गिल के लिए संजू टीम से बाहर! गंभीर की ये 'चाल' T20 वर्ल्ड कप ना हरवा दे
टीम इंडिया ने पिछले एक साल से जिस अटैकिंग माइंडसेट से टी20 क्रिकेट खेला है, क्या Shubman Gill के आने से इस पर असर पड़ गया है? Sanju Samson को बाहर कर कहीं कोच Gautam Gambhir गलती तो नहीं कर रहे हैं.

10 नवंबर, 2022. एडिलेड की सपाट बैटिंग फ्रेंडली पिच. टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया का सामना इंग्लैंड से था. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग की. भारतीय टीम संभलकर खेली और इंग्लैंड को 20 ओवर में 169 रन का टारगेट दिया. पिच जबदरस्त थी तो इंग्लैंड ने शुरू से ताबड़तोड़ बैटिंग की. नतीजा भारत ये मुकाबला 10 विकेट से हार गया. इंग्लैंड ने टारगेट को महज 16 ओवर में पूरा कर लिया.
ये टीम इंडिया के लिए एक आई ओपनर था. कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) समझ गए. टी20 में वर्चस्व जमाना है तो शुरुआत से अटैक करना होगा. उन्होंने खुद से इसकी शुरुआत की और 2024 में हम चैंपियन बन गए. उनके बाद कप्तान बने सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) और कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) भी इसी फॉर्मूला पर चले. उन्हें रोहित की जगह इस बार इसी शैली के दो बैटर मिल गए. अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) और संजू सैमसन (Sanju Samson). दोनों ओपनर्स ताबड़तोड़ शुरुआत दिलाते. फिर मिडिल ऑर्डर का विस्फोट और आसानी से 200 का स्कोर पार. सामने वाली टीम का आधा मनोबल यहीं टूट जाता था.
गिल की एंट्री, संजू हुए बाहरलेकिन, फिर आया एशिया कप और कोच ने तय किया कि भविष्य में सभी फॉर्मेट में एक कप्तान चाहिए. इसलिए क्यों न शुभमन गिल को भी टीम में वापस बुला लिया जाए. यहां तक सब ठीक था. एक्सपर्ट्स का भी यही मानना था कि शुभमन के आंकड़े वनडे में नंबर 3 पर शानदार हैं, उन्हें टी20 में भी यही रोल दिया जा सकता है. लेकिन, गंभीर का मानना इससे अलग था. उन्होंने तय किया कि अब अभिषेक शर्मा के साथ शुभमन गिल ओपन करेंगे.
संजू की जगह बनी नंबर 5 पर या ऐसे कह सकते हैं कि कोई पता नहीं होता. एक दो मौकों पर उन्हें नंबर 3 पर भेजा भी गया और उन्होंने परफॉर्म भी किया. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया में हुए दूसरे टी20 मुकाबले में संजू नंबर 3 पर खेलते हुए जल्द आउट हो गए. फिर गंभीर को रियलाइज हुआ कि लोअर ऑर्डर फिनिशर विकेटकीपर जितेश शर्मा इनसे बेहतर विकल्प हैं क्यों न उन्हें ट्राई किया जाए. नतीजा अंतिम तीनों टी20 में संजू को प्लेइंग XI में ही जगह नहीं मिली.
10 मैच तय करेंगे वर्ल्ड कप का भविष्यअब वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया को कुल 10 टी20 मुकाबले खेलने हैं. दोनों ही घर पर खेलने हैं क्योंकि अगले साल फरवरी में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत ही कर रहा है. ऐसे में तैयारी के लिए और सही टीम कॉम्बिनेशन चुनने के लिए अंतिम ऑप्शन होगा. पहले हमें दिसंबर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 5 मैचों की टी20 सीरीज खेलनी है. फिर हमारा सामना न्यूजीलैंड से जनवरी में इतने ही मैचों में होगा. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल अब ये है कि क्या टीम मैनेजमेंट वर्ल्ड कप से पहले ऐसी चीज को जोड़ने में लग गया है, जो कभी टूटा ही नहीं था?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गोल्ड कोस्ट में हुए चौथे टी20 मुकाबले में शुभमन गिल ने 39 बॉल्स पर 46 रन बनाए. सबने उनके स्ट्राइक रेट पर सवाल उठाया. लेकिन, तब पूर्व इंडियन पेसर वरुण एरॉन ने ये कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि लोग क्यों शुभमन गिल पर सवाल उठाते हैं. पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान का भी यही मानना था. अंतिम टी20 में शुभमन गिल अच्छी लय में भी नज़र आ रहे थे. बारिश से मैच धुलने से पहले गिल ने महज 16 बॉल्स में 29 रन बना लिए थे. वो अपने ओपनिंग पार्टनर अभिषेक शर्मा से भी तेज खेल रहे थे.
