The Lallantop
Advertisement

जिस Kaali फिल्म के पोस्टर पर इतना बवाल है, उसकी डायरेक्टर की कहानी क्या है?

लीना के खिलाफ UP पुलिस में FIR दर्ज की जा चुकी है.

Advertisement
kaali filmmaker Leena Manimekalai
अपनी डॉक्यूमेंट्रीज़ के बाद लीना को फ़िल्ममेकर कम, ऐक्टिविस्ट ज़्यादा माना जाने लगा (फोटो - सोशल मीडिया)
font-size
Small
Medium
Large
5 जुलाई 2022 (Updated: 5 जुलाई 2022, 19:58 IST)
Updated: 5 जुलाई 2022 19:58 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

2 जुलाई को एक पोस्टर लॉन्च हुआ. सभी सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर आया और हैवी बवाल खड़ा हो गया. पोस्टर में क्या है? पोस्टर में हिंदू देवी काली के वेश में एक महिला है. एक हाथ में त्रिशूल. दूसरे हाथ में LGBTQIA+ का प्राइड फ़्लैग. और, तीसरे हाथ में सिरगेट. बवाल सिगरेट के धुएं पर हुआ. लोगों ने धार्मिक भावना आहत होने के आरोप पोस्टर बनाने वालों पर लगाए.

ये पोस्टर एक डॉक्यूमेंट्री का है, जिसका नाम है 'काली'. डॉक्यूमेंट्री की डायरेक्टर हैं लीना मणिमेकलाई. डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर करते हुए लीना ने लिखा,

''मैं आग़ा ख़ान म्यूज़ियम में अपनी नई फ़िल्म का पोस्टर शेयर करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं. मेरी फिल्म 'काली' का 6 मिनट लंबा हिस्सा Rhythms of Canada फेस्टिवल में दिखाया जाना है. एक हफ़्ते तक चलने वाला ये फेस्टिवल अलग-अलग कनैडियन संस्कृतियों को सेलिब्रेट करेगा.''

हालांकि, जितनी एक्साइटेड लीना हैं, उतना बाक़ी लोग नहीं हैं. वो तो असल में गुस्से में हैं. पोस्टर के आते ही ट्विटर पर #ArrestLeenaManimekalai ट्रेंड करने लगा. लोगों ने इसकी शिकायत गृह मंत्री अमित शाह और अलग-अलग राज्यों की पुलिस से भी कर डाली. लीना मणिमेकलाई के ख़िलाफ़ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ऑफिस और होम मिनिस्ट्री में कंप्लेंट दर्ज हो चुकी है. वहीं पांच जुलाई को यूपी पुलिस ने लीना के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.

हालांकि, इस मसले पर लीना का जवाब आ गया है. अपनी सफ़ाई में लीना ने ट्वीट किया,

"मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है. जब तक मैं ज़िंदा हूं, मैं एक ऐसी आवाज़ के तौर पर रहना चाहती हूं, जो बिना किसी डर के बोलती रहे. अगर इसकी क़ीमत मेरी जान है, तो यही सही!"

इसके साथ ही लीना ने ये भी कहा कि लोग उस डॉक्यूमेंट्री को बिना कॉन्टेक्स्ट के देख रहे हैं. लिखा,

"फ़िल्म में काली टोरंटो शहर की एक शाम सड़कों पर टहल रही हैं, और इस दौरान जो उनके साथ घट रहा है, फ़िल्म इसी बारे में है. अगर वो लोग फ़िल्म देखेंगे, तो वो 'अरेस्ट लीना मणिमेकलई' के बजाय 'लव यू लीना मणिमेकलई' हैशटैग लगाएंगे."

अब लोग लव यू बोलेंगे कि नहीं, फ़िल्म देखेंगे कि नहीं, यो तो नहीं पता. लेकिन इससे पहले ये जान लीजिए कि -

लीना मणिमेकलाई हैं कौन?

मदुरै के दक्ष‍िण में गांव है महाराजापुरम, वहां जन्म हुआ. पिता कॉलेज लेक्चरर थे. पर‍िवार मुख्यतः किसानी से ही कमाता-खाता था. उनके गांव में एक अजब प्रथा थी कि प्यूबर्टी यानी पीरियड्स आने के कुछ साल बाद ही लड़क‍ियों की शादी करवा दी जाती थी. उनके मामा से ही. जब लीना को ख़बर लगी क‍ि घरवाले उनकी शादी करवाने वाले हैं, तो वो चेन्नई भाग गईं.

एक तम‍िल मैगज़ीन में काम के लिए आवेदन डाला. ऑफ़िस वालों ने उन्हें इंतज़ार करने को कहा और लीना के पर‍िवार वालों को बता दिया कि लीना कहां हैं. पर‍िवार वाले आए और लीना को वापस ले गए. बड़ी मशक्क़त के बाद लीना ने अपनी शादी कैंसिल करवाई और परिवार को इंजीन‍ियर‍िंग की पढ़ाई करने के लिए मनाया. फिर कॉलेज चली गईं.

