पंत के साथ इस विकेटकीपर का खेलना तय, तो सुदर्शन या रेड्डी में से किसका पत्ता कटने वाला है?
वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों टेस्ट मैच में Nitish Kumar Reddy और Sai Sudharsan को खिलाया गया था. लेकिन, ईडन गार्डेंस में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में इन दोनों में से एक बाहर हो सकता है.

टीम इंडिया को 14 नवंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेलना है. बतौर वाइस कैप्टन ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की टीम में वापसी हो चुकी है. लेकिन, जो सबसे बड़ा सवाल है वो ये कि क्या पंत की वापसी से ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) को बाहर बैठना पड़ेगा? उनकी गैरमौजूदगी पर ध्रुव ने न सिर्फ विकेटकीपिंग में शानदार प्रदर्शन किया है, बल्कि बैट से भी उन्होंने अपनी काबिलियत दर्शाई है. सबसे खास बात ये है कि दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट में उन्होंने दोनों पारियों में सेंचुरी लगाई. वो भी एक मुश्किल हरी पिच पर, जहां बाकी बैटर्स बहुत संघर्ष कर रहे थे.
ये उनको बतौर बैटर खिलाने की दावेदारी को भी बहुत मजबूत करता है. ऐसे में कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के पास दो ही उपाय हैं. पहला ये कि वो उन्हें अनसेटल्ड नंबर 3 पोजीशन पर साई सुदर्शन (Sai Sudharsan) की जगह बतौर बैटर शामिल कर लें. या फिर ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) की जगह प्लेइंग XI में खिलाएं. एक न्यूज एजेेंसी के अनुसार, ध्रुव का खेलना लगभग तय माना जा रहा है.
जुरेल के रिकॉर्ड शानदार हैंदरअसल, ऋषभ पंत इंग्लैंड के खिलाफ ट्रेंट ब्रिज में हुए टेस्ट मैच में चोटिल हो गए थे. उनके टखने में फ्रैक्चर हो गया था. इसके बाद उनकी जगह जुरेल ने भारत के लिए पिछले तीन टेस्ट मैचों लंदन (ओवल), अहमदाबाद और दिल्ली में विकेटकीपिंग की थी. इस दौरान उन्होंने बैट से भी शानदार प्रदर्शन किया था. यही कारण है कि कोलकाता में एक हफ्ते से भी कम समय में शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले प्लेइंग XI का सेलेक्शन थोड़ा मुश्किल बना दिया है. डोमेस्टिक सीजन की शुरुआत से जुरेल ने 140, 1 और 56, 125, 44 और 6, नाबाद 132 और नाबाद 127 रन की शानदार पारियां खेली हैं. उन्होंने इस दौरान फर्स्ट क्लास के पिछले 8 मैच में 3 सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी लगाई हैं, जिसमें से एक सेंचुरी अहमदाबाद टेस्ट में आई है.
बतौर बैटर खेलने की है संभावनाएक न्यूज एजेंसी को बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा,
जुरेल के स्पेशलिस्ट बैटर के तौर पर खेलने की संभावना है. उन्हें साईं सुदर्शन की जगह नंबर तीन पर या ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी की जगह निचले क्रम में खिलाया जा सकता है. इंडियन कंडीशंस में टीम को रेड्डी की गेंदबाजी की ज्यादा जरूरत नहीं होगी.
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रेड्डी को खिलाने पर पहले भी रहा है दो मतवेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में पहली पारी में रेड्डी को सिर्फ 4 ओवर बॉलिंग मिली थी. इसके बाद दिल्ली टेस्ट में देवदत्त पडिक्कल को खिलाने पर गंभीरता से विचार-विमर्श हुआ था. दिल्ली टेस्ट में उन्हें बैटिंग का कुछ समय देने के लिए ऊपर भेजा गया था, लेकिन उन्हें बॉलिंग का मौका नहीं मिला. हेड कोच गौतम गंभीर 8वें नंबर तक बैटिंग करने वाले प्लेयर को प्लेइंग XI में रखने के पक्ष में रहते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वह जुरेल को मिडिल ऑर्डर में ज्यादा मौका देना चाहेंगे.
टेस्ट में दो विकेटकीपर बैटर बहुत नहीं दिखेटीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन स्पिनरों और दो तेज गेंदबाजों के साथ खेल सकता है. महेंद्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक, धोनी और पार्थिव पटेल, धोनी और ऋषभ पंत अलग-अलग समय पर टीम इंडिया के लिए लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं. लेकिन, टेस्ट के प्लेइंग XI में दो स्पेशलिस्ट विकेटकीपरों के होने के ज्यादा उदाहरण नहीं हैं. किरण मोरे और चंद्रकांत पंडित ने 1986 में कुछ टेस्ट मैच खेले (एक इंग्लैंड में और एक भारत में). पंडित तब एक स्पेशलिस्ट बैटर के रूप में खेले थे. वैसे पंत के साथ जुरेल पहले भी टेस्ट में टीम इंडिया के प्लेइंग XI का हिस्सा रहे हैं. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान पर्थ टेस्ट में दोनों साथ में खेले थे. तब भी जुरेल बतौर स्पेशलिस्ट बैटर ही खेले थे.
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