इसे लेकर मैच के बाद प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे अभिषेक ने कहा भी कि हमारी जोड़ी आग और पानी की नहीं है. ये आग और आग की जोड़ी है. शायद दुनिया की कई टीमें शुभमन गिल को अपना ओपनर बनाना चाहेगी. लेकिन, यहां सवाल ये है कि क्या टीम इंडिया के टी20 स्क्वॉड में शुभमन गिल की जरूरत है?
आंकड़े तो इतने बुरे नहीं हैंहमने 2021 और 2022 टी20 वर्ल्ड कप में देखा है. कागजों पर दिखने वाले आंकड़े स्कोरबोर्ड पर जरूरी नहीं कि उतने कारगर साबित हों. रोहित की अगुवाई में हमने इन्हीं गलतियों से सीखकर टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी उठाई है. ऐसे में हम वापस उसे नहीं दोहरा सकते हैं. ये पूरा मुद्दा क्यों उठ रहा है एक बार विस्तार से समझ लेते हैं.
2024 टी20 वर्ल्ड कप के बाद से टी20 इंटरनेशनल में टीम इंडिया अब तक कोई बाइलेटरल सीरीज नहीं हारी है. इसकी शुरुआत अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन की ताबड़तोड़ ओपनिंग जोड़ी से हुई थी. दोनों टी20 इंटरनेशनल में बॉलर्स के लिए बड़ा सिरदर्द थे. 12 इनिंग्स में दोनों ने 267 रन जोड़े हैं. औसत 22 का रहा और रन रेट 9.82 का. दोनों के बीच 50+ की पार्टनरशिप एक बार हुई. फिर एशिया कप से आई अभिषेक और गिल की जोड़ी. 14 इनिंग्स में 486 रन. औसत 37.38 का और रन रेट 9.78 का. 3 बार 50+ की पार्टनरशिप और एक बार 100+ की पार्टनरशिप.
ये आंकड़ों देखकर आप कहेंगे कि संजू और अभिषेक से कहीं बेहतर तो गिल-अभिषेक की जोड़ी है. रुकिए, जरा एक नजर इस पर भी डाल लेते हैं कि दोनों जोड़ी ने ये रन कहां-कहां बनाए हैं.
# अभिषेक–सैसमन : 8 भारत में, 4 साउथ अफ्रीका में
# अभिषेक–गिल : 2 जिंबाब्वे में, 5 ऑस्ट्रेलिया में, 7 यूएई में
यानी ये भी यही दर्शाते हैं कि अभिषेक-संजू ने ज्यादातर रन बैटिंग पैराडाइज पर बनाए हैं. वहीं, अभिषेक-गिल की इस जोड़ी ने मुश्किल सतहों पर ये काम किया है. फिर ये पूरी बहस क्यों?
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असली समस्या क्या है?रोहित शर्मा के टी20 रिटायरमेंट के बाद से टीम इंडिया ने चार ओपनर्स खिलाए हैं- अभिषेक, संजू सैमसन, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल. अब इनके आंकड़ों पर एक नज़र डालते हैं.
| प्लेयर | मैच | रन | स्ट्राइक रेट |
| अभिषेक शर्मा | 26 | 988 | 192 |
| संजू सैमसन | 13 | 417 | 182 |
| यशस्वी जायसवाल | 6 | 221 | 170 |
| शुभमन गिल | 19 | 502 | 136 |
यानी समस्या है गिल का स्ट्राइक रेट. गिल का स्ट्राइक रेट 150 से भी नीचे है. वर्तमान टी20 इंटरनेशनल में किसी भी ओपनर के लिए मिनिमम जरूरत है. कई लोग ये दलील देते हैं कि वो विराट कोहली वाला एंकर रोल निभा रहे हैं. लेकिन, सवाल ये है कि क्या टीम इंडिया को एक एंकर प्लेयर की जरूरत है जब वो अटैकिंग क्रिकेट खेल रहे हैं और 8-9 नंबर तक बैटिंग ऑप्शन है.
समस्या सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. सिर्फ एक शुभमन गिल को टीम में लाने के कारण टीम का पूरा ऑर्डर अस्त-व्यस्त हो गया है.
एशिया कप से शुभमन गिल टी20 टीम में आए हैं. इसके बाद से टीम का कोई ऑर्डर तय नहीं है. कप्तान इसे ये कहते हैं कि ओपनर्स छोड़कर किसी का ऑर्डर टीम में फिक्स नहीं है. यही टी20 क्रिकेट की डिमांड है. लेकिन, सवाल ये है कि सैमसन और अभिषेक के समय तो ऐसा नहीं होता था. फिर अभी क्यों? एशिया कप में टीम इंडिया की ये समस्या है एक्सपोज नहीं हुई क्योंकि ऑपोजिशंस की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं थी. ऑस्ट्रेलिया में भी इसकी अच्छी तरह से जांच नहीं हो सकी क्योंकि एशेज के कारण उनकी आधी टीम उसकी तैयारी में लगी है. लेकिन, बावजूद इसके गिल को शामिल करने का असर क्या हुआ है, वो आप ऐसे समझ सकते हैं.