कॉलेज के आख़िरी साल लीना के प‍िता की मौत हो गई. पिता के गुज़र जाने के बाद लीना ने अपने प‍िता की Ph. D थीसिस को किताब की शक्ल देने का बीड़ा उठा लिया. थीसिस तमिल डायरेक्टर P Bharathiraja पर लिखी गई थी. इस काम के लिए लीना वापस चेन्नई आ गईं. इस सिलसिले में वो डायरेक्टर P Bharathiraja से मिलीं. फिर ख़बर उड़ने लगी कि डायरेक्टर और लीना रिलेशनशिप में है. लेकिन ये ख़बरें ज़्यादा दिन चली नहीं और कुछ वक्त के बाद लीना ने चेन्नई छोड़ दिया.

इसके बाद लीना ने कुछ साल तक बेंगलुरू में IT सेक्टर में नौकरी की. तब लीना की मुलाक़ात टेलीफ़िल्म मेकर सी जेरॉल्ड से हुई और उनके साथ काम करने के लिए लीना ने IT की नौकरी छोड़ दी. हालांकि, यहां भी C Jerrold के साथ लीना काम नहीं कर पाईं और उन्होंने ये नौकर‍ी भी छोड़ दी. आख़िरकार फ्रीलांस काम करने का फैसला उन्होंने किया.

कौन सी पिच्चरें बनाई हैं?

करियर की शुरुआत तो असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी. जैसा आमतौर पर होता है. इस दौरान उन्होंने कई मेनस्ट्रीम फ़िल्म-मेकर्स को असिस्ट किया. टीवी प्रोड्यूसर से लेकर एंकर के तौर पर काम किया. 2002 में 'मथम्मा' नाम की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री बनाई. पहली ही डॉक्यूमेंट्री में लीना ने एक बेहद गंभीर मसले पर बात की थी- देवदासी प्रथा. इसके बाद 2004 में दल‍ित मह‍िलाओं के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'Parai' बनाई. इसपर भी काफी आक्रोश हुआ था.

आगे उन्होंने अलग-अलग सामाजिक मसलों पर कई डॉक्यूमेंट्रीज़ बनाई. ऐसी डॉक्यूमेंट्रीज़ के बाद लीना को फ़िल्ममेकर कम, ऐक्टिविस्ट ज़्यादा माना जाने लगा. लेकिन एक मूवी आई जब उन्होंने ऐक्टिविज़्म से आर्ट की ओर क़दम बढ़ाया. डॉक्यूमेंट्री का नाम था 'कनेक्टिंग लाइन्स'. ये फ़िल्म उनके आर्टिस्टिक स्पेक्ट्रम में विस्तार के तौर पर देखी जाती है. हालांकि, इस फ़िल्म में भी जर्मनी और इंडिया के स्टूडेंट्स के मसले पर बात की गई है.

कई साल ऐसे ही चलता रहा. उन्होंने फ्रीलांस‍िंग से पैसे कमाए और अपनी फिल्मों पर लगाए. कई बार तो ये आयात-निर्यात का हिसाब बिगड़ भी जाता था. एक बार तो ऐसा बिगड़ा कि उनके पास घर का किराया देने के भी पैसे नहीं बचे.

लीना मणिमेकलाई ने 2011 में अपना फीचर फिल्म डेब्यू किया. उन्होंने 'सेनगदल' नाम की तमिल फिल्म बनाई. ये फिल्म इंडिया-श्रीलंका की पॉलिटिक्स के बारे में थी. रीजनल सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म की रिलीज़ पर बैन लगा दिया. उनका कहना था कि ये फिल्म भारत और श्रीलंका के बारे में कई आपत्तिजनक टिप्पणियां करती है. कहा फ़िल्म में कई शब्द असंसदीय और भद्दे हैं. लीना की इतनी कहानी जानने के बाद आप ये तो समझ ही गए होंगे कि वो गिव-अप तो नहीं ही करेंगी. नहीं कीं. फिल्म अपीलेट ट्रिब्यूनल के सामने रखी. और, फ़िल्म को बिना किसी के कट के पास कर दिया गया.

अब वो 'काली' के साथ वापसी कर रही हैं. फिल्म और डॉक्यूमेंट्री के अलावा लीना कविताएं भी लिखती और परफॉर्म करती हैं. वो खुद को बाइसेक्शुअल के तौर पर आइडेंटिफाई करती हैं.

काली की डायरेक्टर को गिरफ़्तार करने की मांग, LGBTQ प्लैग के साथ दिखी हिंदु देवी काली

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement