जडेजा की फिफ्टी के चक्कर में रहाणे की बलि चढ़ गई!
जो कभी नहीं हुआ था वो अब हो गया.
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पहले टेस्ट में भी विराट कोहली के रन-आउट में अजिंक्य रहाणे शामिल थे. फोटो: AP
ये बढ़ट और ज़्यादा बेहतर ह सकती थी, अगर अजिंक्य रहाणे अपना विकेट रन-आउट होकर ना गंवाते. टीम इंडिया के कप्तान और MCG में शतक बनाने वाले अजिंक्य रहाणे की पारी का अंत वैसा नहीं हुआ जैसा हर कोई चाहता था. रविन्द्र जडेजा का अर्धशतक पूरा करवाने की कोशिश में अजिंक्य रहाणे ने अपने विकेट की बलि दे दी.
कैसे आउट हुए रहाणे:
तीसरे दिन के सुबह-सुबह वाले सेशन में जडेजा के साथ मिलकर रहाणे ने 17 रन जोड़े थे. इसके बाद जडेजा तेज़ गेंदबाज़ों की गेंदों पर रन बनाने में मुश्किल में दिख रहे थे. तेज़ गेंदबाज़ों का प्रेशर उतारने के लिए जडेजा स्पिनर के ओवर में एक ज़बरदस्ती का रन लेने गए और रहाणे को अपने विकेट की कुर्बानी देनी पड़ी.
भारतीय टीम 99 रन की बढ़त पर खेल रही थी. जडेजा अपने अर्धशतक से एक रन दूर थे. जडेजा ने लायन की गेंद को बिल्कुल हल्के हाथ से खेला, और दौड़ पड़े. रहाणे ने भी अपने पार्टनर को तुरंत जवाब दिया और रन लेने के लिए निकल पड़े. रहाणे तेज़ी से दौड़े लेकिन शॉर्ट कवर पर खड़े फील्डर मार्नस लाबुशेन उनसे भी तेज़ थे. उन्होंने एक तेज़ थ्रो फेंकी और रहाणे लाइन पार करने से बस एक इंच से चूक गए. टिम पेन ने तुरंत बेल्स उड़ा दी.

अजिंक्य रहाणे. फोटो: AP
इस तरह से उनकी 112 रनों की बेहतरीन पारी का तीसरे दिन के पहले सेशन में अंत हो गया. ये रन-आउट इसलिए भी अहम है क्योंकि अजिंक्ये रहाणे इस पारी से पहले कभी भी टेस्ट क्रिकेट में रन-आउट नहीं हुए थे. यानि टेस्ट क्रिकेट में रन-आउट के मामले में वो सबसे सेफेस्ट बल्लेबाज़ कहे जा सकते हैं.
भारतीय क्रिकेट में भी वो तीसरे ऐसे कप्तान बने हैं, जिन्होंने शतक बनाने के बाद अपना विकेट रन-आउट के तौर पर दिया है. रहाणे से पहले 1951 में विजय हज़ारे, 2006 में राहुल द्रविड़ भी शतक बनाकर रन-आउट हुए थे.
बतौर कप्तान दूसरा टेस्ट खेल रहे रहाणे ने जहां दूसरे मैच में जडेजा के लिए अपना विकेट कुर्बान कर दिया. वहीं पहले टेस्ट में ऐसे ही आपसी तालमेल की कमी से उन्होंने विराट कोहली को रन-आउट करवाया था.
इस टेस्ट में रहाणे के रन-आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाज़ बहुत बड़ा स्कोर नहीं बना सके और बाकी बल्लेबाज़ भी जल्दी-जल्दी 326 रन तक आउट हो गए.