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टैक्टिकल ब्लंडर! रोहित-गंभीर इतना ग़लत कैसे हो सकते हैं!

रोहित शर्मा और गौतम गंभीर. टीम इंडिया का लीडरशिप ग्रुप. इन दोनों ने ही बेंगलुरु टेस्ट में ऐसा भयंकर ब्लंडर कर दिया कि ये टेस्ट रिकॉर्डबुक्स में अमर हो गया. भारतीय क्रिकेट टीम और फ़ैन्स, दोनों ही ये टेस्ट कभी नहीं भूलेंगे.

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Rohit Sharma, Gambhir, Rishabh Pant, INDvsNZ
रोहित-गंभीर से हुई पिच पढ़ने में ग़लती, टीम इंडिया ने भरा ज़ुर्माना (AP/PTI)
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सूरज पांडेय
17 अक्तूबर 2024 (Updated: 19 अक्तूबर 2024, 10:41 AM IST)
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भारतीय क्रिकेट टीम. जबसे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की शुरुआत हुई है, इन्होंने तक़रीबन हर बार फ़ाइनल खेला है. टीम इंडिया अभी तक दो बार WTC Finals हार चुकी है. ये लोग तीसरी बार भी इस फ़ाइनल में पहुंचने के दावेदार हैं. न्यूज़ीलैंड के साथ टेस्ट सीरीज़ शुरू होने से पहले कप्तान रोहित शर्मा ने इस पर खुशी भी जताई थी.

लेकिन फिर उन्हीं रोहित ने सीरीज़ के पहले टेस्ट में कुछ ऐसा किया, जिसे ब्लंडर के अलावा कुछ और नहीं कह सकते. रोहित ने कई दिनों से ढकी हुई चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच को देखा, कोच गंभीर के साथ इसे समझा, टॉस भी जीता. लेकिन इसके बाद दो ग़लतियां कीं. सबसे पहले तो उन्होंने पहले बैटिंग चुन ली. कई दिनों से सूर्यदेवता के दर्शन से महरूम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच, पहली गेंद से SENA बनने को तैयार थी.

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लेकिन रोहित और गंभीर इसे समझ नहीं पाए. या हो सकता है कि उन्होंने बहादुरी दिखाने के चक्कर में ये फैसला लिया. और जैसा कि एक मशहूर कहावत है- मूर्खता और बहादुरी में बहुत कम अंतर होता है. और अब शायद रोहित को ये अंतर अच्छे से समझ आ जाए. और वो खुद ही जनता को बताएं कि ये बहादुरी थी या मूर्खता. क्योंकि लोग तो कन्फ़्यूज़ हैं कि इस मुजस्सिमे को क्या नाम दें. ख़ैर, ये तो हुई पहली ग़लती. अब बात दूसरी की.

टॉस जीतने के बाद भारतीय टीम पता चली. और इसमें दो बदलाव थे. शुभमन गिल और आकाश दीप इस टेस्ट में नहीं खेल रहे थे. बताया गया कि गिल की गर्दन में अकड़न है, उनकी जगह सरफ़राज़ खेलेंगे. जबकि आकाश की जगह कुलदीप यादव को मिली. पेसर की जगह स्पिनर लाने का सीधा मतलब था कि मैनेजमेंट को लगा कि पिच में पेसर्स के लिए कुछ खास नहीं होगा. यानी इन लोगों से पिच पढ़ने में निश्चित तौर पर चूक हुई. और ये चूक ना सिर्फ़ टॉस के बाद के फैसले, बल्कि टीम सेलेक्शन में भी दिखी.

आकाश दीप ने मिले मौकों पर जैसा प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए इन हालात में वह निश्चित तौर पर टीम इंडिया के काम आ सकते थे. कानपुर जैसे मैदान पर हम तीन पेसर्स के साथ खेल चुके हैं. घर में तीन पेसर्स के साथ खेलने में कुछ नया नहीं होता. लेकिन इस सेल्फ़लेस टीम को तो दुनिया से अलग दिखना है. रोहित ने टॉस के बाद कहा था कि उन्हें लगता है कि पिच थोड़ी फंसेगी, इसीलिए वह पहले बैटिंग कर बोर्ड पर रन जोड़ना चाहेंगे.

इतने सालों से क्रिकेट खेल रहे रोहित और कोच गंभीर से टेस्ट की शुरुआत में ऐसे ब्लंडर हो गए. टॉस जीतकर ना सिर्फ़ ग़लत फैसला किया, बल्कि इन्होंने टीम सेलेक्शन में भी ब्लंडर किया. और इसी के चलते, टीम इंडिया बेंगलुरु में ऐसे शर्मसार हुई. ना सिर्फ़ इन लोगों ने घर पर अपना लोवेस्ट स्कोर बनाया, बल्कि एशिया में किसी टेस्ट पारी में 50 के अंदर सिमटने वाली पहली टीम भी बने.

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