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गिल के आने से पूरा ऑर्डर हिल गया हैजब अभिषेक और सैमसन ओपन कर रहे थे :
# तिलक वर्मा टॉप 4 में खेल रहे थे
# सूर्या का अपना स्लॉट फिक्स था
# हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे और रिंकू सिंह जैसे फिनिशर्स मिडिल ऑर्डर में होते थे
लेकिन, गिल की टीम में वापसी के कारण ये ऑर्डर पूरा हिल गया है. संजू को मिडिल ऑर्डर में फिट करने की कोशिश की गई. तिलक और सूर्या दोनों नंबर 3 के दावेदार हैं. लेकिन अब उनमें से एक को लोअर ऑर्डर में बैटिंग करना पड़ रहा है. तिलक जो कि एक टॉप ऑर्डर बैटर हैं, अब मिडिल ऑर्डर के बैटर बन गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी को हुआ है, तो वो हैं संजू सैमसन.
संजू ने खुद को एक भरोसेमंद ओपनर के तौर पर स्थापित कर लिया था. लेकिन, अब उन्हें मिडिल ऑर्डर में शिफ्ट करना पड़ा है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में तो अंतिम तीन मुकाबलों में वो टीम से ड्रॉप ही हो गए. ताकि फिनिशर का रोल निभाने के लिए जितेश शर्मा को टीम में जगह मिले.
अब हम जरा गिल के आने के बाद से इन आंकड़ों पर भी नज़र डाल लेते हैं.
गिल की वापसी से पहले (01 जुलाई 2024 – 09 सितंबर 2025)
| खिलाड़ी | रन | इनिंग्स | स्ट्राइक रेट | औसत |
| तिलक वर्मा | 413 | 9 | 170.66 | 82.60 |
| अभिषेक शर्मा | 411 | 12 | 200.48 | 34.25 |
| सूर्यकुमार यादव | 166 | 11 | 146.90 | 15.09 |
| संजू सैमसन | 417 | 12 | 183.70 | 37.90 |
शुभमन गिल की वापसी के बाद से (09 सितंबर 2025 – 07 नवंबर 2025)
| खिलाड़ी | रन | इनिंग्स | स्ट्राइक रेट | औसत |
| तिलक वर्मा | 247 | 9 | 126 | 41.16 |
| अभिषेक शर्मा | 454 | 11 | 185.30 | 41.27 |
| सूर्यकुमार यादव | 156 | 10 | 130 | 22.28 |
| संजू सैमसन | 134 | 5 | 121.81 | 26.80 |
| शुभमन गिल | 230 | 11 | 139.39 | 25.55 |
कहानी साफ है. तिलक का स्ट्राइक रेट गिर गया है. यही हाल सैमसन का भी है. और सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा तो ये है.
#अभिषेक + सैमसन : 200+ स्कोर 12 में से 6 मुकाबलों में
#अभिषेक + गिल : 200+ स्कोर 12 में से सिर्फ 1 मुकाबले में
यानी जिस निडर अंदाज में टीम इंडिया एशिया कप से पहले बैटिंग कर रही थी. अब वो अंदाज बदलने लगा है. टीम अब धीमा खेल रही है.
क्या गिल से ज्यादा उम्मीद कर रहे गंभीर?गिल को लेकर ये कहा जाता है कि जब भी टीम इंडिया किसी मुश्किल परिस्थिति में होगी तो वो एंकर की भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन, क्या इसका कोई प्रमाण है कि जरूरत पड़ने पर यशस्वी, सैमसन और अभिषेक ऐसा खेल नहीं दिखा सकते?
इसमें संदेह नहीं है गिल बहुत टैलेंटेड हैं. वर्तमान भारतीय टीम में वो बेस्ट बैटर्स में से एक हैं. लेकिन, कप्तानी सौंपने की जल्दबाजी में क्या उन पर अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है. वो नैचुरली समय लेकर बैटिंग करना पसंद करते हैं. ऐसे में उनसे ताबड़तोड़ बैटिंग करने की उम्मीद करना उन पर दबाव नहीं तो क्या है? टेस्ट और वनडे में वो अभी हाल ही में कप्तान बने हैं. ऐसे में उनसे हर फॉर्मेट में अपना बेस्ट देने की उम्मीद करना सही नहीं है. अगर टी20 इंटरनेशनल में आगे वो फेल हुए तो इसका असर टेस्ट और वनडे में भी उनके परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है.
साथ ही उनको टीम में शामिल करने का कोच गंभीर का ये दांव कहीं टी20 वर्ल्ड कप में हमें भारी न पड़ जाएं. क्योंकि जिस डिफेंस माइंडसेट से ऊपर उठकर हमने अपनी टी20 टीम की नींव रखी थी. गिल का शामिल होना इसी पर एक चोट नज़र आ रहा है.
वीडियो: वनडे सीरीज में संजू सैमसन को ड्रॉप करने से भड़के पूर्व सेलेक्टर, आगरकर को गंदा सुना दिया!


