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जेंटलमैन गेम जैसा कुछ नहीं, फ़िक्सिंग नहीं की तो... गौतम गंभीर ने अब क्या धमाका कर दिया?

Gautam Gambhir. एक बार फिर से भयंकर कॉन्टेंट दे गए हैं. उन्होंने रविचंद्रन अश्विन के साथ बातचीत में स्पिरिट ऑफ़ द गेम और जेंटलमैन बिहैवियर पर अपनी सीधी और सपाट राय रखी.

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Gautam Gambhir, Virat Kohli
विराट और गंभीर, दोनों ही तक़रीबन एक जैसे हैं और तभी तो IPL में एक बार से ज्यादा भिड़ चुके हैं (PTI)
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सूरज पांडेय
21 मई 2024 (Updated: 26 मई 2024, 09:51 AM IST)
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गौतम गंभीर. अपनी सीधी बातों के लिए मशहूर हैं. और इनकी सीधी बातें अक्सर ही बवाल कराती हैं. हालांकि, इसके बावजूद इनकी लोकप्रियता में कमी नहीं है. ESPN क्रिकइंफ़ो के मुताबिक, BCCI गंभीर को टीम इंडिया का हेड कोच बनाना चाहती है. हालांकि, ये हो पाएगा या नहीं ये देखने वाली बात होगी. मौजूदा वक्त में तो गंभीर KKR के मेंटॉर हैं. और उनकी मेंटॉरशिप में KKR वाले बढ़िया कर रहे हैं.

अपनी टीम को प्ले ऑफ़ में पहुंचाने के बीच गंभीर ने वक्त निकालकर रविचंद्रन अश्विन से बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट और जेंटलमैन होने पर भी कॉमेंट किया. गंभीर बोले,

'अगर आप मुझसे पूछेंगे, कुछ नहीं. जेंटलमैन बिहैवियर जैसा कुछ नहीं है. सभी लोग स्पिरिट ऑफ़ द गेम के अंदर ही खेलते हैं. जो भी कानूनों में लिखा है, आपके पास उसका इस्तेमाल करने का पूरा हक़ है. आपने कोई मैच फ़िक्सिंग नहीं की और गेंद से छेड़छाड़ नहीं की. बाक़ी आपके पास डटकर खेलने का पूरा अधिकार है. आपके पास नियमों के अंदर रहते हुए मैच जीतने का अधिकार है, फिर आप ये जीत चाहे जैसे हासिल करें. यही स्पिरिट ऑफ़ द गेम है.'

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गंभीर के इस जवाब के बाद अश्विन ने एक घटना का ज़िक्र किया. इस घटना में गंभीर की पूर्व टीम लखनऊ सुपरजाएंट्स और RCB शामिल थे. इस मैच में RCB के हर्षल पटेल ने LSG के रवि बिश्नोई को नॉनस्ट्राइकर एंड पर रनआउट करने की कोशिश की थी. इस घटना के ज़िक्र पर गंभीर बोले,

'मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं होती. मैं बस एक चीज से नाखुश था कि हर्षल पीछे मुड़े और फिर उन्होंने बल्लेबाज को रनआउट करने की कोशिश की. शायद वह ज्यादा ही कूद गए थे. मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि क्रीज़ में रहना नॉनस्ट्राइकर की जिम्मेदारी थी. और ये जरूरी है. अगर बिश्नोई आउट हो जाते, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होती. जाहिर तौर पर मैं दुखी होता क्योंकि हम वो गेम हार जाते. लेकिन ये नॉनस्ट्राइकर की जिम्मेदारी है.'

गंभीर ने इस इंटरव्यू में और भी कई मुद्दों पर बात की थी. इसमें उन्होंने ये भी बताया था कि कैसे एक बार उनका सेलेक्शन नहीं हुआ, क्योंकि उन्होंने सेलेक्टर्स के पैर नहीं छुए थे. गंभीर के मुताबिक ये घटना अंडर-14 लेवल पर घटी. और इसके बाद से उन्होंने तय कर लिया कि अब वह किसी के पैर नहीं छुएंगे और ना ही किसी को अपने पैर छूने देंगे.

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