एक कविता रोज: समझउ होली नंगिचाई रही
मौसम जो है ये बौराया हुआ है. पुरवाई हवा जोर पर है. इस मौसम को कैसे बयान किया जाए. आओ तुमको गांव ले चलते हैं.

-समझउ होली नंगिचाई रही-
सरदी कइ दिन बीति गए, सूटर कम्मर सब तिड़ी भए कोइरा तापइ ते पिंडु छूट, अब सुरजउ दादा सीध भए खरही मां पिलवा कुलबुलाइ, समझउ, होली नंगिचाई रही
हिंंदी: सर्दी को कई दिन बीत गए, स्वेटर कंबल सब गायब हुएअलाव तापने से छूटा पीछा, सूरज दादा सीधे हुएकोने में पिल्ला कुलबुला रहा , समझो होली नजदीक है
दिनु थ्वारा थ्वारा बड़ा भवा, मौसम मां गर्मी बढ़ई लागि ख्यातन मां मटरा नाचि-नाचि, अरसी के गरमां परइ लागि पछियाउ बयरिया सुरसुराइ, समझउ होली नंगिचाई रही
हिंदी: दिन थोड़ा-थोड़ा बड़ा हुआ, मौसम में गर्मी बढ़ने लगी खेतों में मटर नाच-नाच, अलसी से गले मिलने लगे जब पछुआ हवा सुरसुराने लगे, समझो होली नज़दीक है
सरसों पीली, पीले कंदइल, पीले ग्यांदा अउ अमरबेल चहुंरंग बसंती महकि उठा, लरिका बगियन मां करइ खेल जब पियर पपीता पुलपुलाइ, समझउ होली नंगिचाई रही
हिंदी: पीली सरसों, पीले कंदेल, पीले गेंदे और अमरबेलचारों और बसंत महक उठा है, लड़के बागों में खेल रहे हैंजब पीला पपीता पुलपुलाने लगे, समझो होली नज़दीक है
आलू नित बैंगन दादा संग, गोभी के संग अठिलाई रहे सेहत का अपनी धरउ ध्यानु, भिंडी का ई समुझाइ रहे भाजिन मां किरवा गुजगुजाइ, समझउ होली नंगिचाई रही
हिंदी: आलू बैंगन दादा के संग, तो कभी गोभी के संग अठखेलियाँ कर रहे हैंसेहत का अपनी ध्यान रक्खो, ऐसा भिन्डी को समझा भी रहे हैंजब सब्जियों में कीड़े गुजगुजाने लगें, समझो होली नज़दीक है
बप्पा ध्वाटइं, बचुवा छानइं, छानइं भउजी के संग द्यावर ल्वाटा भरि भरि कइ भांग पिए, महतौं हैं ठाढ़ पनारा तर महतीनिउं धरि धरि लुबलुबाइ, समझउ होली नंगिचाई रही
हिंदी: बाप घोटे, बेटा छाने, छानें भौजी के संग देवरलोटे में भर भर भांग पिये, महतिया छत से गिरते परनाले से टार हुए पड़े हैंमह्तिया की पत्नी भी जब भांग में मस्त हों, समझो होली नज़दीक है
पूजि पंचिमी चउराहे पर, रंडा औ कंडा ढेरु किहिन कड़ी केंवारा थुनिहा लक्कड़, लाइ ढ्यार पर तोपि दिहिन जब रोजु बुढ़उनू हुनहुनाइं, समझउ होली नंगिचाई रही
हिंदी: चौराहे पर पंचमी पूज के, रंडा और कंडा का चौराहे पर ढेर लगा दियाकड़ी, किवांड़े और घर में पड़ी लकड़ियाँ उठाकर ढेर पर ही डाल दिए,जब रोज बुढ़ऊनू हुनहुनायें, समझो होली नज़दीक है
नए पात पहिरइ की खातिर, बिरवन मां पतिझारु भवा है यहइ बात जेहि के कारन, सबका राजा मधुमास भवा ठूंठउ मां कल्ला रुगरुगाइं, समझउ होली नंगिचाई रही
हिंदी: नए पत्ते पहनने की खातिर, पेड़ों में पतझड़ हो गयाइसी बात के कारण मधुमास सबका राजा बनासूख चुके पेड़ में भी हरियाली आने लगे, समझो होली नज़दीक है