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'मैच जिताऊ' नियम पर भारत को घेरने वालों को गावस्कर ने दिया जवाब

माइकल वॉन और टॉम मूडी ने इस पर सवाल उठाए हैं.

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अपनी बात के साथ concussion substitute नियम पर गावस्कर ने कहा कि उन्हें भी ये नियम बहुत ज्यादा पसंद नहीं है. फोटो: AP
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विपिन
4 दिसंबर 2020 (Updated: 4 दिसंबर 2020, 05:44 PM IST) कॉमेंट्स
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भले ही वनडे सीरीज़ 2-1 से हार गए हों लेकिन टी20 में टीम इंडिया का तोड़ खोजना मुश्किल लग रहा है. साल 2020 में भारत ने कुल नौ टी20 मुकाबले खेले हैं. जिसमें आठ में भारत को जीत मिली है. बाकी बचा एक मैच भी हम हारे नहीं हैं बल्कि उसका नतीजा नहीं निकल सका. कैनबरा के मनुका ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टी20 मैच को भारत ने 11 रनों से जीत लिया. इस मैच में भारत की जीत के बाद concussion sustitute नियम की खूब चर्चा है. वजह है कि इसी नियम के चलते भारत ने जडेजा की जगह बीच मैच में चहल को खिलाया और चहल ने तीन विकेट निकालकर टीम इंडिया को जीत दिला दी. पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये concussion sustitute बला क्या है? आईसीसी के नए नियम के मुताबिक मैच रेफरी किसी खिलाड़ी के सिर में गेंद लगने के बाद उसके पूरी तरह ठीक नहीं होने पर टीम को concussion sustitute इस्तेमाल करने की मंज़ूरी दे सकता है. ऐसे में 'लाइक टू लाइट रिप्लेसमेंट' का नियम है. यानि के उस खिलाड़ी की शैली जैसा ही खिलाड़ी मैच में इस्तेमाल किया जा सकता है. जो कि बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी भी कर सकता है. ये नियम 2019 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लागू हुआ. बस, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टी20 में रविन्द्र जडेजा के हेल्मेट पर गेंद लगी. जिसके बाद concussion sustitute के तौर पर युजवेन्द्र चहल को खिला लिया गया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस चीज़ की खूब चर्चा हुई. कई पूर्व क्रिकेटर्स ने भी इस फैसले पर अपनी बात रखी है. आइये जानते हैं, किसने क्या कहा? सुनील गावस्कर:
''मैच रेफरी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड बून हैं. उन्हें जडेजा की जगह चहल के सब्स्टीट्यूट करने से दिक्कत नहीं है. ऐसा कहा जा रहा है कि जैसा खिलाड़ी हो उसकी जगह वैसा ही आना चाहिए. आप इस पर बहस कर सकते हैं कि चहल ऑल-राउंडर नहीं हैं. लेकिन जहां तक मैं समझता हूं जिस किसी ने एक रन भी बनाया है वो ऑल-राउंडर है. और खासतौर पर जब मैच रेफरी को कोई दिक्कत नहीं है तो फिर बाकी लोग क्यों शोर मचा रहे हैं.''
माइकल वॉन:
''जडेजा के कनकशन को जांचने के लिए मैदान पर ना तो कोई डॉक्टर आया और ना ही कोई फिज़ियो. उन्हें देखकर लग रहा था कि उनके पैर में कुछ तकलीफ है. लेकिन उन्होंने कनकशन के लिए रिप्लेसमेंट लिया.''
टॉम मूडी:
''मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है कि चहल को जडेजा का सब्स्टीट्यूट बनाया गया. लेकिन मुझे इस बात से दिक्कत है कि जब जडेजा को हेल्मेट पर गेंद लगी तो मैदान पर ना तो कोई डॉक्टर आया और ना ही कोई फिज़ियो.''
आपको बता दें कि रविन्द्र जडेजा को भारत की पारी के 19वें ओवर में हेमस्ट्रिंग इंजरी हुई. इसके बाद वो परेशानी में दिखे. फिर 20वें ओवर में जडेजा के हेल्मेट पर गेंद लग गई. मैच में इनिंग ब्रेक हुआ तो ये पता चला कि जडेजा के बदले युजवेन्द्र चहल को concussion substitute के तहत टीम में शामिल किया गया है. बाद में युजवेन्द्र चहल के तीन बड़े विकेट ही भारत की जीत का अहम कारण बने.

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