मेंस टीम ऑस्ट्रेलिया में खेल रही, मगर महिला टीम की इस हालत पर विश्वास नहीं होता!
ये सब तब है जब गांगुली BCCI चला रहे. विदेशी बोर्ड अलग दे रहे धोखा.
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Indian Womens Cricket Team के साथ दोहरा बर्ताव कर रहा है BCCI (पीटीआई फाइल)
'उम्मीद है कि टीम की कैप्टन हरमनप्रीत और कोच WV रमन साथ बैठेंगे. इस हार पर चर्चा करेंगे. चीजें सुधारेंगे और जल्द ही हमारी टीम जीत की राह पर लौटेगी.'लेकिन ये बोलते वक्त हमें अंदाजा भी नहीं था कि टीम इंडिया इस मैच के बाद पूरे साल मैच ही नहीं खेल पाएगी. इसी बरस फरवरी-मार्च में दुनिया जीतने के एकदम क़रीब पहुंची टीम, उस मैच के बाद से अपने अगले मैच का इंतजार कर रही है. ताजा अपडेट ये है कि भारतीय महिला टीम का ऑस्ट्रेलिया टूर अनिश्चितकाल के लिए आगे खिसका दिया गया है.
# ऑस्ट्रेलिया का धोखा
तीन वनडे मैचों की ये सीरीज जनवरी 2021 में होनी थी. यह मैच 22, 25, 28 जनवरी को कैनबरा, मेलबर्न और होबार्ट में होने थे. लेकिन अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि यह 'अगले सीजन' तक के लिए खिसका दिए गए हैं. कहा जा रहा है कि अब यह मैच 2022 से पहले नहीं हो पाएंगे. अब इस टूर में तीन T20 मैच भी जोड़े जा सकते हैं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अंतरिम CEO निक हॉकली ने इस बारे में कहा,'हम अगले सीजन ऑस्ट्रेलिया और भारतीय विमेंस क्रिकेट टीम के बीच एक बढ़ा हुआ शेड्यूल डिलिवर करने के लिए आशावान हैं. यह दोनों ही देशों के फैंस के लिए बेहतरीन रिजल्ट होगा. हमें इसी समर भारत के खिलाफ खेलने की उम्मीद थी, लेकिन वैश्विक महामारी के चलते इस टूर को अगले सीजन तक के लिए खिसकाना जरूरी हो गया.'जानने लायक है कि ऑस्ट्रेलिया ने इसी वैश्विक महामारी के बीच विमेंस बिग बैश लीग, बिग बैश लीग दोनों आयोजित किए. इसके साथ ही वह भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम को भी होस्ट कर रहा है. तीन वनडे और तीन T20 मैचों की सीरीज खत्म हो चुकी है. चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दो टेस्ट भी खेले जा चुके हैं. लेकिन विमेंस टीम की बारी आते ही वैश्विक महामारी बीच में आ गई.
