शनिवार की सुबह हुई, बहुतों का वीकेंड रहा. मैच देखने में अगर थोड़ी देरी हो गई तो बता दें ऑस्ट्रेलियन टीम फिर से खेलने आ गई है. कल मैच देखा होगा तो पता होगा कि दूसरे दिन भारत 9/1 विकेट गंवाकर गया था. आज उसे फिर से खेलना था. लेकिन पूरी टीम 21.2 ओवर में 36 रन बनाकर वापस पवेलियन लौट गई है. आखिरी बल्लेबाज़ मोहम्मद शमी को बोलिंग आर्म में गेंद लगी जिसके बाद वो बैटिंग नहीं कर पाए.
यानि कुल मिलाकर एडिलेड ओवल में खेले जा रहे पहले डे नाइट मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 90 रनों की ज़रूरत है. क्योंकि भारत को पहली पारी में 53 रनों की बढ़त मिली थी.
टीम इंडिया के गिरे कुल नौ विकेटों में से एक विकेट तो दूसरे दिन ही गिर गया था. पृथ्वी शॉ दूसरे दिन आउट होने वाले बल्लेबाज़ थे. लेकिन तीसरे दिन के सुबह के सेशन में तो भारतीय बल्लेबाज़ों के पास जोश हेज़लवुड और पेट कमिंस की गेंदों का कोई भी जवाब नहीं था.
मिडिल ऑर्डर का सबसे खराब प्रदर्शन:
इस पारी को संभालने की असली ज़िम्मेदारी जिनपर थी उन्होंने तो ऐसा खेल दिखाया जिससे खराब हो ही नहीं सकता. भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर आज पूरी तरह से बिखर गया. नंबर तीन से लेकर नंबर छह तक के बल्लेबाज़ों ने भारत के टोटल में सिर्फ छह रन जोड़े. जो कि भारतीय इतिहास का सबसे कम स्कोर है.
साल 1946 मैनचेस्टर में हमारे नंबर तीन, चार, पांच और छह ने इंग्लैंड के खिलाफ इतने ही रन बनाए थे. ऐसा ही कुछ हमारे मिडिल ऑर्डर ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर किया था. जब मेलबर्न में खेली पारी में हमारे तीन,चार,पांच,छह सिर्फ छह रन ही जोड़ पाए थे. अब एक बार फिर से इतने कम स्कोर पर हमने चार मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज़ गंवा दिए.
Fewest runs by India's 3-4-5-6 in a Test innings, where all four have batted:
6 runs - Vs. England, Manchester 1946
6 runs - Vs. Australia, Melbourne 2018
6 runs - Vs. Australia, Adelaide 2020#AUSvIND
— Arun Gopalakrishnan (@statanalyst) December 19, 2020
हमारे बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि पूरे 11 बल्लेबाज़ों के लाइनअप में कोई एक भी डबल नंबर्स तक नहीं पहुंचा. क्रिकेट के 150 साल पुराने इतिहास में ऐसा भी सिर्फ दूसरी बार हुआ है.
टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों ने जो काम किया था, उस पर बल्लेबाज़ों ने पूरी तरह से पानी फेर दिया.