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बेंगलुरु की भगदड़ ने कोलकाता की याद दिलाई, 45 साल पहले फुटबॉल मैच में दिखा था खौफनाक मंजर

Bengaluru के चिन्नास्वामी स्टेडियम के अंदर और बाहर RCB की जीत का जश्न मनाने पहुंचे 11 क्रिकेट प्रशंसकों की जान चली गई. इस घटना ने साल 1980 में कोलकाता के Eden Gardens में हुई मनहूस घटना के जख्म हरे कर दिए.

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ईडन गार्डन्स में हुए भगदड़ में 16 लोगों की मौत हो गई थी. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
5 जून 2025 (Updated: 5 जून 2025, 02:03 PM IST) कॉमेंट्स
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RCB ने 3 जून को 18 साल का खिताबी सूखा खत्म किया. और IPL चैंपियन बने. 5 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के अंदर और बाहर लाखों लोग जश्न मनाने पहुंचे. लेकिन ये जश्न कई परिवारों के लिए मातम बनकर आया. स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ बेकाबू हो गई. और 11 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे. बेंगलुरु में हुए इस हादसे ने एक और मनहूस तारीख की याद ताजा कर दी जब खेल देखने का जूनून 16 लोगों की मौत का कारण बना था.

तारीख 16 अगस्त. साल 1980. जगह ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स स्टेडियम. (Eden Gardens Stadium) चिर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल (east bengal) और मोहन बागान (Mohan Bagan) के बीच फुटबॉल मैच. दर्शक गैलरी में लगभग 70 हजार लोग. मोहन बागान के तेज तर्रार राइट विंगर बिदेश बसु को ईस्ट बंगाल के साइड बैक दिलीप पालित ने गिरा दिया. पालित अपनी रफ टैकलिंग के लिए कुख्यात थे.

मैच रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद रेफरी सुधीन चटर्जी ने बचाव की कोशिश की. लेकिन बिदेश और दिलीप आपस में भिड़ गए. दोनों में हाथापाई हो गई. फील्ड में प्लेयर्स को भिड़ते देख स्टैंड में दोनों टीमों के समर्थक भी उग्र हो गए. दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी होनी लगी. जिसके बाद भगदड़ मच गई. जब तक स्टेडियम में मौजूद पुलिस कुछ समझ पाती. तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी.

ईडन गार्डन्स के दूसरे टियर से भगदड़ से बचने की ब्लैक एंड वॉइट तस्वीर आज भी सिहरन पैदा करती है. 18 से 60 साल के 16 फुटबॉल फैन्स की सांसें थम चुकी थी. आजतक बांग्ला की रिपोर्ट के मुताबिक अपने घर से फुटबॉल का लुत्फ उठाने निकले ये फैन्स मैटाडोर में बेजान महज एक नंबर बन कर वापस लौटे. (उन दिनों शव वाहन नहीं थे.)

EDEN GARDENS
ईडन गार्डन्स में फुटबॉल मैच के दौरान दर्दनाक हादसा हुआ था. (इंडिया टुडे)
2012 में 40 से ज्यादा लोग घायल हुए

9 दिसंबर 2012 को ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के बीच फुटबॉल मैच में एक बड़ी त्रासदी होते होते बची. मुकाबले के दौरान मोहन बागान के सरहीम नबी के माथे पर विपक्षी टीम के स्टैंड से एक पत्थर आकर लगा. जिसके बाद मैच को रद्द कर दिया गया. मैच रद्द होने के बाद ईस्टर्न मेट्रोपॉलिटन बाईपास की सड़क पर दोनों टीमों के समर्थकों में हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में पुलिसकर्मी समेत 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

खेल आयोजनों के दौरान होने वाली बड़ी त्रासद घटनाएं

हिल्सबोरो (1989) : इंग्लैंड के शेफील्ड में हिल्सबोरो स्टेडियम में लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच FA कप सेमीफाइनल फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ मच गई. जिसके चलते 97 लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों लोग घायल हो गए.

हेसेल स्टेडियम (1985) : ब्राजील के ब्रेसेल्स में लिवरपूल और जुवेंटस के बीच यूरोपीय कप फाइनल का मैच हो रहा था. इस दौरान ब्रसेल्स के हेसेल स्टेडियम की एक दीवार ढह गई जिसके नीचे दबकर 39 फैन्स की मौत हो गई.

लीमा स्टेडियम दंगा (1964) : 24 मई 1964 को पेरू और अर्जेंटीना के बीच एक फुटबॉल मैच में रेफरी के एक फैसले के चलते दंगा भड़क गया. जिसमें 300 से ज्यादा फैन्स मारे गए. और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए. यह साल 1964 के ओलंपिक के लिए क्वालीफायर मैच था.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मैच के आखिरी कुछ मिनट बचे थे. और स्कोर अर्जेंटीना के पक्ष में 1-0 था. इस दौरान पेरू की ओर से एक गोल हुआ जिसे रेफरी ने रद्द कर दिया. इसके बाद स्टेडियम में अफरातफरी मच गया. चीखती चिल्लाती भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंकी, बेंचे पलट दीं. और स्टेडियम के एक हिस्से को आग के हवाले कर दिया.

इस हादसे में अधिकतर लोगों की मौत कुचलने से हुई. वहीं चार लोग भीड़ नियंत्रण करने की कोशिश कर रही पुलिस की गोली का शिकार हुए. इस घटना के बाद पूरे पेरू में आपातकाल की घोषणा कर दी गई.सरकार ने इस घटना की जांच के लिए 30 दिनों के लिए संवैधानिक गारंटी निलंबित कर दी.

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लुज्निकी स्टेडियम (1982) : 20 अक्तूबर 1982 को मॉस्को के सेंट्रल लेनिन स्टेडियम(जिसे अब लुज्निकी स्डेडियम के नाम से जाना जाता है) में UEFA कप के दूसरे मैच में एफसी स्पार्टक मॉस्को का मुकाबला एचएफसी हार्लेम के खिलाफ था. इस मैच के आखिरी मिनट में सर्गेई श्वेत्सोव ने स्पार्टक के लिए दूसरा गोल किया. (पहला गोल 16 वें मिनट में हुआ था.) 

स्पोर्टस्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय तक काफी दर्शक स्टेडियम के बाहर निकल चुके थे. गोल होने की खबर सुनकर वो वापस लौटने लगे. इस दौरान तापमान माइनस 10 डिग्री से भी नीचे था. अफरा तफरी में फैन्स बर्फीली सीढ़ियों से फिसलने लगे. जिसके चलते 66 लोगों की मौत हो गई. 

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