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शुभमन गिल के फैन्स के लिए दो बुरी खबर, गुवाहाटी टेस्ट नहीं खेलेंगे और...

साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ कोलकाता टेस्ट के दौरान भारतीय कप्तान Shubman Gill की गर्दन में स्पैज्म हो गया था. खबर है कि वो अब गुवाहाटी टेस्ट में भी नहीं खेलेंगे. साथ ही वनडे सीरीज को लेकर भी अब तक संदिग्धता बरकरार है.

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Shubman Gill, Guwahati Test, IndvsSA
शुभमन गिल गर्दन में स्पैज्म के कारण गुवाहाटी टेस्ट में नहीं खेलेंगे. (फोटो-PTI)
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सुकांत सौरभ
20 नवंबर 2025 (Published: 07:23 PM IST)
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भारतीय कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ दूसरे टेस्ट में नहीं खेलेंगे. पिछले सप्ताह उनकी गर्दन में स्पैज्म हो गया था. लेकिन, अब तक गिल इस चोट से नहीं उबर पाए हैं. क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी गैरमौजूदगी में टीम की कमान गुवाहाटी टेस्ट में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के हाथों में होगी. वहीं, गुवाहाटी टेस्ट में उनकी जगह साई सुदर्शन (Sai Sudharsan), देवदत्त पडिक्कल (Devdutt Padikkal) और नीतीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) खेल सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि डॉक्टर्स ने सलाह दी है कि गिल अगर खेले तो फिर से उनका दर्द बढ़ जाएगा. इसलिए बहुत संभावना है कि गिल 30 नवंबर से शुरू होने वाली वनडे सीरीज में भी न खेलें. इस सीरीज के लिए स्क्वॉड 23 नवंबर को चुना जाना है.

दरअसल, गिल कोलकाता टेस्ट मैच की पहली इनिंग में तीन बॉल खेलने के बाद ही रिटायर्ड हर्ट हो गए थे. इसके बाद उन्हें कोलकाता में हॉस्पिटलाइज भी कराना पड़ा था. बाद में BCCI ने बताया था कि गिल अब मुकाबले में वापसी नहीं करेंगे. उनकी गैरमौजूदगी में टीम 124 चेज करते हुए 93 रन पर ही सिमट गई थी और ये मुकाबला 30 रनों से हार गई थी. इससे पहले, अक्टूबर 2024 में भी गिल ने गर्दन में स्पैज्म के कारण न्यूजीलैंड के ख‍िलाफ एक टेस्ट मैच मिस किया था.

बैटिंग कोच ने गिल पर क्या बताया?

वहीं, 20 नवंबर को टीम इंडिया के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अगर गिल की चोट में इजाफा होने का थोड़ा भी डर होगा तो वो नहीं खेलेंगे. कोटक ने कहा,

वह बहुत अच्छी तरह से रिकवर कर रहे हैं. वह खेलेंगे कि नहीं ये फैसला 21 नवंबर की शाम को लिया जाएगा. फिजियो, डॉक्टर्स इसके लिए कॉल लेंगे. अगर वह पूरी तरह से रिकवर कर गए और ये कंफर्म हो गया कि दोबारा उन्हें स्पैज्म नहीं होगा तभी वो खेलेंगे.

कोटक ने इसके साथ ही कहा कि अगर वह रिकवर नहीं कर सके तो वह ये मुकाबला नहीं खेलेंगे. उन्होंने आगे कहा,

अगर हमें गारंटी होगी कि दोबारा उन्हें ये इश्यू नहीं होगा तभी वो खेलेंगे. अगर ज़रा भी डाउट हुआ तो वो रेस्ट लेंगे. क्योंकि इससे टीम को कोई मदद नहीं मिलेगी.

गिल से भी बड़ी समस्या टीम कॉम्बिनेेशन

ऐसे में अगर गिल नहीं खेलते हैं तो टीम इंडिया के लिए इससे भी बड़ी समस्या ये है कि टीम में लेफ्ट हैंडर्स की भरमार है. कोलकाता टेस्ट में टीम इंडिया 6 लेफ्ट हैंडर्स के साथ खेली थी. ऐसे में अगर टीम में गिल की जगह साई सुदर्शन या पडिक्क्ल आते हैं तो ये संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी. कोलकाता टेस्ट के प्लेयर ऑफ द मैच रहे ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने टीम इंडिया की इस बात का खूब फायदा उठाया था.

हालांकि, टीम इंडिया के बैटिंग कोच सितांशु कोटक इस दलील को गलत मानते हैं. उनका मानना है कि साउथ अफ्रीकी टीम में केशव महाराज जैसे लेफ्ट आर्म स्पिनर भी हैं. अगर लेफ्ट हैंडर्स की जगह ज्यादा राइट हैंडर्स हुए तो उन्हें भी इसका फायदा मिल सकता है. उन्होंने कहा,

आप मुझे एक चीज बताओ, उनकी टीम में लेफ्ट आर्म स्पिनर भी तो है. अगर हमारी टीम में 7 राइट हैंडेड बैटर्स हुए तो? उनकी टीम में एक लेफ्ट हैंड स्पिनर के साथ-साथ एक ऑफ स्पिनर है. इसलिए मुझे लगता है कि आपको अच्छा खेलना पड़ेगा. ऑफ स्पिनर बॉलिंग करे तो इसका ये मतलब कतई नहीं है कि लेफ्ट हैंडर्स उनके ख‍िलाफ अपना विकेट गंवा दें. हमारी टीम में दो लेफ्ट आर्म स्पिनर्स थे. क्या इन्होंने उनके 9 राइट हैंडर्स बैटर को आउट कर दिया. ये बहस थोड़ी ओवररेटेड है.  

नीतीश को भी मिल सकता है मौका

अब ये बहस ओवररेटेड है या नहीं, ये तो गुवाहाटी में ही पता चलेगा. हालांकि, ये उम्मीद जताई जा रही है कि गुवाहाटी का ट्रैक बैटर्स के लिए कोलकाता से बेहतर होगा. ऐसे में बहुत संभावना है कि साई सुदर्शन को टीम में वापसी का मौका मिल जाए. हालांकि, अब तक गुवाहाटी की पिच पर घास देखकर यही लग रहा है कि नीतीश कुमार रेड्डी प्लेइंग XI में अक्षर पटेल की जगह ले सकते हैं.

दरअसल, कोलकाता टेस्ट से पहले नीतीश को इंडिया ए के वनडे सीरीज के लिए रिलीज कर दिया गया था. लेकिन, अब वो वापस आ चुके हैं. ऐसे में उन्हें अगर टीम में जगह मिलती है तो लेफ्ट-राईट वाली समस्या भी कुछ हद तक मैनेज हो जाएगी. फिर प्लेइंग XI में वापस कोलकाता की तरह 6 ही लेफ्ट हैंडर्स होंगे.

वीडियो: Adelaide ODI सीरीज में टीम इंडिया के हार की वजह क्या है, किसकी गलतियां भारी पड़ीं?

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