होंने चढ़ाए 413 रन. इस लीड के लिए सर एलिस्टर कुक ने शतक मारा, तो पीटरसन ने 186 रन की पारी खेली. इंडिया दूसरी पारी में जब बल्लेबाजी करने उतरी तो इस बार बना पाई कुल 142 रन. यहां से 58 रन बनाकर इंग्लैंड की टीम सीरीज़ को 1-1 की बराबरी पर ले आई.

अब तीसरा मुकाबला था. ये हो रहा था कोलकाता में. यहां भी टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 316 रन बनाए. इनका पीछा करते हुए इंग्लैंड ने 523 रन बनाए दिए. इसमें सबसे बड़ा योगदान तो सर एलिस्टर कुक का रहा. उन्होंने 190 रन की पारी खेली. इनके साथ पीटरसन ने भी हाफ सेंचुरी लगाई. फिर दूसरी पारी में इंडिया ने 247 रन बनाए. अब इंग्लैंड ने इन रन्स को चेज़ करते हुए सीरीज़ में ले ली 2-1 की बढ़त.

अब बचा था सीरीज़ का आखिरी मुकाबला. जो कि नागपुर में खेला जाना था. यहां तक इंग्लैंड आगे थी. टीम इंडिया के पास सीरीज़ ड्रॉ करने के लिए सिर्फ जीत का ही रास्ता था. इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला कर लिया. अपनी पहली पारी में इन्होंने बनाए 330 रन. टीम के टॉप स्कोरर, 73 रन के साथ केविन पीटरसन.

अब टीम इंडिया उतरी चेज़ करने. विराट कोहली ने शतकीय पारी खेली. कप्तान एम एस धोनी 99 रन पर रन आउट हो गए. और पूरी टीम 326 पर ऑल आउट. दूसरी पारी में फिर इंग्लैंड ने बनाए 352 रन. और पांचवें दिन तक वो बल्लेबाजी करते रहे तो ये मैच हुआ ड्रॉ. इस ड्रॉ के साथ इंग्लैंड ने सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम कर लिया. साल 1984-85 के बाद ये इंग्लैंड की इंडिया में पहली टेस्ट सीरीज़ जीत थी. क़रीबन 28 साल बाद.

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