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बवाल के बीच जेगरेब ओपन खेलने क्रोएशिया जाएंगे पहलवान, सरकार ने मंजूरी दी

रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, अंशु मलिक और दीपक पुनिया समेत पूरी टीम जाएगी.

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बजरंग पूनिया (PTI)
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रविराज भारद्वाज
26 जनवरी 2023 (Updated: 26 जनवरी 2023, 03:22 PM IST) कॉमेंट्स
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पहलवानों और इंडियन रेसलिंग असोसिएशन के बीच चल रहे विवाद के बीच सरकार की तरफ से बड़ा अपडेट आया है. भारत सरकार ने क्रोएशिया में होने वाले जेगरेब ओपन ग्रां प्री के लिए इंडियन मेंस और विमेंस टीम को भाग लेने की मंजूरी दे दी है. 1 से 5 फरवरी तक होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए 55 सदस्यीय दल को मंजूरी दी गई है. जिसमे 12 विमेन रेसलर, 11 ग्रीको-रोमन रेसलर और 13 मेंस फ्रीस्टाइल रेसलर शामिल हैं.

साथ ही घोषणा कि गई है कि सरकार टूर्नामेंट के लिए क्रोएशिया जाने वाले पहलवानों का पूरा खर्च वहन करेगी. इस रैंकिंग सीरीज़ में भाग लेने वाले दल में टोक्यो ओलंपियन रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, अंशु मलिक और दीपक पुनिया शामिल हैं. इस टीम का सेलेक्शन स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री द्वारा बनाई गई ओवरसाइट कमिटी ने किया है.

#क्या है ओवरसाइट कमिटी?

रेसलर्स द्वारा WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ने पांच सदस्यों की एक कमिटी बनाई थी. इस कमिटी में देश के कई दिग्गज एथलीट्स को शामिल किया गया था. वर्ल्ड चैम्पियन बॉक्सर मेरी कॉम की अध्यक्षता वाली इस कमिटी में योगेश्वर दत्त, तृप्ति मुरगुंडे, कैप्टन राजगोपाल, राधिका श्रीमन शामिल किए गए थे. ये कमिटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

#रेसलर्स ने जताई थी नाराजगी

खेल मंत्रालय द्वारा जांच के लिए बनाई गई इस कमिटी का पहलवानों ने विरोध किया है. कई रेसलर्स के मुताबिक इस कमिटी को बनाए जाने से पहले उनकी राय नहीं ली गई. उन्होंने सरकार द्वारा बनाई गई इस कमिटी को भंग करने की मांग भी की थी.

# पूरा मामला क्या है?

दरअसल विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक समेत कई पहलवान 18 जनवरी से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे. महिला पहलवानों ने WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था. इसके साथ ही उन पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया गया. हालांकि पहलवानों के आरोपों को बृजभूषण ने सिरे से नकार दिया था. उन्होंने कहा कि अगर उन पर लगाए आरोप सिद्ध होते हैं, तो वे फांसी पर लटक जाएंगे.

20 जनवरी को ही एक मीटिंग के बाद भारत सरकार ने पहलवानों को आश्वस्त किया था, कि लगाए गए आरोपों पर कार्रवाई होगी. साथ ही खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि WFI अध्यक्ष अपनी पोस्ट पर काम नहीं करेंगे और उसके दैनिक कार्यों से दूर रहेंगे. जिसके बाद पहलवानों ने धरना रोक दिया था. 
 

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