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टीम इंडिया को हर बार ऑस्ट्रेलिया में कौन ‘जड़ खोदने वाला’ मिल जाता है

एक 2016 में मिला था, एक इस बार.

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दीपक चाहर और टी नटराजन. टीम इंडिया की पेस बैट्री के नए सदस्य. नटराजन इस दौरे की खोज रहे. (फोटो- AP)
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अभिषेक त्रिपाठी
8 दिसंबर 2020 (Updated: 8 दिसंबर 2020, 03:34 PM IST) कॉमेंट्स
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कोविड की वजह से क्रिकेट पर लगे ब्रेक के बाद टीम इंडिया ने पहली सीरीज खेली ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ ऑस्ट्रेलिया में. वनडे सीरीज ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से जीती और टी20 सीरीज ने भारत ने 2-1 से जीती. अब 17 दिसंबर से सबसे कठिन सीरीज शुरू होगी. चार मैच की टेस्ट सीरीज. ख़ैर, टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीन टी20 सीरीज से अजेय बनी हुई है. इससे पहले 2016 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टी20 सीरीज 3-0 से जीती. फिर 2018 में विराट कोहली की कप्तानी में सीरीज 1-1 से बराबर रही और अब ये सीरीज जीती. ऑस्ट्रेलिया दौरे से टीम इंडिया का एक बेहतरीन संयोग भी जुड़ गया है. टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे से एक ‘जड़ खोदने वाला’ गेंदबाज मिल ही जाता है. यानी यॉर्कर स्पेशलिस्ट. जब 2016 में टी20 सीरीज जीती तो जसप्रीत बुमराह मिले थे, जिन्होंने उस सीरीज से ही डेब्यू किया था. और इस बार टी20 सीरीज जीते तो मिले हैं टी नटराजन. वनडे, टी20 में डेब्यू नटराजन टीम इंडिया के लिए इस दौरे की खोज रहे. IPL में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद नटराजन को टीम इंडिया के साथ नेट्स बोलर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया भेजा गया. लेकिन फिर ऐसा संयोग रहा कि नटराजन टीम में शामिल हुए और तीसरे वनडे में डेब्यू करने का भी मौका मिल गया. मैच में नटराजन कुछ महंगे ज़रूर साबित हुए, लेकिन दो विकेट चटकाए. एक विकेट पावरप्ले में ही निकाला. ये वनडे सीरीज का इकलौता मौका था, जब टीम इंडिया को पहले पावरप्ले में ही विकेट मिला. दूसरा विकेट मैच के डेथ ओवर्स में निकाला और टीम की जीत तय की. नटराजन ने इस मैच में डेथ ओवर्स में लगातार अच्छी गेंदें फेंकी. नटराजन के प्रदर्शन से टीम के साथी खिलाड़ी भी इतने प्रभावित हैं कि हार्दिक पंड्या ने तो अपना मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड भी नटराजन को ही दे दिया. कहा कि उनसे ज़्यादा ये पुरस्कार नटराजन डिज़र्व करते हैं. लेकिन उनकी असली प्रतिभा दिखी टी20 सीरीज में. तीन मैच खेले. 12 ओवर फेंके. 6.91 की किफायती इकॉनमी से रन दिए और कुल छह विकेट लिए. कप्तान विराट कोहली ने नटराजन का इस्तेमाल लगातार डेथ ओवर्स में किया. बैक-टू-बैक यॉर्कर फेंक पाने की अपनी क्षमता के कारण नटराजन को खेलना बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल साबित हुआ. टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने से पहले 29 साल के नटराजन के नाम 20 फर्स्ट क्लास मैच में 64 विकेट दर्ज हैं.

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