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वर्कलोड? 15 ओवर भी नहीं डाल सकते तो इंडिया खेलना भूल जाएं जसप्रीत बुमराह!

जसप्रीत बुमराह की फ़िटनेस पर एक तल्ख़ टिप्पणी हुई है. 1983 वर्ल्ड कप विनर पेस बोलर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि बुमराह को वर्कलोड के चोंचले में नहीं पड़ना चाहिए. और अगर ऐसा नहीं हो सकता तो वो टेस्ट टीम भूल जाएं.

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Jasprit Bumrah, Virat Kohli
जसप्रीत बुमराह की फ़िटनेस पर सवाल हैं (AP)
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सूरज पांडेय
7 जनवरी 2025 (Published: 06:23 PM IST)
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जसप्रीत बुमराह की पीठ में ऐंठन है. हाल ही में खत्म हुए सिडनी टेस्ट के दौरान उन्हें ये समस्या हुई. इसके चलते जसप्रीत दूसरी पारी में बोलिंग भी नहीं कर पाए. अभी तक उनकी इस समस्या की गंभीरता का अंदाजा नहीं लग पाया है. लेकिन रिपोर्ट्स का दावा है कि बुमराह कुछ हफ़्तों तक क्रिकेट से दूर रहेंगे.

और ये ख़बर सामने आने के साथ ही उनका वर्कलोड एक बार फिर चर्चा में आ गया है. कई लोगों का मानना है कि बुमराह पर बहुत ज्यादा वर्कलोड था, जिसके चलते उनकी ये हालत हुई. पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने तो सीधे टीम मैनेजमेंट को लपेट लिया था. गुस्साए भज्जी की मानें तो टीम मैनेजमेंट के चलते बुमराह का ये हाल है. लेकिन अब एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने इस मसले पर अलग राय दी है.

यह भी पढ़ें: ‘इंडियन टीम के मैनेजमेंट ने तोड़ी जसप्रीत बुमराह की पीठ’

1983 वर्ल्ड कप विनर टीम का हिस्सा रहे बलविंदर सिंह संधू का मानना है कि ये सब बक़वास है. किसी बोलर के लिए इस लेवल पर पारी के 15-20 ओवर्स फेंकना चैलेंज नहीं होना चाहिए. टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए संधू बोले,

'वर्कलोड? उन्होंने कितने ओवर्स फेंके? 150 के आसपास, है ना? लेकिन कितने मैच या पारियों में? पांच मैच या नौ पारी, ठीक? यानी हर पारी में 16 या फिर हर मैच में 30 ओवर्स. और उन्होंने ये ओवर्स एक बार में नहीं डाले. उन्होंने ये काम स्पेल्स में किया.

क्या ये बड़ी बात है? वर्कलोड मैनेजमेंट बकवास है. ये ऑस्ट्रेलिया वालों के चोंचले हैं, उन्होंने ही बनाए हैं. वर्कलोड मैनेजमेंट कुछ भी नहीं है. मैं ये नहीं मानता. मैं ऐसे एरा से आता हूं जहां क्रिकेटर्स सिर्फ़ अपने शरीर की सुनते थे, और किसी की नहीं. मैं इस बात से एकदम सहमत नहीं हूं.'

संधू यहीं नहीं रुके. उनकी बातें और तल्ख होती गईं. उन्होंने कहा,

'एक दिन में 15 ओवर्स, वो भी अलग-अलग स्पेल्स में, किसी भी बोलर के लिए बड़ी बात नहीं होनी चाहिए. आप किसी टेस्ट मैच के पांचों दिन बोलिंग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने ये ओवर्स डालने में तीन या चार स्पेल्स लिए हैं. आज, आपके पास शरीर की देखभाल के लिए बेस्ट फ़िजियो, बेस्ट मसाज़र और कमाल के डॉक्टर्स हैं. अगर एक बोलर, एक पारी में बीस ओवर्स नहीं डाल सकता, तो इंडिया खेलना भूल जाए.

अगर आप भारत को रिप्रेज़ेंट करना चाहते हैं तो आपके पास एक पारी में कम से कम 20 ओवर्स डालने की ताकत होनी चाहिए. अगर आप नहीं डाल सकते तो बेहतर होगा कि वापस जाएं और T20 खेलें, जहां आपको सिर्फ़ चार ओवर्स डालने होंगे. यहां तक कि वो चार ओवर्स भी तीन स्पेल्स में जाते हैं. हम एक दिन में 25-30 ओवर्स डालते थे. कपिल ने अपने पूरे करियर में लंबे-लंबे स्पेल्स डाले हैं. जब आप लगातार बोलिंग करते हैं तो आपकी बॉडी और मसल्स कंडिशंड हो जाती हैं. इसलिए, मैं ये वर्कलोड मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट से सहमत नहीं हूं.'

बता दें कि BGT 2024-25 में बुमराह ने 151.2 ओवर्स बोलिंग की थी. जबकि यहीं पर पैट कमिंस ने 167, मोहम्मद सिराज ने 157.1 और मिचल स्टार्क ने 153.2 ओवर्स बोलिंग की थी.

वीडियो: RCB को ध्वस्त कर जसप्रीत बुमराह बोले, 'ग्यारह साल से ये काम कर रहा हूं'

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