'धोनी ने गिरगिट बना दिया था', कार्तिक ने माही को लेकर ऐसा क्यों कहा?
पूर्व विकेटकीपर-बैटर Dinesh Karthik ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया है. इस दौरान उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि MS Dhoni ने उन्हें 'गिरगिट' की तरह बना दिया था.

टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर-बैटर दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने एक बड़ा खुलासा किया है. उनके अनुसार, महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने उन्हें 'गिरगिट' की तरह बना दिया था, क्योंकि धोनी के टीम में आने के बाद अपनी जगह बनाने के लिए उन्हें लगातार अलग-अलग भूमिकाओं में ढलना पड़ता था.
धोनी का तूफानी आगाज2004 में दिनेश कार्तिक ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था. धोनी उनके तीन महीने बाद टीम इंडिया में आए थे. हालांकि, धोनी के आने के बाद उन्हें टीम में जगह बनाने में काफी दिक्कतें आईं. 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2025' में बात करते हुए कार्तिक ने बताया कि धोनी ने कैसे अपने करियर की शुरुआत में ही सभी को चौंका दिया था. सभी धोनी की पावर हिटिंग क्षमता से बहुत प्रभावित थे. यहां तक कि लोग धोनी के छक्के मारने की क्षमता की तुलना महान सर गैरी सोबर्स से कर रहे थे. कार्तिक ने धोनी को लेकर बताया,
मैंने उन्हें ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था. लेकिन, केन्या में 'ए सीरीज' के दौरान हर कोई एक ही प्लेयर की बात कर रहा था, क्योंकि उसमें कुछ अलग बात थी. जिस पावर से वो गेंद को मारता था, लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. कुछ लोग तो उसकी तुलना गैरी सोबर्स से कर रहे थे, जो बड़े-बड़े छक्कों के लिए जाने जाते थे. धोनी की टेक्नीक बहुत अलग थी, लेकिन वो गेंद को इतनी जोर से मारते थे, जितना किसी ने पहले नहीं देखा था. उस समय यही चर्चा थी.
कार्तिक ने आगे बताया कि उस समय टीम में राहुल द्रविड़ विकेटकीपर की भूमिका निभा रहे थे, लेकिन फिर उन्होंने सिर्फ अपनी बैटिंग पर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने बताया,
टीम तब एक सही विकेटकीपर की तलाश में थी. मैं एक फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस की तरह आया. लेकिन, लीड रोल तो हमेशा से धोनी के लिए ही था. और जब वो आए, तो उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबको हैरान कर दिया. बहुत जल्द ही, उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ दी.
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कार्तिक ने किए हैं कई बदलावधोनी के आने के बाद कार्तिक को टीम में बने रहने के लिए खुद को बदलना पड़ा. कार्तिक ने कहा,
जब कोई ऐसा खिलाड़ी आता है, तो आपको खुद से पूछना पड़ता है, मैं अपना सबसे अच्छा वर्जन कैसे बन सकता हूं? इसलिए मैं थोड़ा गिरगिट जैसा बन गया. अगर ओपनिंग की जगह खाली होती, तो मैं तमिलनाडु जाकर पूछता, 'सर, क्या मैं ओपनिंग कर सकता हूं?' मैं ओपनर के तौर पर रन बनाता, ताकि टीम में जगह मिल सके. इसी तरह, अगर मिडिल ऑर्डर में जगह खाली होती, तो मैं वहां बैटिंग करने की गुजारिश करता. मेरा असली चैलेंज उस जगह को बनाए रखना था. मैं खुद पर इतना दबाव डालता था कि कभी-कभी जो जरूरी था, वो नहीं कर पाता था.
कार्तिक ने बताया कि इस सफर ने उन्हें सिखाया कि आने वाली हर चुनौती का सामना कैसे करना है और सबसे बड़ी बात, दृढ़ता और जुझारूपन कितना जरूरी है. उन्होंने कहा,
मैंने लगातार वो चीजें कीं, जो ज्यादातर प्लेयर्स के लिए असहज थीं. जैसे अपने करियर के आखिरी पांच सालों तक नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी करना. लेकिन, मैंने उस रोल को अपनाया और अपनी ताकत का इस्तेमाल कर उसमें सफल हुआ. एमएस धोनी ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, भले ही वो सीधे तौर पर नहीं था, लेकिन उसका गहरा असर पड़ा.
आपको बता दें कि कार्तिक ने भारत के लिए 26 टेस्ट, 94 वनडे और 60 टी20 मैच खेले हैं. वे 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे हैं. 2018 में निदहास ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ उनकी 8 गेंदों पर 29 रन की पारी आज भी फैंस को याद है. कार्तिक आखिरी बार 2022 टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए खेले थे.
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