जब यूसुफ के लिए इरफान ने लड़के को बीच रास्ते में पीटा, पुलिस केस तक आ गई थी नौबत!
Irfan Pathan अपने बड़े भाई Yusuf Pathan से केवल एक ही साल छोटे हैं. इरफान ने साल 2003 में टेस्ट डेब्यू के साथ अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. वहीं यूसुफ पठान ने 2007 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया.

इरफान पठान (Irfan Pathan) और यूसुफ पठान (Yusuf Pathan) दो ऐसे भाई हैं, जिन्होंने भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला है. दोनों ने बहुत शौहरत और कामयाबी भी हासिल की. फिर वे चाहे एक-दूसरे के साथ खेले या आईपीएल (IPL) में एक-दूसरे के खिलाफ खेले, उनके रिश्ते पर इसका कभी असर नहीं हुआ. इरफान के मुताबिक, उनकी जिंदगी में यूसुफ पठान की अहमियत बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि वो यूसुफ के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
यूसुफ के लिए लड़े इरफान पठानदी लल्लनटॉप के शो ‘द गेस्ट इन द न्यूजरूम’ में इरफान पठान ने बताया कि अपने भाई के लिए एक बार उन्होंने एक लड़के को इतना मारा कि मामला पुलिस तक पहुंच सकता था. हालांकि ऐसा हुआ नहीं. इरफान ने बताया कि भले ही वे दोनों भाई एक-दूसरे से बहुत लड़ते थे, लेकिन कभी किसी तीसरे को बीच में नहीं आने देते थे. इरफान ने बताया,
हम जहां रहते थे, वो इलाका मांडवी इलाका था. वहां पर भाई का झगड़ा हुआ था. वो गुस्से में भागते हुए घर आए तो मैंने देखा कि उनके कपड़े फटे हुए थे. हम फिर गए और दोनों ने मिलकर उस लड़के को वहीं रास्ते में ही पीटा. बहुत ज्यादा पीटा. हम 10-11 के साल के ही थे. उस लड़के के पिता और हमारे पिता दोस्त थे. इस कारण मामला थोड़ा शांत हुआ. नहीं तो पुलिस केस होने वाला था.
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भाई के लिए कुछ भी करने को तैयारइसके बाद इरफान पठान से पूछा गया कि ये झगड़ा किस बात हुआ था. पठान ने कहा कि इस बात से कोई मतलब नहीं है कि झगड़ा किस बात पर हुआ. उन्होंने हंसते हुए कहा,
इरफान के घर का सिस्टमआप समझे नहीं सर, भाई बोलेगा कि चलना है, तो चलना है. आप पूछते नहीं हैं. कई बार तो उन्हें बोलने की भी जरूरत नहीं है. उन्हें बस देखना है. भाई देखें, हम देखेंगे, बस हम चल देते हैं. दुनिया एक तरफ है और भाई एक तरफ. जो भाई होते हैं, सच्चे दोस्त होते हैं. उसमें आपको ऐसा ही दिखेगा. देखिए मैंने जिंदगी में कई दोस्तों को आते देखा, कई दोस्तों को जाते देखा, पर एक ही शख्स हमेशा रहा, वो है मेरा भाई.
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा,
वो भाई नहीं, जान हैं. अब जान, कुछ भी मांगे हम दे देंगे. कई साल तक उनकी घड़ी मैंने पहनी, जूते मैंने पहने. मैंने ये कभी पहले नहीं कहा, लेकिन आज तक अगर मैंने 100 रुपये कमाए हैं तो 50 रुपये भाई के हैं. मेरे भाई के साथ भी ऐसा ही है. यह हमारे घर का सिस्टम है. इस सिस्टम की चाबी हमारे पिता के पास है.
इरफान पठान, यूसुफ पठान से केवल एक ही साल छोटे हैं. इरफान ने साल 2003 में टेस्ट डेब्यू के साथ अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. वहीं यूसुफ पठान ने 2007 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया.
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