गंभीर ने हार का पूरा ठीकरा भारतीय बैटर्स पर फोड़ा, बोले- 'पिच में कोई खराबी नहीं थी...'
भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 30 रनों से हार के बाद पिच को लेकर सवाल उठाया जा रहा था. लेकिन, कोच Gautam Gambhir का कहना है कि जैसी पिच वो चाहते थे, ये वैसी ही पिच थी. उन्होंने हार का पूरा ठीकरा भारतीय बल्लेबाजों पर फोड़ दिया है.

भारतीय कोच गौतम गंभीर ने ईडन गार्डेन्स की पिच को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया है. उनके अनुसार, ईडन की पिच में कोई परेशानी नहीं थी. उन्होंने इसी के साथ पिच क्यूरेटर की तारीफ भी की है. उन्होंने कहा कि पिच क्यूरेटर ने बिल्कुल वैसी ही पिच बनवाई थी, जैसी उन्होंने डिमांड की थी. उन्होंने ये बातें कोलकाता टेस्ट में साउथ अफ्रीका के 30 रनों से मुकाबला जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में की हैं.
कोच गंभीर ने पिच को लेकर क्या कहा?शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम 93 रनों पर अंतिम इनिंग में सिमट गई. ये टीम इंडिया का टेस्ट क्रिकेट में तीसरा लोएस्ट टोटल है. पिच पर बॉलर्स को अनइवन बाउंस और टर्न मिल रही थी. मैच के दौरान बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बता दिया था कि पिच वैसी ही तैयार की गई है जैसी की टीम इंडिया ने रिक्वेस्ट की थी. इस बात की पुष्टि खुद गंभीर ने भी मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर दी. गंभीर ने कहा,
ये पिच बिल्कुल वैसी है जैसा हम चाहते थे. क्यूरेटर बहुत सपोर्टिव थे. मुझे नहीं लगता ये मुश्किल विकेट थी. ये एक ऐसी पिच थी जो आपके मेंटल टफनेस को दर्शाती है. यहां जिन्होंने भी अच्छा डिफेंस किया, उन्होंने यहां रन बनाए.
भारतीय बैटर्स हाई क्वालिटी स्पिन के खिलाफ घरेलू कंडीशंस में एक बार फिर एक्सपोज्ड हो गए. साउथ अफ्रीका ने इसी के साथ 15 साल बाद भारत में कोई टेस्ट मुकाबला जीत लिया. 124 रन के टारगेट को चेज करते हुए टीम इंडिया ने वो कंपोजर या मेथड नहीं दर्शाया जैसा टेंबा बावुमा ने खेलकर दिखाया था. यही कारण है कि भारतीय टीम महज 35 ओवर में 93 रन पर सिमट गई. शुभमन गिल पहली इनिंग की तरह दूसरी इनिंग में भी गर्दन में स्पैज्म के कारण बैटिंग के लिए नहीं आ सके.
ऐसी पिच जिस पर उम्मीद किया जा रहा था कि ये रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को मदद करेगी, ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने सबसे ज्यादा 8 विकेट चटकाए. ये टीम इंडिया की घरेलू कंडीशंस में पिछले 6 मुकाबलों में चौथी हार है. इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से क्लीन स्वीप शामिल है. वहां भी दो मुकाबलों में टर्निंग पिचों पर टीम इंडिया का वही हाल हुआ था. अब इस हार के बाद एक बार फिर ये डिबेट छिड़ गई है कि भारतीय बैटर्स की टेक्निक और टेंपरामेंट रैंक टर्नर्स पर कितनी खराब नज़र आ रही है.
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गंभीर ने बैटर्स को घेरागंभीर ने टीम इंडिया के बैटर्स की प्रेशर हैंडल करने की क्षमता पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने आगे कहा,
स्किल से ज्यादा, यहां बात है कि आपमें प्रेशर को हैंडल करने की कितनी क्षमता है. जब आप टेक्निक, मेंटल टफनेस और टेंपरामेंट को देखते हैं, ऐसी पिच उन्हें टेस्ट करती है. इतने टर्न के बावजूद, ज्यादातर विकेट सीमर्स को मिले. पॉइंट ये है कि आपको टर्न को कैसे खेलना है ये आना चाहिए. हम जैसा चाहते थे वैसी ही पिच मिली है.
गंभीर ने साथ ही कहा कि कैसी भी पिच हो 123 रन का स्कोर आसानी से चेज किया जा सकता था. उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि क्यूरेटर काफी सपोर्टिव थे. विकेट कैसा भी हो, मुझे लगता है कि 123 रन का टारगेट चेज किया जा सकता था. अगर आप मेहनत करने के लिए तैयार हो, सॉलिड डिफेंस और टेंपरामेंट के साथ खेलो तो आप रन बना सकते हो. ये ऐसा विकेट नहीं था, जहां पर आप बड़े-बड़े शॉट लगाओ, लेकिन अगर आप धैर्यपूर्वक खेलोगे तो आप स्कोर कर सकते हो. मैंने पहले भी कहा है क्यूरेटर बहुत मददगार थे. हम यही चाहते थे और जब आप अच्छा नहीं खेलते हो तो यही परिणाम होता है.
दरअसल, भारतीय टीम की ओर से चौथी इनिंग में 31 रन बनाने वाले वॉशिंगटन सुंदर हाईएस्ट स्कोरर थे. उनके अलावा दहाई का आंकड़ा पार करने वालों में भी सिर्फ तीन अन्य बैटर्स थे. रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और ध्रुव जुरेल. बाकी सारे बैटर्स सिंगल डिजिट में ही स्कोर कर सके. कप्तान गिल क्योंकि पहले ही चोटिल हो गए थे, वह दूसरी इनिंग में भी बैटिंग के लिए नहीं आए. अब टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरा टेस्ट 22 नवंबर से गुवाहाटी में खेलना है.
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