# ऐसे हैं हालात
इधर BCCI को इस मामले में घर बैठे बहाना मिल गया है. उन्होंने पहले ही अघोषित तौर पर विमेंस क्रिकेट आयोजित करने से हाथ खड़े कर लिए थे. कोरोना के बीच जनवरी 2021 से भारतीय पुरुषों का डोमेस्टिक सीजन शुरू हो रहा है. जनवरी महीने में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी T20 टूर्नामेंट खेला जाएगा. महिलाओं के घरेलू सीजन पर कोई अपडेट नहीं है. सौरव गांगुली की अगुवाई वाला BCCI लगातार इस मसले से भाग रहा है. बीते अगस्त-सितंबर में इंग्लैंड ने भारतीय महिला टीम को होस्ट करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन BCCI ने मना कर दिया. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड भारतीय टीम के आने-जाने की व्यवस्था करने को भी तैयार था. लेकिन BCCI नहीं मानी.हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक विमेंस टीम के पास फिजियो, फील्डिंग कोच या टीम मैनेजर भी नहीं है. साथ ही हेड कोच WV रमन का कॉन्ट्रैक्ट भी इसी महीने खत्म हो गया. BCCI के जनरल मैनेजर और विमेंस क्रिकेट के इनचार्ज सबा करीम रिजाइन कर चुके हैं. इन तमाम समस्याओं पर BCCI ने चुप्पी साध रखी है. इन सबके बीच BCCI ने हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, जेमिमा रॉड्रिगेज, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा जैसी दिग्गजों के विमेंस बिग बैश लीग में खेलनी की उम्मीदें भी तोड़ दीं. इन्होंने WBBL के बीच ही विमेंस चैलेंज आयोजित करा लिया. 3 मैचों की इस प्रदर्शनी के लिए भारतीय महिला क्रिकेटर्स को कई हफ्तों तक चलने वाले WBBL से हटना पड़ा. क्रिकेट पर छाई अनिश्चितता के चलते कई महिला क्रिकेटर इसे बीच में ही छोड़ने पर मजबूर हैं.The three-match ODI series between Australia women and India women, which was scheduled for late January, has been postponed to next season 👇
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) December 31, 2020
# अंधकार में भविष्य
बड़ौदा की 23 साल की बोलर गायत्री नाइक ने क्रिकेट से ब्रेक लेकर फोटोग्राफी और फिर एक प्राइवेट नौकरी को प्राथमिकता दी. कर्नाटक की ऑलराउंडर आकांक्षा कोहली के मन में कई बार रिटायर होने का खयाल आया. इस बारे में उन्होंने क्रिकबज़ से कहा था,'दूसरों का नहीं पता, लेकिन अगर मैं ये कहूं कि क्रिकेट पर छाई अनिश्चितता को देखते हुए मेरे दिमाग में रिटायर होने का खयाल नहीं आया, तो मैं झूठ बोल रही होऊंगी. रोज उठना, बिना किसी लक्ष्य के ट्रेनिंग पर जाना दिमागी रूप से काफी थकाने वाला है. यह एक कभी ना खत्म होने वाला इंतजार है.'विमेंस क्रिकेटर्स को अब फरवरी-मार्च 2021 से उम्मीद है. अगर साउथ अफ्रीका या श्रीलंका की टीम हमारे साथ खेलने को तैयार हो गई. तो हो सकता है कि हमारी विमेंस टीम एक्शन में दिख जाए. लेकिन ये भी अभी दूर की कौड़ी है. भारतीय महिला टीम का अगला कंफर्म टूर्नामेंट 2022 का वर्ल्ड कप है. यानी 2021 में टीम के पास करने को कुछ नहीं होगा. अगले साल का छोड़ दें, इस महामारी के दौर में भी दुनिया भर की किसी टॉप क्रिकेट टीम के साथ ऐसा व्यवहार नहीं हुआ. भारत के बाहर लगभग सारी महिला टीमें क्रिकेट खेल रही हैं. न्यूज़ीलैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया में छह लिमिटेड ओवर्स गेम खेल चुकी है. वेस्ट इंडीज़ ने इंग्लैंड में पांच मैच खेले. पाकिस्तान की टीम अगले महीने साउथ अफ्रीका जा रही है. ऑस्ट्रेलिया में तो पांच हफ्ते लंबी विमेंस बिग बैश लीग भी आयोजित हुई. सौरव गांगुली के प्रेसिडेंट बनने के बाद BCCI से लोगों की उम्मीदें एकाएक बढ़ गई थीं. लेकिन अब चीजें क्लियर हो चुकी हैं. BCCI अब भी क्रिकेट नहीं, पुरुष क्रिकेट को चलाने वाली संस्था है. और सौरव गांगुली भी बाकी BCCI अध्यक्षों जैसे ही हैं. वो भले भारत के महानतम कप्तानों की लिस्ट में भले शामिल हों, लेकिन BCCI में उनके आने से कुछ भी नहीं बदला.