शुभमन नहीं द्रविड़-विराट का असली सब्स्टिट्यूट है ये खिलाड़ी, अगर गंभीर नंबर 3 पर खेलने दें तो
भारतीय विकेटकीपर बैटर Dhruv Jurel शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में चल रहे दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट की दोनों ही इनिंग में सेंचुरी लगाकर इसे दर्शा दिया है.

बेंगलुरु में उमस भरी गर्मी थी. हरी पिच पर गेंद की उछाल भारतीय बल्लेबाजों की समझ से बाहर हो रहा था. हालत ऐसी थी कि लंच से पहले सर्वाइव करना भी मुश्किल लग रहा था. अभिमन्यू ईश्वरन (Abhimanyu Ishwaran) खाता भी नहीं खोल सके, साई सुदर्शन (Sai Sudharsan) को स्टार्ट मिला पर उसे वो बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके. केएल राहुल (KL Rahul) भी एक शानदार बॉल का शिकार हो गए. लेकिन, जैसे ही देवदत्त पडिक्कल (Devdutt Padikkal) का विकेट गिरा साउथ अफ्रीका ए की टीम पूरी तरह हावी हो गई.
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने थोड़े देर काउंटर अटैक किया, लेकिन लंच के बाद वो भी आउट हो गए. आकाश दीप का भी विकेट तुरंत गिर गया तो लगा अब इंडिया ए 150 भी नहीं बना सकेगा. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ क्योंकि ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) ने उसी पिच इतनी फ्लॉलेस बैटिंग की साउथ अफ्रीका ए के बॉलर्स समझ नहीं पाए कि हुआ क्या. उन्होंने न सिर्फ अपनी सेंचुरी पूरी की, इंडिया ए को पहली इनिंग में 250 के पार पहुंचा दिया.
इनिंग की शुरुआत से ही वो काफी कंपोज्ड नज़र आ रहे थे. बॉल की लाइन में आकर खेल रहे थे. उनकी यही कोशिश थी कि हर बॉल वो अपनी आंखों के नीचे ही खेलें. जब-जब लूज बॉल मिल रही थी वो काउंटर अटैक भी कर रहे थे. इसी कारण उन पर स्कोरिंग रेट का भी दबाव नहीं था. ऐसी चैलेंजिंग विकेट पर उनकी ये इनिंग उनके कैरेक्टर को दर्शाने के लिए काफी है. ईडन गार्डेंस टेस्ट से पहले उनकी ये पारी सिर्फ एक पारी नहीं वो दावेदारी है जो उन्होंने नंबर 3 पोजीशन के लिए पेश कर दी है. और इस पर उन्होंने मुहर दूसरी इनिंग में भी नाबाद सेंचुरी के साथ लगा दी है. कप्तान पंत ने आउट होते ही 7 विकेट पर 382 रन पर डिक्लेयर कर दिया. लेकिन, पहली इनिंग की तरह इस बार भी ध्रुव जुरेल नाबाद एक छोर संभाले अडिग रहे.
पहली इनिंग में खास थी जुरेल की सेंचुरीध्रुव जुरेल को नंबर तीन पर खिलाने की हम ये वकालत क्यों कर रहे हैं. वो आप इस अनऑफिशियल टेस्ट और जितने भी उन्हें मौके मिले उसे देखकर समझ सकते हैं. दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट में जुरेल की दोनों इनिंग्स की बात करें तो, पहली इनिंग में उनकी सेंचुरी दूसरी इनिंग से थोड़ी ज्यादा खास थी.
कारण कि उस वक्त इंडिया ए की ओर से कोई भी बैटर टिक नहीं पा रहा था. दूसरी इनिंग में उन्हें पहले हर्ष दुबे (84) और फिर पंत (65) का साथ मिला. लेकिन, पहली इनिंग में उन्होंने टेलेंडर्स के साथ बैटिंग की और टीम के स्कोर को 250 के पार पहुंचाया. टियान वैन वुरेन ने जब उन्हें अपने स्पेल से तंग किया तो भी वो घबराए नहीं. उन्होंने वुरेन का सम्मान किया और उस स्पेल में अपनी डिफेंस को अपना हथियार बनाया.
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जहां छोड़ा था, वहीं से शुरू की पारीवहीं, दूसरी इनिंग में भी जब वो आए थे टीम का स्कोर 4 विकेट पर 104 रन हो गया था. पंत चोट के कारण रिटायर्ड हर्ट होकर बाहर चले गए थे. इससे पहले कि वो थोड़ा सेटल होते कुलदीप आउट हो गए. लेकिन, ध्रुव ने ऐसे बैटिंग की जैसे पहली इनिंग में जहां वो छोड़कर गए थे, उससे आगे खेल रहे हों. हर्ष दुबे के साथ उन्होंने 184 रनों की पार्टनरशिप कर टीम के स्कोर को 300 के पार पहुंचा दिया.
