आखिरी बार जब भारत 300 रन बनाने के बाद हारा था तब बिशन सिंह बेदी टीम इंडिया के कप्तान थे. वहीं साउथ अफ्रीका ने जब अपने घर में 300+ टार्गेट चेज़ किया था तो मार्क बाउचर साउथ अफ्रीकी टीम के कप्तान हुआ करते थे. अब सोचिए ये कितनी पुरानी बातें हैं कि बिशन सिंह बेदी भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे थे और मार्क बाउचर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम का झंडा बुलंद किए हुए थे.
ये सारी बातें आज इसलिए क्योंकि एक बार फिर भारत ने 300 प्लस का टार्गेट सेट किया है. वहीं मेज़बान टीम साउथ अफ्रीका इस टार्गेट का पीछा कर रही है.
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले जा रहे सेंचुरियन टेस्ट के चार दिन का खेल खत्म हो चुका है. ऐसे में भारतीय टीम जीत की तरफ बढ़ती हुई दिख रही है. मैच के चौथे दिन भारत ने दूसरी पारी में 174 रन बनाए और साउथ अफ्रीका को 305 रन का टार्गेट दिया. जिसके जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम ने चार विकेट खोकर 94 रन बना लिए हैं.
साउथ अफ्रीका के लिए क्रीज़ पर कप्तान डीन एल्गर(52) खेल रहे हैं. भारतीय गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने दो, वहीं मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज ने एक-एक विकेट लेकर साउथ अफ्रीकी टीम का काम मुश्किल ज़रूर कर दिया है. लेकिन पांचवें दिन अगर बारिश और साउथ अफ्रीकी कप्तान एल्गर ने पिच पर पैर जमा लिए तो फिर हो सकता है, सेंचुरियन में भी कानपुर जैसी चीज़ देखने को मिल जाए.
हालांकि रिकॉर्ड कहता है कि सालों-साल लग जाते हैं 300 प्लस का स्कोर चेज़ करने या करवाने में. खासकर भारत और साउथ अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास में तो ऐसा ही है.
रिकॉर्ड की बात करें तो भारतीय टीम के खिलाफ किसी भी टीम ने आखिरी बार 300+ का स्कोर पर्थ के वाका मैदान पर चेज़ किया था. उस वक्त भारतीय टीम बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में थी. और मेज़बानों ने दो विकेट बाकी रहते 339 रन चेज़ कर लिए थे.
Successfully chasing anything above 250+ against India is going to be difficult.
Only two Test sides have successfully chased a 250+ target against India
342/8 by Australia at Perth on 21 Dec 1977
276/5 by West Indies at Delhi on 29 Nov 1987#INDvsSA#INDvSA#SAvIND#SAvsIND
वहीं बात साउथ अफ्रीका की करें तो घर में आखिरी बार उन्होंने अपने फैंस को 300+ चेज़ करके जश्न मनाने का मौका 2002 में दिया था. जब मार्क बाउचर की कप्तानी में साउथ अफ्रीका ने स्टीव वॉ की टीम के खिलाफ 335 रन चेज़ किए थे.
इस बार देखना होगा कि क्या भारत के 44 सालों का अजेय रिकॉर्ड बरकरार रहेगा या फिर साउथ अफ्रीकी टीम 2002 के बाद एक बार फिर से 300+ चेज़ करके अपने इस रिकॉर्ड को बदलेगी.