2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेला गया. ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड की टीमों के बीच पहली बार टेस्ट क्रिकेट को ज़्यादा रोमांचक बनाने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में पिंक गेंद का इस्तेमाल किया गया.
इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 15 पिंक बॉल टेस्ट खेले गए हैं. लेकिन पांच साल पुराने इस क्रिकेट को भारत ने अपना बनाने में काफी वक्त ले लिया. साल 2019 में जाकर सौरव गांगुली ने बीसीसीआई की तरफ इस क्रिकेट के लिए हामी भरी और भारत ने कोलकाता में पहला पिंक बॉल टेस्ट खेला.
इसके बाद 2020 में हम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं. जहां पर भारतीय टीम विदेश में पहला और कुल मिलाकर दूसरा डे-नाइट टेस्ट खेल रही है. लेकिन भारतीय टीम ने विदेश में जाते ही अपने पहले पिंक बॉल टेस्ट में घुटने टेक दिए.
ऑस्ट्रेलिया कुकाबुरा गेंद के आगे टीम इंडिया के बल्लेबाज़ महज़ 36 रन पर ऑल-आउट हो गए.
टीम इंडिया के इस मुकाबले में हार के साथ एक स्टैट सामने आया है. इस स्टैट में ये बताया जा रहा है कि गुलाबी गेंद के सामने भारतीय बल्लेबाज़ मुश्किल में दिखते हैं. खासकर जब वो गुलाबी गेंद बिल्कुल नई या शुरुआती 15 ओवर में होती है.
आंकड़ों से समझाते हैं कैसे:# ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट की पहली पारी में भारत ने पहले 15 ओवर में विकेट तो एक गंवाया लेकिन रन बनाए सिर्फ 25.
# इसके बाद पहली पारी में 80 ओवर तक तो खेल ठीक चला. लेकिन उसके बाद जब ऑस्ट्रेलियन टीम ने नई गुलाबी गेंद ली तो भारत ने सिर्फ 51 रनों के अंदर अपने बाकी बचे छह विकेट गंवा दिए.
# अब बात एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी की. यहां भारत ने नई गेंद के आगे कैसा प्रदर्शन किया ये सबको मालूम है. शुरुआती 15 ओवरों में भारत ने सिर्फ 19 रन बनाए और छह विकेट गंवाकर लगभग मैच भी गंवा दिया.
ये वाली बात तो रही ऑस्ट्रेलिया मेड कोकाबुरा गेंद की. लेकिन अब थोड़ा SG गुलाबी गेंद पर भी भारतीय बल्लेबाज़ों का हाल देख लेते हैं.
# जब भारत ने पिछले साल नवंबर में कोलाकाता में पहला पिंक बॉल टेस्ट खेला. तो उसने पहले 15 ओवर में दो विकेट गंवाए थे.
# इसके बाद उसी पहली पारी में 80 ओवर बाद दूसरी नई गेंद ली गई तो भारत ने 43 रन बनाकर बाकी बचे चारों विकेट गंवा दिए.
दो मैच में ही सही लेकिन आंकड़ों से ये तो दिख रहा है कि नई गुलाबी गेंद पर बल्लेबाज़ी करते वक्त भारतीय बल्लेबाज़ फंसते दिख रहे हैं.
इसका तोड़ भारतीय बल्लेबाज़ों को खोजना होगा. लेकिन फिलहाल के लिए अच्छी बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ के बाकी तीनों मैच लाल कोकाबुरा गेंद से खेले जाएंगे.