हर्ष के आउट होने के बाद पंत जब मैदान पर वापस आए तब ध्रुव 94 रन पर बैटिंग कर रहे थे. लेकिन, जैसे ही उनकी सेंचुरी पूरी हुई दोनों ये तय कर लिया कि अब इनिंग डिक्लेयर करना है तो जल्दी-जल्दी रन जोड़ना होगा. फिर क्या था. दोनों ने साउथ अफ्रीकी बॉलर्स की जमकर सुताई की. महज 53 बॉल्स में दोनों ने 81 रन जोड़ दिए. पहली इनिंग में 132 रन बनाकर नाबाद रहे ध्रुव ने दूसरी इनिंग में नाबाद 127 रन बनाए.
जुरेल ने पहले भी दिखाई है अपनी क्लासबात सिर्फ इस अनऑफिशियल टेस्ट मैच की नहीं है. जुरेल के छोटे से करियर में हमने देखा है कि वो नई बॉल के खिलाफ भी अच्छे तरीके से बैटिंग कर सकते हैं. रांची टेस्ट आपको याद ही होगा, इंग्लैंड के खिलाफ जब टीम इंडिया मुश्किल में थी तब जुरेल ने पहली इनिंग में 90 रनों की पारी खेली थी. उन्होंने दूसरी इनिंग में भी नाबाद 39 रन बनाकर वो मैच भारत को जितवा दिया था.
उनकी टेक्निक सॉलिड है. यही कारण है कि नंबर 3 पर सफल होने की उनकी संभावना भी बहुत ज्यादा है. हमने ये भी देखा है कि क्वालिटी बॉलिंग के सामने भी ध्रुव काफी कंपोज्ड नज़र आते हैं. चाहे हम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ मैच देख लें या इंग्लैंड टूर पर डिसाइडर ओवल टेस्ट में मुश्किल कंडीशंस में उनकी बैटिंग. वो दबाव में हमेशा काफी कंट्रोल में नज़र आते हैं.
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नंबर 3 पर अब तक कोई सेटल्ड नहीं हो सकावहीं, मौजूदा नंबर 3 बैटर की बात करें तो, वेस्टइंडीज के खिलाफ नंबर 3 पर बैटिंग करने वाले साई सुदर्शन के लिए दोनों ही अनऑफिशियल टेस्ट बहुत साधारण रहे.
इंग्लैंड दौरे से ही टीम इंडिया को नंबर 3 पर अब तक कोई सेटल्ड बैटर नहीं मिला है. इस पोजीशन पर करुण नायर और साई सुदर्शन को मैनेजमेंट आजमा चुका है, लेकिन अब तक कोई इस पोजीशन पर सेटल्ड नज़र नहीं आया है. करुण नायर के इंग्लैंड में बतौर नंबर 3 बैटर 31, 26, 40 और 14 के स्कोर ने उन्हें सीरीज के बाद टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
वहीं, साई सुदर्शन ने भी वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद और दिल्ली में एकाध अच्छी पारी खेली, पर साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ वो बहुत सहज नज़र नहीं आए. साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ उन्होंने 4 इनिंग में सिर्फ 32, 12, 17 और 23 रन ही बनाए हैं. ऐसे में ऋषभ पंत जब टीम में बतौर विकेटकीपर वापसी करेंगे तो क्यों न ध्रुव जुरेल को बतौर नंबर 3 बैटर ही आजमा लिया जाए.
गंभीर को क्यों करना चाहिए विचारविराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद कप्तान शुभमन गिल ने नंबर 4 पर उनकी जगह ले ली है. इससे पहले, उन्होंने नंबर 3 पर अपनी जगह बना ली थी. लेकिन, इंग्लैंड दौरे से लेकर अब तक ये पोजीशन कोच से लेकर सेलेक्टर्स तक के लिए परेशानी का सबब ही बना हुआ है. ध्रुव जुरेल की सबसे खास बात ये है कि जिस पिच पर बैटर्स स्पिनर्स के खिलाफ स्ट्रगल करते हैं, वहां भी वो बहुत सहज नज़र आते हैं.
टीम इंडिया को अब 14 नवंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ ईडन गार्डेंस में पहला टेस्ट खेलना है. ऋषभ पंत की स्कवॉड में वापसी हो चुकी है. यानी अब बतौर विकेटकीपर फर्स्ट चॉइस ऋषभ ही होंगे. उन्होंने पहले अनऑफिशियल टेस्ट में 90 और दूसरे में 65 रन की पारी खेलकर बता दिया है कि वो भी लय पकड़ चुके हैं. लेकिन, ध्रुव जुरेल की कंसिस्टेंसी ऐसी है कि उन्हें भी इग्नोर नहीं किया जा सकता है.
न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में पिछली WTC साइकिल में हुई क्लीन स्वीप कोच गौतम गंभीर अब तक नहीं भुले हैं. दिल्ली टेस्ट से पहले उन्होंने इसका जिक्र भी किया था. ऐसे में साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में अगर जुरेल प्लेइंग XI में शामिल नहीं होते हैं तो बहुत हैरानी होगी. अहमदाबाद में सेंचुरी के बाद ध्रुव ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मुश्किल पिच पर शानदार बैटिंग करके दिखाया है.
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