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'गुस्सैल' रायडू की कहानी जिन्होंने गांगुली को चौंकाया, धोनी के फेवरेट बने मगर...

अंबाती रायडू ने पहले दो बार रिटायरमेंट वापस लिया था. अब कहा- नो यू टर्न.

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Ambati rayudu, MS Dhoni, IPL 2023
कमाल के क्रिकेटर रहे रायडू (PTI/Twitter)
29 मई 2023 (Updated: 29 मई 2023, 17:46 IST)
Updated: 29 मई 2023 17:46 IST
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तारीख 14 मई 2022. समय दोपहर के 1 बज रहे थे. अचानक एक ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगा. ये ट्वीट किया था चेन्नई सुपरकिंग्स के स्टार प्लेयर अंबाती रायडू (Ambati Rayudu) ने. अपने रिटायरमेंट को लेकर. इसमें उन्होंने बताया कि सीज़न खत्म होने के साथ ही वो रिटायरमेंट ले लेंगे. लेकिन कुछ मिनटों बाद ही ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया. CSK के CEO काशी विश्वनाथन ने बताया कि रायडू ने अपने प्रदर्शन से निराश होकर ये ट्वीट किया था, लेकिन वो संन्यास नहीं लेंगे.

हालांकि ये पहली बार नहीं था, जब रायडू ने इस तरह का चौंकाने वाला कोई फैसला लिया हो. वर्ल्ड कप 2019 के लिए स्क्वॉड में नहीं चुने जाने के बाद उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था. लेकिन कुछ ही दिन बाद वो मैदान पर वापस आ गए. और तब से लगातार IPL और डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे हैं. लेकिन 28 मई 2023 को जब चेन्नई की टीम गुजरात के खिलाफ IPL फाइनल की तैयारी कर रही थी, तभी मैच से ठीक पहले उन्होंने एक बार फिर IPL से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया. और इसके साथ उन्होंने जो ट्वीट किया, उसमें ये तक लिख दिया कि इस बार वो 'यूटर्न' नहीं लेने वाले हैं. एकदम ऐसे ही जैसे बचपन में बच्चे 'विद्या कसम' खाकर कुछ बोलते थे. 

अब रायडू किसी भी क्रिकेट फैन के लिए कोई नया नाम तो है नहीं. तीन बार मुंबई और दो बार चेन्नई के साथ IPL खिताब जीत चुके रायडू ने इंटरनेशनल क्रिकेट में भी खूब धमाल मचाया है. लेकिन रायडू का बचपन कैसा रहा और वो क्रिकेट के इस मुकाम पर कैसे पहुंचे. ये जान लेते हैं.

क्या है अंबाती रायडू की कहानी?

जिनको नहीं पता सबसे पहले तो उनको बता दें अंबाती रायडू का जन्म 23 सितंबर 1985 को आंध्र प्रदेश के गंटूर जिले में हुआ. रायडू के पिता संबाशिव राव राज्य के आर्काइव डिपार्टमेंट में काम करते थे. लेकिन वो क्रिकेट के जबरे वाले फैन थे और यही रायडू के लिए वरदान साबित हुआ. बचपन से ही उनके पिता ने उन्हें बल्ला पकड़ना सिखा दिया. रायडू के टैलेंट को उनके पापा ने पहचान लिया था और इसे और निखारने के लिए उन्होंने महज सात की उम्र में उनका एडमिशन हैदराबाद के पूर्व क्रिकेटर विजय पॉल की एकैडमी में करा दिया. और यहीं से रायडू के एक शानदार क्रिकेटर बनने का सिलसिला शुरू हुआ. बेहतरीन खेल की बदौलत गिल ने हैदराबाद की अंडर-16 टीम में जगह पा ली. जहां उन्होंने अच्छा खेल दिखाया और फिर उनका सेलेक्शन इंडिया अंडर-15 में हो गया.

साल 2000 में ACC U-15 चैंपियनशिप में वो टॉप स्कोरर रहे. जिसके बाद साल 2002 में वो महज़ 16 साल की उम्र में हैदराबाद की फर्स्ट क्लास टीम में चुन लिए गए. बाद में भारत के अंडर-17 टीम के कप्तान बने. साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 मैच के दौरान उन्होंने 169 गेंद पर 177 रन की धुआंधार पारी खेली. और इसके बाद से ही उनके नाम की चर्चा हर तरफ होने लगी. क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले के मुताबिक सौरव गांगुली ने उनकी इस पारी को खासा पसंद किया. वहीं 2002-03 सीजन में उन्होंने हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए पूरे सीज़न में 69.80 की औसत से 698 रन बनाए. कुछ समय बाद उनका हैदराबाद के कोच के साथ विवाद हो गया और इस वजह से उन्होंने आंध्रा की रणजी टीम की तरफ से खेलने का फैसला किया. लेकिन इसके बाद इस बल्‍लेबाज का करियर कहीं और चला गया. इसके बाद से वो कई बार विवादों में फंसे.

और यही वजह रही कि लिस्ट ए और फर्स्ट क्लास में लगातार रन बनाने के बावजूद रायडू को इंटरनेशनल मैच खेलने में 13 साल लग गए. 24 जुलाई 2013 को हरारे में रायडू ने जिंबाब्वे के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला. पहले ही मैच में रायडू ने अर्धशतकीय पारी खेली. इसके बाद से वो टीम से अंदर बाहर होते रहे. उन्हें साल 2015 के लिए वर्ल्ड कप टीम में चुना गया, लेकिन यहां एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. जबकि साल 2019 के वर्ल्ड कप में उन्हें स्क्वॉड में जगह नहीं दी गई. इससे निराश होकर उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. हालांकि बाद में वो डोमेस्टिक क्रिकेट और IPL खेलने लगे.

# कैसा रहा करियर?

रायडू के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्होंने इंडियन टीम के लिए 55 वनडे मैच खेले. जिसमें 47.05 की औसत से उन्होंने 1694 रन बनाए. उनके नाम 3 शतक और 10 अर्धशतक रहे. जबकि IPL की बात करें तो उन्होंने मुंबई और चेन्नई के लिए मिलाकर कुल 203 मैच खेले. जिसमें 28.29 की औसत से उन्होंने कुल 4329 रन बनाए. धोनी के चहेते रहे रायडू ने साल 2018 में CSK के लिए पूरे सीज़न में कुल 602 रन बनाए थे. और चेन्नई को चैंपियन बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. 
 
कई क्रिकेट एक्सपर्ट के मुताबिक रायडू में कमाल का टैलेंट था. लेकिन अपने ऑन और ऑफ फील्ड बर्ताव के चलते उन्हें खासा नुकसान सहना पड़ा. 

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